समास की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण

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चलिए आज हम समास की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं।

समास की परिभाषा

कामता प्रसाद गुरु के अनुसार दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को समास कहते हैं।

दूसरे शब्दों में कहा जाए तो समास वह क्रिया है, जिसके द्वारा हिंदी में कम से कम शब्दों से अधिक से अधिक अर्थ प्रकट किये जा सके उसे समास कहते है।

समास

समास के प्रकार

समासों के परम्परागत छ: प्रकार हैं जो निम्नानुसार हैं।

1. अव्ययीभाव समास

ऐसा पद जिसमें समस्त पद में कोई एक पद अव्यय या उपसर्ग हो तथा कोई दूसरा पद संज्ञा हो उसे अव्ययीभाव समास कहते है।

अव्ययीभाव समास के उदाहरण :-

यथाशक्तिशक्ति के अनुसार
यथाकर्मकर्म के अनुसार
यथाविधिविधि के अनुसार
यथोचितजैसा उचित है
यथास्थानजो स्थान निश्चित है
यथासमयसमय के अनुसार
यथासंभवसंभव के अनुसार
यथाक्रमक्रम के अनुसार
यथास्थितिशक्ति के अनुसार
प्रतिदिनप्रत्येक दिन
प्रतिवर्षहर वर्ष
आजन्मजन्म से लेकर
धडाधडधड-धड की आवाज के साथ
घर-घरप्रत्येक घर
यथाशक्तिशक्ति के अनुसार
यथाक्रमक्रम के अनुसार
आमरणम्रत्यु तक
यथाकामइच्छानुसार

2. तत्पुरुष समास

जिस समस्त पद का उत्तर पद प्रधान होता है अर्थात दूसरा शब्द प्रधान होता है वहां तत्पुरुष समास माना जाता हैं।

उदाहरण :- देश के लिए भक्ति = देशभक्ति

  • राजा का पुत्र = राजपुत्र
  • राह के लिए खर्च = राहखर्च
  • राजा का महल = राजमहल

तत्पुरुष समास के भेद

तत्पुरुष समास के मुख्य तौर पर 8 भेद होते है किन्तु विग्रह करने की वजह से कर्ता और सम्बोधन के दो भेदों को लुप्त रखा गया है इसलिए विभक्तियों के आधार पर तत्पुरुष समास के 6 भेद होते है।

  1. कर्म तत्पुरुष
  2. करण तत्पुरुष
  3. सम्प्रदान तत्पुरुष
  4. अपादान तत्पुरुष
  5. सम्बन्ध तत्पुरुष
  6. अधिकरण तत्पुरुष

(i). कर्म तत्पुरुष (को) –

  • वन-गमन – वन को गमन 
  • जेबकतरा – जेब को कतरने वाला
  • अग्निभक्षी – अग्नि को भक्षित करने वाला
  • गगनचुंबी – गगन को चूमने वाला

(ii). करण तत्पुरुष (से/द्वारा/के द्वारा) –

  • भूमिहीन – भूमि से रहित 
  • रोगमुक्त – रोग से मुक्त 
  • दयाद्र – दया से आद्र
  • रत्न जड़ित – रत्नों से जड़ित
  • रोगग्रस्त – रोग से ग्रस्त
  • ज्ञानयुक्त – ज्ञान से युक्त
  • तुलसीकृत – तुलसी के द्वारा कृत
  • श्रमजीवी – श्रम से जीवित रहने वाला

(iii). अपादान तत्पुरुष (से पृथक्) –

  • पदच्युत – पद से च्युत
  • मार्ग भ्रष्ट – मार्ग से भ्रष्ट
  • देश निकाला – देश से निकाला
  • कामचोर – काम से जी चुराने वाला
  • नेत्रहीन – नेत्रों से हीन
  • ऋणमुक्त – ऋण से मुक्त

(iv). संबंध तत्पुरुष (का/के/की) –

  • मंत्रिपरिषद् – मंत्रियों की परिषद्
  • राजमाता – राजा की माता 
  • रामचरित – राम का चरित्र
  • देशभक्त – देश का भक्त 
  • देशभक्ति – देश के लिए भक्ति
  • वनमाली – वन का माली

(v). अधिकरण तत्पुरुष (में/पे/पर) –

  • दानवीर – दान देने में वीर 
  • घुड़सवार – घोड़े पर सवार 
  • जीवदया – जीवो पर दया 
  • वनवास – वन में वास
  • घुड़सवार – घोड़े पर सवार
  • शिलालेख – शिला पर लेख

3. कर्मधारय समास

जहाँ उत्तर पद प्रधान हो तथा ऐसे शब्दों का मेल हो, जिनमें से एक विशेष्य तथा दूसरा विशेषण होता है, या एक उपमेय तथा दूसरा उपमान होता है तो उसे कर्मधारय समास कहते हैं।

उदाहरण :- चरणकमल = कमल के समान चरण

  • चन्द्रमुख = चन्द्र जैसा मुख
  • पीताम्बर =पीत है जो अम्बर
  • लालमणि = लाल है जो मणि
  • महादेव = महान है जो देव
  • नवयुवक = नव है जो युवक

कर्मधारय समास के भेद

  • विशेषणोंभयपद कर्मधारय समास
  • विशेष्योभयपद कर्मधारय समास
  • विशेषणपूर्वपद कर्मधारय समास
  • विशेष्यपूर्वपद कर्मधारय समास
  • विशेषण पूर्वपद कर्मधारय समास

4. द्विगु समास

जिस समास का पहला पद संख्यावाचक विशेषण हो तथा समस्त पद समूह का अर्थ देता हो उसे द्विगु समास कहते हैं।

द्विगु समास के उदाहरण :-

  • दोपहर = दो पहरों का समाहार
  • त्रिवेणी = तीन वेणियों का समूह
  • त्रिलोक =तीन लोकों का समाहार
  • शताब्दी = सौ अब्दों का समूह
  • सतसई = सात सौ पदों का समूह
  • त्रिभुज = तीन भुजाओं का समाहार

5. द्वन्द्व समास

जिस शब्द के दोनों पद प्रधान हो और विग्रह करने पर और, एवं, या, अथवा शब्द लगता है उसे द्वन्द्व समास कहते हैं।

द्वन्द समास के उदाहरण :–

  • जलवायु = जल और वायु
  • पाप-पुण्य = पाप और पुण्य
  • राधा-कृष्ण = राधा और कृष्ण
  • नर-नारी = नर और नारी
  • गुण-दोष = गुण और दोष
  • अमीर-गरीब = अमीर और गरीब

6. बहुव्रीहि समास

बहुव्रीहि समास ऐसा समास होता है जिसके समस्त्पदों में से कोई भी पद प्रधान नहीं होता एवं दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की और संकेत करते हैं वह समास बहुव्रीहि समास कहलाता है।

बहुव्रीहि समास के उदाहरण

  • चतुर्भुज = चार भुजाओं वाला (विष्णु)
  • चक्रधर = चक्र को धारण करने वाला (विष्णु)
  • स्वेताम्बर = सफेद वस्त्रों वाली (सरस्वती)
  • गजानन = गज का आनन है जिसका (गणेश)
  • नीलकंठ = नीला है कंठ जिसका (शिव)
  • दशानन = दश हैं आनन जिसके (रावण)

समास के उदाहरण

हाथ के लिए कड़ीहथकड़ी
नील और कमलनीलकमल
रसोई के लिए घररसोईघर
राजा का पुत्रराजपुत्र
नौ रत्नों का समूहनवरत्न
तीन भुवनों का समूहत्रिभुवन
सात दीपों का समूहसप्तदीप
सात मंजिलों का समूहसतमंजिल
मत को देने वालामतदाता
गिरह को काटने वालागिरहकट
मुँह से माँगामुँहमाँगा
गुणों से हीनगुणहीन
युद्ध के लिए भूमियुद्धभूमि
धन से हीनधनहीन
भय से भीतभयभीत
जन्म से अन्धाजन्मान्ध
प्रेम का सागरप्रेमसागर
दिन की चर्यादिनचर्या
भारत का रत्नभारतरत्न
काली है जो मिर्चकालीमिर्च
पीत (पीला) है जो अम्बरपीताम्बर
चन्द्र के समान मुख वालीचन्द्रमुखी
सद् हैं जो गुणसद्गुण

समास से संबंधित प्रश्न उत्तर

1. पूर्वपद संख्यावाची शब्द है?

A. अव्ययीभाव
B. द्वन्द्व
C. कर्मधारय
D. द्विगु

उत्तर :- द्विगु

2. ‘यथास्थान’ सामासिक शब्द का विग्रह होगा?

A. यथा और स्थान
B.स्थान के अनुसार
C. यथा का स्थान
D. स्थान का यथा

उत्तर :- स्थान के अनुसार

3. जिस समास में दोनों पदों के माध्यम से एक विशेष (तीसरे) अर्थ का बोध होता है, उसे कहते हैं?

A. अव्ययीभाव
B. द्विगु
C. तत्पुरुष
D. बहुव्रीहि

उत्तर :- बहुव्रीहि

4. किस समास में शब्दों के मध्य में संयोजक शब्द का लोप होता है?

A. द्विगु
B. तत्पुरुष
C. द्वन्द्व 
D. अव्ययीभाव

उत्तर :- द्वन्द्व

5. ‘जन्मान्ध’ शब्द है?

A. कर्मधारय
B. तत्पुरुष
C. बहुव्रीहि
D. द्विगु

उत्तर :- तत्पुरुष

6. मतदाता’ सामासिक शब्द का विग्रह होगा?

A. मत को देने वाला
B. मत का दाता
C. मत के लिए दाता 
D. मत और दाता

उत्तर :- मत को देने वाला

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