मुहावरे की परिभाषा, मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

इस पेज पर आप मुहावरे की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए क्योंकि गवर्मेंट परीक्षा में मुहावरे से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।

पिछले पेज पर हमने उपसर्ग और प्रत्यय की जानकारी शेयर की हैं तो उस पोस्ट को भी पढ़े।

चलिए आज हम मुहावरे की परिभाषा, मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग करने की समस्त जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।

मुहावरे की परिभाषा

मुहावरे अरबी भाषा का शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ अभ्यास करना होता है जो शब्द अपने साधारण अर्थ को छोड़ कर विशेष अर्थ को व्यक्त करते है हिंदी मे ऐसे वाक्यांश को मुहावरा कहा जाता हैं।

मुहावरे किसी भाषा विशेष में प्रचलित उस अभिव्यक्तिक इकाई को कहते हैं जिसका प्रयोग प्रत्यक्षार्थ से अलग रूढ़ लक्ष्यार्थ के लिए किया जाता है।

मुहावरे को अंग्रेजी में Idioms कहते है।

मुहावरे को वाक्य में प्रयोग करने के सामान्य नियम निम्न लिखित हैं।

उदाहरण :-

नौ दो ग्यारह होना

नौ दो ग्यारह होना, मुहावरे का अर्थ – भाग जाना

मुहावरे का वाक्य प्रयोग इस प्रकार करेंगे कि भाग जाना अर्थ न लिख कर नौ दो ग्यारह लिखेंगे।

जैसे :- पुलिस को देखकर चोर नौ दो ग्यारह हो गये।

नीचे कुछ महत्वपूर्ण मुहावरे, उनके अर्थ और वाक्य में प्रयोग दिए गए है।

‘अ’ शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

1. अक्ल पर पत्थर पढ़ना – बुद्धि भष्ट होना

वाक्य में प्रयोग :- विद्वान और वीर होकर भी रावण की अक्ल पर पत्थर ही पड़ गया था कि उसने राम की पत्नी का अपहरण किया।

2. अंक भरना – स्नेह से लिपटा लेना

वाक्य में प्रयोग :- माँ ने देखते ही बेटी को अंक भर लिया।

3. अंग टूटना – थकान का दर्द

वाक्य में प्रयोग :- इतना काम करना पड़ा कि आज अंग टूट रहे है।

4. अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना – स्वयं अपनी प्रशंसा करना

वाक्य में प्रयोग :- अच्छे आदमियों को अपने मुहँ मियाँ मिट्ठू बनना शोभा नहीं देता।

5. अक्ल चरने जाना – समझ का अभाव होना

वाक्य में प्रयोग :- इतना सी बीत भी समझ नहीं सके क्या अक्ल चरने गई है।

6. अपने पैरों पर खड़ा होना – स्वालंबी होना

वाक्य में प्रयोग :- युवकों को अपने पैरों पर खड़े होने पर ही विवाह करना चाहिए।

7. अक्ल का दुश्मन – मूर्ख

वाक्य में प्रयोग :- राम तुम मेरी बात क्यों नहीं मानते, लगता है आजकल तुम अक्ल के दुश्मन हो गए हो।

8. अपना उल्लू सीधा करना – मतलब निकालना

वाक्य में प्रयोग :- आजकल के नेता अपना उल्लू सीधा करने के लिए ही लोगों को भड़काते है।

9. अंगारों पर लेटना – दुःख सहना

वाक्य में प्रयोग :- वह उसकी तरक्की देखते ही अंगारों पर लोटने लगा। मैं जीवन भर अंगारों पर लोटता रहा हूँ।

10. अँगूठा दिखाना – समय पर धोखा देना

वाक्य में प्रयोग :- अपना काम तो निकाल लिया, पर जब मुझे जरूरत पड़ी, तब अँगूठा दिखा दिया। भला, यह भी कोई मित्र का लक्षण है।

11. अँचरा पसारना – माँगना, याचना करना

वाक्य में प्रयोग :- हे देवी मैया, अपने बीमार बेटे के लिए आपके आगे अँचरा पसारती हूँ। उसे भला-चंगा कर दो, माँ।

12. अण्टी मारना – चाल चलना

वाक्य में प्रयोग :- ऐसी अण्टीमारो कि बच्चू चारों खाने चित गिरें।

13. अण्ड-बण्ड कहना – भला-बुरा या अण्ट- सण्ट कहना

वाक्य में प्रयोग :- क्या अण्ड-बण्ड कहे जा रहे हो। वह सुन लेगा, तो कचूमर ही निकाल छोड़ेगा।

14. अन्धाधुन्ध लुटाना – बिना विचारे व्यय

वाक्य में प्रयोग :- अपनी कमाई भी कोई अन्धाधुन्ध लुटाता है।

15. अन्धा बनना – आगे-पीछे कुछ न देखना

वाक्य में प्रयोग :- धर्म से प्रेम करो, पर उसके पीछे अन्धा बनने से तो दुनिया नहीं चलती।

16. अन्धा बनाना – धोखा देना

वाक्य में प्रयोग :- मायामृग ने रामजी तक को अन्धा बनाया था। इस माया के पीछे मौजीलाल अन्धे बने तो क्या।

17. अन्धा होना – विवेकभ्रष्ट होना

वाक्य में प्रयोग :- अन्धे हो गये हो क्या, जवान बेटे के सामने यह क्या जो-सो बके जा रहे हो

18. अन्धे की लकड़ी – एक ही सहारा

वाक्य में प्रयोग :- भाई, अब तो यही एक बेटा बचा, जो मुझे अन्धे की लकड़ी है। इसे परदेश न जाने दूँगा।

19. अन्धेरखाता – अन्याय

वाक्य में प्रयोग :- मुँहमाँगा दो, फिर भी चीज खराब। यह कैसा अन्धेरखाता है।

20. अन्धेर नगरी – जहाँ धांधली का बोलबाला हो

वाक्य में प्रयोग :- इकत्री का सिक्का था, तो चाय इकत्री में मिलती थी, दस पैसे का निकला, तो दस पैसे में मिलने लगी। यह बाजार नहीं, अन्धेरनगरी ही है।

21. अकेला दम – अकेला

वाक्य में प्रयोग :- मेरा क्या अकेला दम हूँ जिधर सींग समायेगा चल दूँगा।

22. अक्ल की दुम – अपने को बड़ा होशियार लगानेवाला

वाक्य में प्रयोग :- दस तक का पहाड़ा भी तो आता नहीं, मगर अक्ल की दुम साइन्स का पण्डित बनता है।

23. अगले जमाने का आदमी – सीधा-सादा, ईमानदार

वाक्य में प्रयोग :- आज की दुनिया ऐसी हो गई कि अगले जमाने का आदमी बुद्धू समझा जाता है।

24. अढाई दिन की हुकूमत – कुछ दिनों की शानोशौकत

वाक्य में प्रयोग :- जनाब, जरा होशियारी से काम लें। यह अढाई दिन की हुकूमत जाती रहेगी।

25. अत्र-जल उठना – रहने का संयोग न होना, मरना

वाक्य में प्रयोग :- मालूम होता है कि तुम्हारा यहाँ से अत्र-जल उठ गया है, जो सबसे बिगाड़ किये रहते हो।

26. अत्र-जल करना – जलपान, नाराजगी आदि के कारण निराहार के बाद आहार-ग्रहण

वाक्य में प्रयोग :- भाई, बहुत दिनों पर आये हो। अत्र-जल तो करते जाओ।

27. अत्र लगना – स्वस्थ रहना

वाक्य में प्रयोग :- उसे ससुराल का ही अत्र लगता है। इसलिए तो वह वहीं का हो गया।

28. अपना किया पाना – कर्म का फल भोगना

वाक्य में प्रयोग :- बेहूदों को जब मुँह लगाया है, तो अपना किया पाओ। झखते क्या हो ?

29. अपना-सा मुँह लेकर रह जाना – शर्मिन्दा होना

वाक्य में प्रयोग :- आज मैंने ऐसी चुभती बात कही कि वे अपना-सा मुँह लिए रह गये।

30. अपनी खिचड़ी अलग पकाना – स्वार्थी होना, अलग रहना

वाक्य में प्रयोग :- यदि सभी अपनी खिचड़ी अलग पकाने लगें, तो देश और समाज की उत्रति होने से रही।

31. अपने पाँव आप कुल्हाड़ी मारना – संकट मोल लेना

वाक्य में प्रयोग :- उससे तकरार कर तुमने अपने पाँव आप कुल्हाड़ी मारी है।

32. अब-तब करना – बहाना करना

वाक्य में प्रयोग :- कोई भी चीज माँगो, वह अब-तब करना शुरू कर देगा।

33. अब-तब होना – परेशान करना या मरने के करीब होना

वाक्य में प्रयोग :- दवा देने से क्या वह तो अब-तब हो रहा है।

34. अंग-अंग ढीला होना – अत्यधिक थक जाना

वाक्य में प्रयोग :- विवाह के अवसर पर दिन भर मेहमानों के स्वागत में लगे रहने से मेरा अंग-अंग ढीला हो रहा हैं।

35. अंगारे उगलना – कठोर और कड़वी बातें कहना

वाक्य में प्रयोग :- मित्र अवश्य कोई बात होगी बिना बात कोई क्यों अंगारे उगलेगा।

36. अंगारों पर लोटना – ईर्ष्या से व्याकुल होना

वाक्य में प्रयोग :- मेरे सुख को देखकर रामू अंगारों पर लोटता हैं।

37. अँगुली उठाना – किसी के चरित्र या ईमानदारी पर संदेह व्यक्त करना

वाक्य में प्रयोग :- मित्र हमें ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे कोई हम पर अँगुली उठाए।

38. अँगुली पकड़कर पहुँचा पकड़ना – थोड़ा पाकर अधिक पाने की कोशिश करना

वाक्य में प्रयोग :- जब भिखारी एक रुपया देने के बाद और रुपए मांगने लगा तो मैंने उससे कहा- अँगुली पकड़कर पहुँचा पकड़ते हो, जाओ यहाँ से।

39. अँगूठा छाप – अनपढ़

वाक्य में प्रयोग :- रामेश्वर अँगूठा छाप हैं, परंतु अब वह पढ़ना चाहता हैं।

40. अंगूर खट्टे होना – कोई वस्तु न मिलने पर उससे विरक्त होना

वाक्य में प्रयोग :- जब लोमड़ी को अंगूर नहीं मिले तो वह कहने लगी कि अंगूर खट्टे हैं।

41. अंजर-पंजर ढीला होना – शरीर शिथिल होना या बहुत थक जाना

वाक्य में प्रयोग :- दिन-भर भागते-भागते आज तो मेरा अंजर-पंजर ढीलाहो गया।

42. अंडे सेना – घर से बाहर न निकलना; घर में ही बैठे रहना

वाक्य में प्रयोग :- रामू की पत्नी ने कहा कि कुछ काम करो, अंडे सेने से काम नहीं चलेगा।

43. अंतड़ियों के बल खोलना – बहुत दिनों के बाद भरपेट भोजन करना

वाक्य में प्रयोग :- आज पंडित जी का न्योता हैं, आज वे अपनी अंतड़ियों के बल खोल देंगे।

44. अंतड़ियों में बल पड़ना – पेट में दर्द होना

वाक्य में प्रयोग :- दावत में खाना अधिक खाकर मेरी तो अंतड़ियों में बल पड़ गए।

45. अंतिम घड़ी आना – मौत निकट आना

वाक्य में प्रयोग :- शायद रामू की दादी की अंतिम घड़ी आ गई हैं। वह पंद्रह दिन से बिस्तर पर पड़ी हैं।

46. अंधा बनना – ध्यान न देना

वाक्य में प्रयोग :- अरे मित्र तुम तो जान-बुझकर अंधे बन रहे हो- सब जानते हैं कि रामू पैसे वापस नहीं करता, फिर भी तुमने उसे पैसे उधार दे दिए।

47. अंधे के हाथ बटेर लगना – अनाड़ी आदमी को सफलता प्राप्त होना

वाक्य में प्रयोग :- रामू मात्र आठवीं पास हैं, फिर भी उसकी सरकारी नौकरी लग गई। इसी को कहते हैं- अंधे के हाथ बटेर लगना।

48. अंधे को दो आँखें मिलना – मनोरथ सिद्ध होना

वाक्य में प्रयोग :- एम.ए., बी.एड. करते ही प्रेम की नौकरी लग गई। उसे और क्या चाहिए- अंधे को दो आँखें मिल गई।

49. अंधेर मचना – अत्याचार करना

वाक्य में प्रयोग :- औरंगजेब ने अपने शासनकाल में बहुत अंधेर मचाया था।

50. अक्ल का अंधा – मूर्ख व्यक्ति

वाक्य में प्रयोग :- वह अक्ल का अंधा नहीं, जैसा कि आप समझते हैं।

51. अक्ल के पीछे लट्ठ लेकर फिरना – हर वक्त मूर्खता का काम करना

वाक्य में प्रयोग :- रमेश तो हर वक्त अक्ल के पीछे लट्ठ लिए फिरता हैं- चीनी लेने भेजा था, नमक लेकर आ गया।

52. अक्ल घास चरने जाना – वक्त पर बुद्धि का काम न करना

वाक्य में प्रयोग :- अरे मित्र लगता हैं, तुम्हारी अक्ल घास चरने गई हैं तभी तो तुमने सरकारी नौकरी छोड़ दी।

53. अक्ल ठिकाने लगना – गलती समझ में आना

वाक्य में प्रयोग :- जब तक उस चोर को पुलिस के हवाले नहीं करोगे, उसकी अक्ल ठिकाने नहीं आएगी।

54. अगर-मगर करना – तर्क करना या टालमटोल करना

वाक्य में प्रयोग :- ज्यादा अगर-मगर करो तो जाओ यहाँ से; हमें तुम्हारे जैसा नौकर नहीं चाहिए।

55. अपना सिक्का जमाना – अपनी धाक या प्रभुत्व जमाना

वाक्य में प्रयोग :- रामू ने कुछ ही दिनों में अपने मोहल्ले में अपना सिक्का जमा लिया हैं।

56. अपना सिर ओखली में देना – जान-बूझकर संकट मोल लेना

वाक्य में प्रयोग :- खटारा स्कूटर खरीदकर मोहन ने अपना सिर ओखली में दे दिया हैं।

57. अपनी खाल में मस्त रहना – अपने आप में संतुष्ट रहना

वाक्य में प्रयोग :- वह तो अपनी खाल में मस्त रहता हैं, उसे किसी से कोई मतलब नहीं हैं।

58. अढाई चावल की खिचड़ी अलग पकाना – सबसे अलग रहना

वाक्य में प्रयोग :- मोहन आजकल अढ़ाई चावल की खिचड़ी अलग पकाते है।

59. अंगारों पर पैर रखना – अपने को खतरे में डालना, इतराना

वाक्य में प्रयोग :- भारतीय सेना अंगारों पर पैर रखकर देश की रक्षा करते है।

60. अक्ल के घोड़े दौड़ाना – कल्पनाएँ करना

वाक्य में प्रयोग :- वह हमेशा अक्ल के घोड़े दौड़ाता रहता है।

आ शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

61. आँख भर आना – आँसू आना

वाक्य में प्रयोग :- बेटी की विदाई पर माँ की आखें भर आयी।

62. आँखों में बसना – हृदय में समाना

वाक्य में प्रयोग :- वह इतना सुंदर है की उसका रूप मेरी आखों में बस गया है।

63. आँखे खुलना – सचेत होना

वाक्य में प्रयोग :- ठोकर खाने के बाद ही बहुत से लोगों की आँखे खुलती है।

64. आँख का तारा – बहुत प्यारा

वाक्य में प्रयोग :- आज्ञाकारी बच्चा माँ-बाप की आँखों का तारा होता है।

65. आँखे दिखाना – बहुत क्रोध करना

वाक्य में प्रयोग :- राम से मैंने सच बातें कह दी, तो वह मुझे आँख दिखाने लगा।

66. आँच न आने देना – जरा भी कष्ट या दोष न आने देना

वाक्य में प्रयोग :- तुम निश्र्चिन्त रहो तुम पर आँच न आने दूँगा।

67. आस्तीन का साँप – कपटी मित्र

वाक्य में प्रयोग :- उससे सावधान रहो। आस्तीन का साँप है वह।

68. आसमान टूट पड़ना – गजब का संकट पड़ना

वाक्य में प्रयोग :- पाँच लोगों को खिलाने-पिलाने में ऐसा क्या आसमान टूट पड़ा कि तुम सारा घर सिर पर उठाये हो

69. आकाश-पाताल एक करना – अत्यधिक उद्योग/परिश्रम करना

वाक्य में प्रयोग :- सूरज ने इंजीनियर पास करने के लिए आकाश-पाताल एक कर दिया।

70. आँचल पसारना – प्रार्थना करना या किसी से कुछ माँगना

वाक्य में प्रयोग :- मैं ईश्वर से आँचल पसारकर यही माँगता हूँ कि तुम कक्षा में उत्तीर्ण हो जाओ।

71. आँतें बुलबुलाना – बहुत भूख लगना

वाक्य में प्रयोग :- मैंने सुबह से कुछ नहीं खाया, मेरी आँतें कुलबुला रही हैं।

72. आँतों में बल पड़ना – पेट में दर्द होना

वाक्य में प्रयोग :- रात की पूड़ियाँ खाकर मेरी आँतों में बल पड़ गए।

73. आँधी के आम होना – बहुत सस्ता होना

वाक्य में प्रयोग :- आजकल तो आलू आँधी के आम हो रहे हैं, जितने चाहो, ले लो।

74. आँसू पीना या पीकर रहना – दुःख या कष्ट में भी शांत रहना

वाक्य में प्रयोग :- जब राकेश कक्षा में फेल हो गया तो वह आँसू पीकर रह गया।

75. आकाश का फूल होना – अप्राप्य वस्तु

वाक्य में प्रयोग :- आजकल दिल्ली में घर खरीदना तो आकाश का फूल हो रहा हैं।

76. आकाश के तारे तोड़ लाना – असंभव कार्य करना

वाक्य में प्रयोग :- श्याम हमेशा आकाश के तारे तोड़ने की बात करता हैं।

77. आग उगलना – कड़वी बातें कहना

वाक्य में प्रयोग :- रमेश तो हमेशा आग उगलता रहता हैं।

78. आकाश से बातें करना – अत्यधिक ऊँचा होना

वाक्य में प्रयोग :- मुंबई की इमारतें तो आकाश से बातें करती हैं।

79. आग बबूला होना – अति क्रुद्ध होना

वाक्य में प्रयोग :- राधा जरा-सी बात पर आग बबूला हो गई।

80. आग पर लोटना – ईर्ष्या से जलना

वाक्य में प्रयोग :- मेरी कार खरीदने की बात सुनकर रामू आग पर लोटने लगा।

81. आग में घी डालना – क्रोध को और भड़काना

वाक्य में प्रयोग :- आपसी लड़ाई में अनुपम के आँसुओं ने आग में घी डाल दिया

82. आग लगने पर कुआँ खोदना – विपत्ति आने पर/ऐन मौके पर प्रयास करना

वाक्य में प्रयोग :- मित्र, पहले से कुछ करो। आग लगने पर कुआँ खोदना ठीक नहीं।

83. आग लगाकर तमाशा देखना – दूसरों में झगड़ा कराके अलग हो जाना

वाक्य में प्रयोग :- वह तो आग लगाकर तमाशा देखने वाला हैं, वह तुम्हारी क्या मदद करेगा।

84. आटे-दाल का भाव मालूम होना – दुनियादारी का ज्ञान होना या कटु परिस्थिति का अनुभव होना

वाक्य में प्रयोग :- जब पिता की मृत्यु हो गई तो राकेश को आटे-दाल का भाव मालूम हो गया।

85. आग से खेलना – खतरनाक काम करना

वाक्य में प्रयोग :- मित्र, तस्करी करना बंद कर दो, तुम क्यों आग से खेल रहे हो।

86. आग हो जाना – अत्यन्त क्रोधित हो जाना

वाक्य में प्रयोग :- सुनिल के स्वभाव से सब परिचित हैं, वह एक ही पल में आग हो जाता हैं।

87. आगा-पीछा न सोचना – कार्य करते समय हानि-लाभ के बारे में न सोचना

वाक्य में प्रयोग :- कुणाल कुछ भी करने से पहले आगा-पीछा नहीं सोचता।

88. आज-कल करना – टालमटोल करना

वाक्य में प्रयोग :- राजू कह रहा था कि उसके दफ्तर में कोई काम नहीं करता, सब आज-कल करते हैं।

89. आटे के साथ घुन पिसना – अपराधी के साथ निर्दोष को भी सजा मिलना

वाक्य में प्रयोग :- राघव तो जुआरियों के पास केवल खड़ा हुआ था, पुलिस उसे भी पकड़कर ले गई। इसे ही कहते हैं- आटे के साथ घुन पिसना।

90. आधा तीतर आधा बटेर – बेमेल वस्तुएँ

वाक्य में प्रयोग :- राजू तो आधा तीतर, आधा बटेर हैं- हिंदुस्तानी धोती-कुर्ते के साथ सिर पर अंग्रेजी टोप पहनता हैं।

91. आसमान पर उड़ना – थोड़ा पैसा पाकर इतराना

वाक्य में प्रयोग :- उसकी 10 हजार की लॉटरी क्या खुल गई, वह तो आसमान पर उड़ रहा हैं।

92. आसमान पर चढ़ना – बहुत अभिमान करना

वाक्य में प्रयोग :- आजकल मदन का मिजाज आसमान पर चढ़ा हुआ दिखाई देता हैं।

93. आसमान पर थूकना – किसी महान् व्यक्ति को बुरा-भला कहना

वाक्य में प्रयोग :- नेताजी सुभाषचंद्र बोस एक महान् देशभक्त थे उनके बारे में कुछ कहना-आसमान पर थूकने जैसा हैं।

94. आसमान पर मिजाज होना – अत्यधिक अभिमान होना

वाक्य में प्रयोग :- सरकारी नौकरी लगने के बाद उसका आसमान पर मिजाज हो गया हैं।

95. आसमान सिर पर उठाना – अत्यधिक ऊधम मचाना

वाक्य में प्रयोग :- इस बच्चे ने तो आसमान सिर पर उठा लिया हैं, इसे ले जाओ यहाँ से।

96. आसमान सिर पर टूटना – बहुत मुसीबत आना

वाक्य में प्रयोग :- पिता के मरते ही राजू के सिर पर आसमान टूट पड़ा।

97. आसमान से गिरे, खजूर में अटके – एक परेशानी से निकलकर दूसरी परेशानी में आना

वाक्य में प्रयोग :- अध्यापक की मदद से राजू गणित में तो पास हो गया, परंतु विज्ञान में उसकी कम्पार्टमेंट आ गई। इसी को कहते हैं आसमान से गिरे, खजूर में अटके।

98. आस्तीन चढ़ाना – लड़ने को तैयार होना

वाक्य में प्रयोग :- मुन्ना हर वक्त आस्तीन चढ़ाकर रखता हैं।

99. आँधी के आम – बिना परिश्रम के मिली वस्तु

वाक्य में प्रयोग :- आँधी के आमों की तरह से मिली दौलत बहुत दिनों तक नहीं रुकती।

100. आखिरी साँसें गिनना – मरणासन्न होना

वाक्य में प्रयोग :- मदन की माँ आखिरी साँस ले रही है, सभी डॉक्टरों ने जवाब दे दिया है।

इ शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

101. इंद्र की परी – बहुत सुन्दर स्त्री

वाक्य में प्रयोग :- राधा तो इंद्र की परी हैं, वह तो विश्व सुन्दरी बनेगी।

102. इज्जत उतारना – अपमानित करना

वाक्य में प्रयोग :- जब चीनी लेकर पैसे नहीं दिए तो दुकानदार ने ग्राहक की इज्जत उतार दी।

103. इज्जत मिट्टी में मिलाना – प्रतिष्ठा या सम्मान नष्ट करना

वाक्य में प्रयोग :- रामू की शराब की आदत ने उसके परिवार की इज्जत मिट्टी में मिला दी हैं।

104. इधर-उधर की लगाना या इधर की उधर लगाना – चुगली करना

वाक्य में प्रयोग :- मित्र, इधर-उधर की लगाना छोड़ दो, बुरी बात हैं।

105. इधर-उधर की हाँकना – बेकार की बातें करना या गप मारना

वाक्य में प्रयोग :- वह हमेशा इधर-उधर की हाँकता रहता हैं, कभी बैठकर पढ़ता नहीं।

106. इस हाथ देना, उस हाथ लेना – तुरन्त फल मिलना

वाक्य में प्रयोग :- रामदीन तो इस हाथ दे, उस हाथ ले में विश्वास करता हैं।

107. इंतकाल होना – मर जाना

वाक्य में प्रयोग :- पिता के इंतकाल के बाद सारे घर की जिम्मेदारी अब फारुख के कंधों पर ही है।

108. इशारे पर नाचना – वश में हो जाना

वाक्य में प्रयोग :- जो व्यक्ति अपनी पत्नी के इशारे पर नाचता है वह अपने माँ-बाप की कहाँ सुनेगा।

ई शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

109. ईंट से ईंट बजाना – युद्धात्मक विनाश लाना

वाक्य में प्रयोग :- शुरू में तो हिटलर ने यूरोप में ईट-से-ईट बजा छोड़ी, मगर बाद में खुद उसकी ईंटे बजनी लगी।

110. ईंट का जबाब पत्थर से देना – जबरदस्त बदला लेना

वाक्य में प्रयोग :- भारत अपने दुश्मनों को ईंट का जबाब पत्थर से देगा।

111. ईद का चाँद होना – बहुत दिनों बाद दिखाई देना

वाक्य में प्रयोग :- तुम तो कभी दिखाई ही नहीं देते, तुम्हे देखने को तरस गया, ऐसा लगता है कि तुम ईद के चाँद हो गए हो।

112. ईमान बेचना – बेईमानी करना

वाक्य में प्रयोग :- मित्र ईमान बेचने से कुछ नहीं होगा, परिश्रम करके खाओ।

उ शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

113. उड़ती चिड़िया को पहचानना – मन की या रहस्य की बात तुरंत जानना

वाक्य में प्रयोग :- कोई मुझे धोखा नही दे सकता। मै उड़ती चिड़िया पहचान लेता हुँ।

114. उन्नीस बीस का अंतर होना – थोड़ा-सा अन्तर

वाक्य में प्रयोग :- रामू और मोहन की सूरत में बस उन्नीस-बीस का अन्तर हैं।

115. उलटी गंगा बहाना – अनहोनी या लीक से हटकर बात करना

वाक्य में प्रयोग :- अमित हमेशा उल्टी गंगा बहाता हैं कह रहा था कि वह हाथों के बल चलकर स्कूल जाएगा।

116. उँगली उठाना – बदनाम करना या दोषारोपण करना

वाक्य में प्रयोग :- किसी पर खाहमखाह उँगली उठाना गलत हैं।

117. उड़ जाना – खर्च हो जाना

वाक्य में प्रयोग :- अरे मित्र महीना पूरा होने से पहले ही सारा वेतन उड़ जाता हैं।

118. उड़ती खबर – अफवाह

वाक्य में प्रयोग :- मित्र, ये तो उड़ती खबर हैं। प्रधानमंत्री को कुछ नहीं हुआ।

119. उड़न-छू हो जाना – गायब हो जाना

वाक्य में प्रयोग :- जो भी हाथ लगा, चोर वही लेकर उड़न-छूहो गया।

120. उबल पड़ना – एकाएक क्रोधित होना

वाक्य में प्रयोग :- दादी माँ से सब बच्चे डरते हैं, पता नहीं वे कब उबल पड़ें।

121. उलटी माला फेरना – बुराई या अनिष्ट चाहना

वाक्य में प्रयोग :- जब आयुष को रमेश ने चाँटा मारा तो वह उल्टी माला फेरने लगा।

122. उलटी-सीधी जड़ना – झूठी शिकायत करना

वाक्य में प्रयोग :- उल्टी-सीधी जड़ना तो माया की आदत हैं।

123. उलटी-सीधी सुनाना – डाँटना-फटकारना

वाक्य में प्रयोग :- जब माला ने दादी का कहना नहीं माना तो वे उसे उल्टी-सीधी सुनाने लगीं।

124. उलटे छुरे से मूँड़ना – ठगना

वाक्य में प्रयोग :- प्रयाग में पण्डे और रिक्शा वाले गरीब ग्रामीणों को उल्टे छुरे से मूँड़ देते हैं।

125. उलटे पाँव लौटना – बिना रुके, तुरंत वापस लौट जाना

वाक्य में प्रयोग :- मनीष के घर पर ताला लगा था इसलिए मैं उलटे पाँव लौट आया।

126. उल्लू बनाना – बेवकूफ बनाना

वाक्य में प्रयोग :- कल एक साधु, ममता को उल्लू बनाकर उससे रुपए ले गया।

127. उल्लू सीधा करना – अपना स्वार्थ सिद्ध करना

वाक्य में प्रयोग :- मुझे ज्ञात हैं, तुम यहाँ अपना उल्लू सीधा करने आए हो।

128. उँगलियों पर नचाना – वश में करना

वाक्य में प्रयोग :- इब्राहीम की पत्नी तो उसे अपनी उँगलियों पर नचाती है।

129. उगल देना – भेद प्रकट कर देना

वाक्य में प्रयोग :- जब पुलिस के डंडे पड़े तो उस चोर ने सब कुछ सच-सच उगल दिया।

130. उठ जाना – मर जाना

वाक्य में प्रयोग :- जो भले लोग होते हैं उनके उठ जाने के बाद भी दुनिया उन्हें याद करती है।

ऊ शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

131. ऊँच-नीच समझाना – भलाई-बुराई के बारे में बताना

वाक्य में प्रयोग :- माँ ने पुत्री ममता को ऊँच-नीच समझाकर ही पिकनिक पर जाने दिया।

132. ऊँट के गले में बिल्ली बाँधना – बेमेल काम करना

वाक्य में प्रयोग :- कम उम्र की लड़की का अधेड़ उम्र के व्यक्ति के साथ विवाह करना ऊँट के गले में बिल्ली बाँधना हैं।

133. ऊँट के मुँह में जीरा – अधिक आवश्यकता वाले के लिए थोड़ा सामान

वाक्य में प्रयोग :- पेटू रामदीन के लिए दो रोटी तो ऊँट के मुँह में जीरा हैं।

134. ऊल-जलूल बकना – अंट-शंट बोलना

वाक्य में प्रयोग :- वह तो यूँ ही ऊल-जलूल बकता रहता हैं, उसकी बात पर कोई ध्यान नहीं देता।

135. ऊसर में बीज बोना या डालना – व्यर्थ कार्य करना

वाक्य में प्रयोग :- मैंने कौशिक से कहा कि अपने घर में दुकान खोलना तो ऊसर में बीज डालना हैं, कोई और स्थान देखो।

136. ऊँचा सुनना – कुछ बहरा होना

वाक्य में प्रयोग :- जरा जोर से बोलिए, मेरे पिताजी थोड़ा ऊँचा सुनते हैं।

137. ऊँच-नीच समझना – भलाई-बुराई की समझ होना

वाक्य में प्रयोग :- दूसरों को राय देने से पहले तुम्हें ऊँच-नीच समझ लेनी चाहिए।

138. ऊपरी मन से कहना/करना – दिखावे के लिए कहना/करना

वाक्य में प्रयोग :- वह हमेशा ऊपरी मन से खाना खाने के लिए पूछती थी और मैं हमेशा मना कर देता था।

ए शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

139. एक आँख से सबको देखना – सबके साथ एक जैसा व्यवहार करना

वाक्य में प्रयोग :- अध्यापक विद्यालय में सब बच्चों को एक आँख से देखते हैं

140. एँड़ी-चोटी का पसीना एक करना – खूब परिश्रम करना

वाक्य में प्रयोग :- दसवीं कक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए सीमा ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया।

141. एक और एक ग्यारह होना – आपस में संगठित होकर शक्तिशाली होना

वाक्य में प्रयोग :- राजू और रामू पुनः मित्रता करके एक और एक ग्यारह हो गए हैं।

142. एक तीर से दो शिकार करना – एक साधन से दो काम करना

वाक्य में प्रयोग :- रवि एक तीर से दो शिकार करने में माहिर हैं।

143. एक से इक्कीस होना – उन्नति करना

वाक्य में प्रयोग :- सेठ जी की दुकान चल पड़ी हैं, अब तो शीघ्र ही एक से इक्कीस हो जाएँगे।

144. एक ही थैली के चट्टे-बट्टे – एक जैसे स्वभाव के लोग

वाक्य में प्रयोग :- उस कक्षा में तो सब बच्चे एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं- सबके सब ऊधम मचाने वाले।

145. एक ही नाव में सवार होना – एक जैसी परिस्थिति में होना

वाक्य में प्रयोग :- देखते हैं आतंकवादी क्या करते हैं – इस होटल में हम सब एक ही नाव में सवार हैं। अब जो होगा, सबके साथ होगा।

ओ शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

146. ओखली में सिर देना – जान-बूझकर परेशानी में फँसना

वाक्य में प्रयोग :- कल बदमाशों से उलझकर केशव ने ओखली में सिर दे दिया।

147. ओर छोर न मिलना – रहस्य का पता न चलना

वाक्य में प्रयोग :- रोहन विचित्र आदमी हैं, उसकी योजनाओं का कुछ ओर-छोर नहीं मिलता।

औ शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

148. औने के पौने करना – खरीद-फरोख्त में पैसे बचाना या चुराना

वाक्य में प्रयोग :- अभिषेक बहुत सीधा लड़का हैं, वह औने-पौने करना नहीं जानता।

149. औने-पौने निकालना या बेचना – कोई वस्तु बहुत कम पैसों में बेचना

वाक्य में प्रयोग :- वह अपना मकान औने-पौने में निकाल रहा हैं, पर कोई ग्राहक नहीं मिल रहा।

150. और का और होना – विशिष्ट परिवर्तन होना

वाक्य में प्रयोग :- घर में सौतेली माँ के आते ही अनिल के पिताजी और के और हो गए।

क शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

151. कागजी घोड़े दौड़ाना – केवल लिखा-पढ़ी करना, पर कुछ काम की बात न होना

वाक्य में प्रयोग :- आजकल सरकारी दफ्तर में सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ते है; होता कुछ नही।

152. कान देना – ध्यान देना

वाक्य में प्रयोग :- पिता की बातों पर कण दिया करो।

153. कान खोलना – सावधान होना

वाक्य में प्रयोग :- कान खोलकर सुन लो तिम्हें जुआ नही खेलना है।

154. कमर कसना – तैयार होना

वाक्य में प्रयोग :- शत्रुओं से लड़ने के लिए भारतीयों को कमर कसकर तैयार हो जाना चाहिए

155. कबाब होना – क्रोध या ईर्ष्या से जलना

वाक्य में प्रयोग :- मेरी सच्ची बात सुनकर राकेश कबाब हो गया।

156. कबाब में हड्डी होना – सुख-शांति में बाधा होना

वाक्य में प्रयोग :- देखो मित्र, तुम दोनों बात करो, मैं यहाँ बैठकर कबाब में हड्डी नहीं बनूँगा।

157. कमर सीधी करना – आराम करना, लेटना

वाक्य में प्रयोग :- मैं अभी चलता हूँ, जरा कमर सीधी कर लूँ।

158. कलेजा फटना – बहुत दुःख होना

वाक्य में प्रयोग :- उस हृदय-विदारक दुर्घटना से मेरा तो कलेजा फट गया।

159. कलेजे का टुकड़ा – अत्यन्त प्यारा या पुत्र

वाक्य में प्रयोग :- रामू तो अपनी दादी का कलेजे का टुकड़ा हैं।

160. कलेजे में आग लगना – ईर्ष्या होना

वाक्य में प्रयोग :- अपने पड़ोसी की ख़ुशी देखकर शीतल के कलेजे में आग लग गई

ख शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

161. ख़ाक छानना – भटकना

वाक्य में प्रयोग :- नौकरी की खोज में वह खाक छानता रहा।

162. खून-पसीना एक करना – अधिक परिश्रम करना

वाक्य में प्रयोग :- खून पसीना एक करके विद्यार्थी अपने जीवन में सफल होते है।

163. खून खौलना – क्रोधित होना

वाक्य में प्रयोग :- झूठ बातें सुनते ही मेरा खून खौलने लगता है।

164. खून का प्यासा – जानी दुश्मन होना

वाक्य में प्रयोग :- उसकी क्या बात कर रहे हो, वह तो मेरे खून का प्यासा हो गया है।

165. खाक में मिलना – सब कुछ नष्ट हो जाना

वाक्य में प्रयोग :- बाढ़ आने पर उसका सब कुछ खाक में मिल गया।

166. खाने को दौड़ना – बहुत क्रोध में होना

वाक्य में प्रयोग :- मैं अपने ताऊजी के पास नहीं जाऊँगा, वे तो हर किसी को खाने को दौड़ते हैं।

167. खिचड़ी पकाना – गुप्त बात या कोई षड्यंत्र करना

वाक्य में प्रयोग :- छात्रों को खिचड़ी पकाते देख अध्यापक ने उन्हें डाँट दिया।

168. खून-पसीना एक करना – बहुत कठिन परिश्रम करना

वाक्य में प्रयोग :- रामू खून-पसीना एक करके दो पैसे कमाता हैं।

ग शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

169. गले का हार होना – बहुत प्यारा

वाक्य में प्रयोग :- लक्ष्मण राम के गले का हर थे।

170. गर्दन पर सवार होना – पीछा ना छोड़ना

वाक्य में प्रयोग :- जब देखो, तुम मेरी गर्दन पर सवार रहते हो।

171. गागर में सागर भरना – एक रंग -ढंग पर न रहना

वाक्य में प्रयोग :- उसका क्या भरोसा वह तो गिरगिट की तरह रंग बदलता है।

172. गिरगिट की तरह रंग बदलना – बातें बदलना

वाक्य में प्रयोग :- गिरगिट की तरह रंग बदलने से तुम्हारी कोई इज्जत नहीं करेगा।

173. गाल बजाना – डींग हाँकना

वाक्य में प्रयोग :- जो करता है, वही जानता है। गाल बजानेवाले क्या जानें ?

174. गिन-गिनकर पैर रखना – सुस्त चलना, हद से ज्यादा सावधानी बरतना

वाक्य में प्रयोग :- माना कि थक गये हो, मगर गिन-गिनकर पैर क्या रख रहे हो शाम के पहले घर पहुँचना है या नहीं

175. गुस्सा पीना – क्रोध दबाना

वाक्य में प्रयोग :- गुस्सा पीकर रह गया। चाचा का वह मुँहलगा न होता, तो उसकी गत बना छोड़ता।

176. गुड़ गोबर करना – बनाया काम बिगाड़ना

वाक्य में प्रयोग :- वीरू ने जरा-सा बोलकर सब गुड़-गोबर कर दिया।

177. गंगा नहाना – अपना कर्तव्य पूरा करके निश्चिन्त होना

वाक्य में प्रयोग :- रमेश अपनी बेटी की शादी करके गंगा नहा गए।

178. गजब ढाना – कमाल करना

वाक्य में प्रयोग :- लता मंगेशकर ने तो गायकी में गजब ढा दिया हैं।

179. गधा बनाना – मूर्ख बनाना

वाक्य में प्रयोग :- अप्रैल फूल डे वाले दिन मैंने रामू को खूब गधा बनाया।

180. गधे को बाप बनाना – काम निकालने के लिए मूर्ख की खुशामद करना

वाक्य में प्रयोग :- रामू गधे को बाप बनाना अच्छी तरह जानता हैं।

घ शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

181. घर का न घाट का – कहीं का नहीं

वाक्य में प्रयोग :- कोई काम आता नही और न लगन ही है कि कुछ सीखे-पढ़े। ऐसा घर का न घाट का जिये तो कैसे जिये।

182. घाव पर नमक छिड़कना – दुःख में दुःख देना

वाक्य में प्रयोग :- राम वैसे ही दुखी है, तुम उसे परेशान करके घाव पर नमक छिड़क रहे हो।

183. घोड़े बेचकर सोना – बेफिक्र होना

वाक्य में प्रयोग :- बेटी तो ब्याह दी। अब क्या, घोड़े बेचकर सोओ।

184. घड़ो पानी पड़ जाना – अत्यन्त लज्जित होना

वाक्य में प्रयोग :- वह हमेशा फस्ट क्लास लेता था मगर इस बार परीक्षा में चोरी करते समय रँगे हाथ पकड़े जाने पर बच्चू पर घोड़े पड़ गया।

185. घी के दीए जलाना – अप्रत्याशित लाभ पर प्रसत्रता

वाक्य में प्रयोग :- जिससे तुम्हारी बराबर ठनती रही वह बेचारा कल शाम कूच कर गया। अब क्या है घी के दीये जलाओ।

186. घर बसाना – विवाह करना

वाक्य में प्रयोग :- उसने घर क्या बसाया बाहर निकलता ही नहीं।

187. घर का बोझ उठाना – घर का खर्च चलाना या देखभाल करना

वाक्य में प्रयोग :- बचपन में ही अपने पिता के मरने के बाद राकेश घर का बोझ उठा रहा है।

188. घर का नाम डुबोना – परिवार या कुल को कलंकित करना

वाक्य में प्रयोग :- रामू ने चोरी के जुर्म में जेल जाकर घर का नाम डुबो दिया।

189. घर घाट एक करना – कठिन परिश्रम करना

वाक्य में प्रयोग :- नौकरी के लिए संजय ने घर घाट एक कर दिया।

190. घर फूँककर तमाशा देखना – अपना घर स्वयं उजाड़ना या अपना नुकसान खुद करना

वाक्य में प्रयोग :- जुए में सब कुछ बर्बाद करके राजू अब घर फूँक के तमाशा देख रहा है।

191. घर में आग लगाना – परिवार में झगड़ा कराना

वाक्य में प्रयोग :- वह तो सबके घर में आग लगाता फिरता हैं इसलिए उसे कोई अपने पास नहीं बैठने देता।

192. घर में भुंजी भाँग न होना – बहुत गरीब होना

वाक्य में प्रयोग :- रामू के घर में भुंजी भाँग नहीं हैं और बातें करता है नवाबों की।

193. घाव पर मरहम लगाना – सांत्वना या तसल्ली देना

वाक्य में प्रयोग :- दादी पहले तो मारती है, फिर घाव पर मरहम लगाती है।

194. घाव हरा होना – भूला हुआ दुःख पुनः याद आना

वाक्य में प्रयोग :- राजा ने अपने मित्र के मरने की खबर सुनी तो उसके अपने घाव हरे हो गए।

195. घास खोदना – तुच्छ काम करना

वाक्य में प्रयोग :- अच्छी नौकरी छोड़ के राजू अब घास खोद रहा है।

196. घास न डालना – सहायता न करना या बात तक न करना

वाक्य में प्रयोग :- मैनेजर बनने के बाद राजू अब मुझे घास नहीं डालता।

197. घी-दूध की नदियाँ बहना – समृद्ध होना

वाक्य में प्रयोग :- श्रीकृष्ण के युग में हमारे देश में घी-दूध की नदियाँ बहती थीं।

198. घुटने टेकना – हार या पराजय स्वीकार करना

वाक्य में प्रयोग :- संजू इतनी जल्दी घुटने टेकने वाला नहीं है, वह अंतिम साँस तक प्रयास करेगा।

199. घोड़े पर सवार होना – वापस जाने की जल्दी में होना

वाक्य में प्रयोग :- अरे मित्र, तुम तो सदैव घोड़े पर सवार होकर आते हो, जरा हमारे पास भी बैठो।

200. घोलकर पी जाना – कंठस्थ याद करना

वाक्य में प्रयोग :- रामू दसवीं में गणित को घोलकर पी गया था तब उसके 90 प्रतिशत अंक आए हैं।

201. घुट-घुट कर मरना – असहय कष्ट सहते हुए मरना

वाक्य में प्रयोग :- गरीबों पर अत्याचार करने वाले घुट-घुट कर मरेंगे।

च शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

202. चल बसना – मर जाना

वाक्य में प्रयोग :- बेचारे का बेटा भरी जवानी में चल बसा।

203. चार चाँद लगाना – चौगुनी शोभा देना

वाक्य में प्रयोग :- निबन्धों में मुहावरों का प्रयोग करने से चार चाँद लग जाता है।

204. चिकना घड़ा होना – बेशर्म होना

वाक्य में प्रयोग :- तुम ऐसा चिकना घड़ा हो तुम्हारे ऊपर कहने सुनने का कोई असर नहीं पड़ता।

205. चिराग तले अँधेरा – पण्डित के घर में घोर मूर्खता आचरण

वाक्य में प्रयोग :- पण्डितजी स्वयं तो बड़े विद्वान है, किन्तु उनके लड़के को चिराग तले अँधेरा ही जानो।

206. चैन की बंशी बजाना – मौज करना

वाक्य में प्रयोग :- आजकल राम चैन की बंशी बजा रहा है।

207. चार दिन की चाँदनी – थोड़े दिन का सुख

वाक्य में प्रयोग :- राजा बलि का सारा बल भी जब चार दिन की चाँदनी ही रहा तो तुम किस खेत की मूली हो।

208. चींटी के पर लगना या जमना – विनाश के लक्षण प्रकट होना

वाक्य में प्रयोग :- इसे चींटी के पर जमना ही कहेंगे कि अवतारी राम से रावण बुरी तरह पेश आया।

209. चाँद पर थूकना – व्यर्थ निन्दा या सम्माननीय का अनादर करना

वाक्य में प्रयोग :- जिस भलेमानस ने कभी किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा, उसे ही तुम बुरा-भला कह रहे हो, चाँद पर भी थूका जाता है।

210. चाँदी काटना – खूब आमदनी करना

वाक्य में प्रयोग :- कार्यालय में बाबू लोग खूब चाँदी काट रहे है।

211. चकमा देना – धोखा देना

वाक्य में प्रयोग :- वह बदमाश मुझे धोखा देकर भाग गया।

212. चक्कर में आना – फंदे में फँसना

वाक्य में प्रयोग :- मुझसे गलती हो गई जो मैं उस ठग के चक्कर में फँस गया।

213. चना-चबैना – रूखा-सूखा भोजन

वाक्य में प्रयोग :- आजकल रामू चना-चबैना खाकर गुजारा कर रहा हैं।

214. चरणों की धूल – तुच्छ व्यक्ति

वाक्य में प्रयोग :- हे प्रभु मैं तो आपके चरणों की धूल हूँ, मुझ पर दया करो।

215. चस्का लगना – बुरी आदत

वाक्य में प्रयोग :- धीरू को धूम्रपान का बहुत बुरा चस्का लग गया है।

216. चाँद का टुकड़ा – बहुत सुन्दर

वाक्य में प्रयोग :- रामू का पुत्र तो चाँद का टुकड़ा है, वह उसे प्रतिदिन काला टीका लगाता है।

217. चाँदी ही चाँदी होना – खूब धन लाभ होना

वाक्य में प्रयोग :- अरे मित्र! यदि तुम्हारी ये दुकान चल गई तो चाँदी ही चाँदी हो जाएगी।

218. चाट पड़ना – आदत पड़ना

वाक्य में प्रयोग :- रानी को तो चाट पड़ गई है, वह बार-बार पैसा उधार माँगने आ जाती है।

219. चादर देखकर पाँव पसारना – आमदनी के अनुसार खर्च करना

वाक्य में प्रयोग :- पिताजी ने मुझसे कहा कि आदमी को चादर देखकर पाँव पसारने चाहिए, वरना उसे पछताना पड़ता है।

220. चादर के बाहर पैर पसारना – आय से अधिक व्यय करना

वाक्य में प्रयोग :- जो लोग चादर के बाहर पैर पसारते हैं हमेशा तंगी का ही अनुभव करते रहते हैं।

221. चार सौ बीस – कपटी एवं धूर्त व्यक्ति

वाक्य में प्रयोग :- मुन्ना चार सौ बीस है, इसलिए सब उससे दूर रहते हैं।

222. चूहे-बिल्ली का बैर – स्वाभाविक विरोध

वाक्य में प्रयोग :- राम और मोहन में तो चूहे-बिल्ली का बैर है। दोनों भाई हर समय झगड़ते रहते हैं।

223. चेहरे का रंग उड़ना – निराश होना

वाक्य में प्रयोग :- जब रानी को परीक्षा में फेल होने की सूचना मिली तो उसके चेहरे का रंग उड़ गया।

224. चेहरा खिलना – खुश होना

वाक्य में प्रयोग :- जब अमित दसवीं में उत्तीर्ण हो गया तो उसका चेहरा खिल गया।

225. चेहरा तमतमाना – बहुत क्रोध आना

वाक्य में प्रयोग :- जब बच्चे कक्षा में शोर मचाते हैं तो अध्यापक का चेहरा तमतमा जाता हैं।

226. चोटी और एड़ी का पसीना एक करना – खूब परिश्रम करना

वाक्य में प्रयोग :- मुकेश ने नौकरी के लिए चोटी और एड़ी का पसीना एक कर दिया हैं।

छ शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

227. छक्के छूटना – बुरी तरह पराजित होना

वाक्य में प्रयोग :- महाराजकुमार विजयनगरम की विकेट-कीपरी में अच्छे-अच्छे बॉलर के छक्के छूट चुके है।

228. छप्पर फाडकर देना – बिना मेहनत का अधिक धन पाना

वाक्य में प्रयोग :- ईश्वर जिसको देता है उसे छप्पर फाड़कर देता है।

229. छाती पर पत्थर रखना – कठोर ह्रदय

वाक्य में प्रयोग :- उसने छाती पर पत्थर रखकर अपने पुत्र को विदेश भेजा था।

230. छाती पर सवार होना – आ जाना

वाक्य में प्रयोग :- अभी वह बात कर रही थी कि बच्चे उसके छाती पर सवार हो गए।

231. छक्के छुड़ाना – हौसला पस्त करना या हराना

वाक्य में प्रयोग :- शिवाजी ने युद्ध में मुगलों के छक्के छुड़ा दिए थे।

232. छाती पर साँप लोटना – ईर्ष्या से हृदय जलना

वाक्य में प्रयोग :- जब पड़ोसी ने नई कार ली तो शेखर की छाती पर साँप लोट गया।

233. छोटा मुँह बड़ी बात – अपनी हैसियत से बढ़कर बोलना।

वाक्य में प्रयोग :- आजकल लोगों को छोटा मुँह बड़ी बात करने की आदत सी हो गयी है।

234. छत्तीस का आँकड़ा – घोर विरोध

वाक्य में प्रयोग :- मुझमें और मेरे मित्र में आजकल छत्तीस का आँकड़ा है।

235. छाती पीटना – मातम मनाना

वाक्य में प्रयोग :- अपने किसी संबंधी की मृत्यु पर मेरे पड़ोसी छाती पीट रहे थे।

236. छाती जलना – ईर्ष्या होना

वाक्य में प्रयोग :- जब भवेश दसवीं में फर्स्ट क्लास आया तो उसके विरोधियों की छाती जल गई।

237. छाती फूलना – गर्व होना

वाक्य में प्रयोग :- जब मैंने एम.ए. कर लिया तो मेरे अध्यापक की छाती फूल गई।

238. छाती सुलगना – ईर्ष्या होना

वाक्य में प्रयोग :- किसी को सुखी देखकर मेहता जी की तो छाती सुलग उठती है।

239. छुट्टी पाना – झंझट या अपने कर्तव्य से मुक्ति पाना

वाक्य में प्रयोग :- रामपाल जी अपनी इकलौती बेटी का विवाह करके छुट्टी पा गए।

240. छू हो जाना या छूमंतर हो जाना – चले जाना या गायब हो जाना

वाक्य में प्रयोग :- अरे, विकास अभी तो यही था, अभी कहाँ छूमंतर हो गया।

241. छोटा मुँह बड़ी बात – हेसियत से अधिक बात करना

वाक्य में प्रयोग :- अध्यापक ने विद्यार्थियों को समझाया कि हमें कभी छोटे मुँह बड़ी बात नहीं करनी चाहिए, वरना पछताना पड़ेगा।

242. छी छी करना – घृणा प्रकट करना

वाक्य में प्रयोग :- तुम्हारे काले कारनामों के कारण सब लोग तुम्हारे लिए छी छी कर रहे हैं।

ज शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

243. जलती आग में घी डालना – क्रोध बढ़ाना

वाक्य में प्रयोग :- बहन ने भाई की शिकायत करके जलती आग में भी डाल दिया।

244. जमीन आसमान एक करना – बहुत प्रयास करना

वाक्य में प्रयोग :- मै शहर में अच्छा मकान लेने के लिए जमीन आसमान एक कर दे रहा हूँ परन्तु सफलता नहीं मिल रही है।

245. जान पर खेलना – साहसिक कार्य

वाक्य में प्रयोग :- हम जान पर खेलकर भी अपने देश की रक्षा करेंगे।

246. जूती चाटना – खुशामद करना, चापलूसी करना

वाक्य में प्रयोग :- संजीव ने अफसरों की जूतियाँ चाटकर ही अपने बेटे की नौकरी लगवाई है।

247. जहर उगलना – कड़वी बातें कहना या भला-बुरा कहना

वाक्य में प्रयोग :- पता नहीं क्या बात हुई, आज राजू अपने मित्र के खिलाफ जहर उगल रहा था।

248. जान खाना – तंग करना

वाक्य में प्रयोग :- अरे भाई! क्यों जान खा रहे हो? तुम्हें देने के लिए मेरे पास एक भी पैसा नहीं है।

249. जख्म पर नमक छिड़कना – दुःखी या परेशान को और परेशान करना

वाक्य में प्रयोग :- जब सोहन भिखारी को बुरा-भला कहने लगा तो मैंने कहा कि हमें किसी के जख्म पर नमक नहीं छिड़कना चाहिए।

250. जख्म हरा हो जाना – पुराने दुःख या कष्ट भरे दिन याद आना

वाक्य में प्रयोग :- जब भी मैं गंगा स्नान के लिए जाता हूँ तो मेरा जख्म हरा हो जाता है, क्योंकि गंगा नदी में मेरा मित्र डूबकर मर गया था।

251. जबान चलाना – अनुचित शब्द कहना

वाक्य में प्रयोग :- सीमा बहुत जबान चलाती है उससे कौन बात करेगा।

252. जबान देना – वायदा करना

वाक्य में प्रयोग :- अध्यापक ने विद्यार्थियों से कहा कि अच्छा आदमी वही होता है जो जबान देकर निभाता है।

253. जबान बन्द करना – तर्क-वितर्क में पराजित करना

वाक्य में प्रयोग :- रामधारी वकील ने अदालत में विपक्षी पार्टी के वकील की जबान बन्द कर दी।

254. जबान में ताला लगाना – चुप रहने पर विवश करना

वाक्य में प्रयोग :- सरकार जब भी चाहे पत्रकारों की जबान में ताला लगा सकती है।

255. जबानी जमा-खर्च करना – मौखिक कार्यवाही करना

वाक्य में प्रयोग :- मित्र, अब जबानी जमा-खर्च करने से कुछ नहीं होगा। कुछ ठोस कार्यवाही करो।

256. जमीन पर पाँव न पड़ना – अत्यधिक खुश होना

वाक्य में प्रयोग :- रानी दसवीं में उत्तीर्ण हो गई है तो आज उसके जमीन पर पाँव नहीं पड़ रहे हैं।

257. जहर का घूँट पीना – कड़वी बात सुनकर चुप रह जाना

वाक्य में प्रयोग :- सबके सामने अपमानित होकर रानी जहर का घूँट पीकर रह गई।

258. जहर की गाँठ – बुरा या दुष्ट व्यक्ति

वाक्य में प्रयोग :- अखिल जहर की गाँठ है, उससे मित्रता करना बेकार है।

259. जान न्योछावर करना – बलिदान करना

वाक्य में प्रयोग :- हमारे सैनिक देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर देते हैं।

260. जान हथेली पर लेना – जान की परवाह न करना

वाक्य में प्रयोग :- सीमा पर सैनिक जान हथेली पर लेकर चलते हैं और देश की रक्षा करते हैं।

261. जी खट्टा होना – मन में वैराग पैदा होना

वाक्य में प्रयोग :- मेरे दादाजी का तो शहर से जी खट्टा हो गया है। वे अब गाँव में ही रहते हैं।

झ शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

262. झक मारना – विवश होना

वाक्य में प्रयोग :- दूसरा कोई साधन नहीं हैै। झक मारकर तुम्हे साइकिल से जाना पड़ेगा।

263. झण्डा गाड़ना/झण्डा फहराना – अपना आधिपत्य स्थापित करना

वाक्य में प्रयोग :- अंग्रेजों ने झाँसी की रानी को परास्त करने के पश्चात् भारत में अपना झण्डा गाड़ दिया था।

264. झण्डी दिखाना – स्वीकृति देना

वाक्य में प्रयोग :- साहब के झण्डी दिखाने के बाद ही क्लर्क बाबू ने लालू का काम किया।

265. झख मारना – बेकार का काम करना

वाक्य में प्रयोग :- आजकल बेरोजगारी में राजू झख मार रहा है।

266. झाँसा देना – धोखा देना

वाक्य में प्रयोग :- विपिन को उसके सगे भाई ने ही झाँसा दे दिया।

267. झाँसे में आना – धोखे में आना

वाक्य में प्रयोग :- वह बहुत होशियार है, फिर भी झाँसे में आ गया।

268. झाड़ू फेरना – बर्बाद करना

वाक्य में प्रयोग :- प्रेम ने अपने पिताजी की सारी दौलत पर झाड़ू फेर दी।

269. झूठ का पुतला – बहुत झूठा व्यक्ति

वाक्य में प्रयोग :- वीरू तो झूठ का पुतला है तभी कोई उसकी बात का विश्वास नहीं करता।

ट शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

270. टाँग अड़ाना – अड़चन डालना

वाक्य में प्रयोग :- हर बात में टाँग ही अड़ाते हो या कुछ आता भी है तुम्हे ?

271. टका सा जबाब देना – साफ़ इनकार करना

वाक्य में प्रयोग :- मै नौकरी के लिए मैनेज़र से मिला लेकिन उन्होंने टका सा जबाब दे दिया।

272. टस से मस न होना – कुछ भी प्रभाव न पड़ना

वाक्य में प्रयोग :- दवा लाने के लिए मै घंटों से कह रहा हूँ, परन्तु आप आप टस से मस नहीं हो रहे हैं।

273. टोपी उछालना – निरादर करना

वाक्य में प्रयोग :- जब पुत्री के विवाह में दहेज नहीं दिया तो लड़के वालों ने रमेश की टोपी उछाल दी।

274. टके सेर मिलना – बहुत सस्ता मिलना

वाक्य में प्रयोग :- आजकल आलू टके सेर मिल रहे हैं।

275. टर-टर करना – बकवास करना/व्यर्थ में बोलते रहना

वाक्य में प्रयोग :- सुनील तो हर वक्त टर-टर करता रहता है। कौन सुनेगा उसकी बात?

276. टाँग खींचना – किसी के बनते हुए काम में बाधा डालना

वाक्य में प्रयोग :- रमेश ने मेरी टाँग खींच दी, वरना मैं मैनेजर बन जाता।

277. टेढ़ी खीर – अत्यन्त कठिन कार्य

वाक्य में प्रयोग :- आई.ए.एस. पास करना टेढ़ी खीर है।

278. टक्कर खाना – बराबरी करना

वाक्य में प्रयोग :- जो धूर्त हैं उनसे टक्कर लेने से क्या लाभ।

279. टालमटोल करना – बहाना बनाना

वाक्य में प्रयोग :- मैंने उनसे पूछा, ‘टालमटोल मत कीजिए। साफ बताइए, आप मेरी मदद करेंगे या नहीं?’

ठ शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

280. ठन-ठन गोपाल – खाली जेब अथवा अत्यन्त गरीब

वाक्य में प्रयोग :- सुमेर तो ठन-ठन गोपाल है, वह चंदा कहाँ से देगा?

281. ठंडा करना – क्रोध शान्त करना

वाक्य में प्रयोग :- महेश ने समझा-बुझाकर दादाजी को ठंडा कर दिया।

282. ठंडा पड़ना – मर जाना

वाक्य में प्रयोग :- वह साईकिल से गिरते ही ठंडा पड़ गया।

283. ठिकाने लगाना – मार डालना

वाक्य में प्रयोग :- अपहरणकर्ताओं ने भवन के बेटे को ठिकाने लगा ही दिया।

284. ठेंगा दिखाना – इनकार करना

वाक्य में प्रयोग :- वक्त आने पर मेरे मित्र ने मुझे ठेंगा दिखा दिया।

285. ठोकरें खाना – कष्ट या दुःख सहना

वाक्य में प्रयोग :- दुनियाभर की ठोकरें खाकर गोपाल ने उच्च शिक्षा प्राप्त की है।

286. ठाट-बाट से रहना – शानौशौकत से रहना

वाक्य में प्रयोग :- वे जिस ठाट-बाट से रहते हैं, उसकी बराबरी शायद ही कोई कर सके।

287. ठिकाने की बात कहना – समझदारी की बात कहना

वाक्य में प्रयोग :- जो लोग ठिकाने की बात कहते हैं लोग उन पर अवश्य यकीन करते हैं।

ड शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

288. डकार जाना – हड़प जाना

वाक्य में प्रयोग :- सियाराम अपने भाई की सारी संपत्ति डकार गया।

289. डींग मारना या हाँकना – शेखी मारना

वाक्य में प्रयोग :- जब देखो, मोहन डींगें मारता रहता है ‘मैंने ये किया, मैंने वो किया’।

290. डेढ़/ढाई चावल की खिचड़ी पकाना – सबसे अलग काम करना

वाक्य में प्रयोग :- सुधीर अपनी डेढ़ चावल बनी खिचड़ी अलग पकाता है।

291. डंका पीटना – प्रचार करना

वाक्य में प्रयोग :- अनिल ने झूठा डंका पीट दिया कि उसकी लॉटरी खुल गई है।

292. डंके की चोट पर – खुल्लमखुल्ला

वाक्य में प्रयोग :- शेरसिंह जो भी काम करता है, डंके की चोट पर करता है।

293. डोंड़ी पीटना – मुनादी या ऐलान करना

वाक्य में प्रयोग :- बीरबल की विद्वता को देखकर अकबर ने डोंड़ी पीट दी थी कि वह राज दरबार के नवरत्नों में से एक है।

294. डूब मरना – बहुत लज्जित होना

वाक्य में प्रयोग :- इस तरह की बातें मेरे लिए डूब मरने के समान हैं।

295. डूबती नैया को पार लगाना – संकट से छुड़ाना

वाक्य में प्रयोग :- ईश्वर की कृपा होगी तभी तुम्हारी डूबती नैया पार लगेगी।

296. डेरा डालना – निवास करना

वाक्य में प्रयोग :- साधु ने मंदिर में जाकर अपना डेरा डाल दिया।

ढ़ शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

297. ढील देना – छूट देना

वाक्य में प्रयोग :- दादी माँ कहती हैं कि बच्चों को अधिक ढील नहीं देनी चाहिए।

298. ढेर हो जाना – गिरकर मर जाना

वाक्य में प्रयोग :- कल पुलिस की मुठभेड़ में दो बदमाश ढेर हो गए।

299. ढोल पीटना – सबसे बताना

वाक्य में प्रयोग :- अरे, कोई इस रानी को कुछ मत बताना, वरना ये ढोल पीट देगी।

300. ढलती-फिरती छाया – भाग्य का खेल या फेर

वाक्य में प्रयोग :- कल वह गरीब था, आज अमीर है- सब ढलती-फिरती छाया है।

301. ढल जाना – कमजोर हो जाना, वृद्धावस्था की ओर जान

वाक्य में प्रयोग :- बीमारी के कारण उसका सारा शरीर ढल गया है।

302. ढिंढोरा पीटना – घोषणा करना

वाक्य में प्रयोग :- केवल ढिंढोरा पीटने से काम नहीं बनता। काम बनाने के लिए लोगों का विश्वास जीतना जरूरी है।

303. ढोंग रचना – पाखंड करना

वाक्य में प्रयोग :- ढोंग रचने वाले साधुओं से मुझे सख्त नफ़रत है।

त शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

304. तूती बोलना – बोलबाला होना

वाक्य में प्रयोग :- आजकल तो राहुल गाँधी की तूती बोल रही है।

305. तारे गिनना – चिंता के कारण रात में नींद न आना

वाक्य में प्रयोग :- अपने पुत्र की चिन्ता में पिता रात भर तारे गिनते रहे।

306. तिल का ताड़ बनाना – छोटी-सी बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहना

वाक्य में प्रयोग :- शांति तो तिल का ताड़ बनाने में माहिर है।

307. तीन तेरह करना – नष्ट करना, तितर बितर करना

वाक्य में प्रयोग :- जरा-से झगड़े ने दोनों भाइयों को तीन तेरह कर दिया।

308. तलवार सिर पर लटकना – खतरा होना

वाक्य में प्रयोग :- आजकल रामू के मैनेजर से उसकी कहासुनी हो गई है इसलिए तलवार उसके सिर पर लटकी हुई है।

309. ताक में बैठना – मौके की तलाश में रहना

वाक्य में प्रयोग :- सुधीर बहुत दिनों से ताक में बैठा था कि उसे मैं कब अकेला मिलूँ और वो मुझे पीटे।

310. तारीफ के पुल बाँधना – अधिक प्रशंसा या तारीफ करना

वाक्य में प्रयोग :- राकेश जब फर्स्ट क्लास पास हुआ तो सभी ने उसकी तारीफ के पुल बाँध दिए।

311. तिनके का सहारा – थोड़ी-सी मदद

वाक्य में प्रयोग :- मैंने मोहित की जब सौ रुपए की मदद की तो उसने कहा कि डूबते को तिनके का सहारा बहुत होता है।

312. तीर मार लेना – कोई बड़ा काम कर लेना

वाक्य में प्रयोग :- इंजीनियर बनकर आयुष ने तीर मार लिया है।

313. तेल निकालना – खूब कस कर काम लेना

वाक्य में प्रयोग :- प्राइवेट फर्म तो कर्मचारी का तेल निकाल लेती है। तभी विकास को नौकरी करना पसंद नहीं है।

314. तोता पालना – किसी बुरी आदत को न छोड़ना

वाक्य में प्रयोग :- केशव ने तंबाकू खाने का तोता पाल लिया है। बहुत मना किया, मानता ही नहीं है।

315. तरस खाना – दया करना

वाक्य में प्रयोग :- ठंड में काँपते हुए उस भिखारी पर तरस खाकर मैंने अपना कंबल उसी को दे दिया।

316. तिल-तिल करके मरना – धीरे-धीरे मृत्यु के मुख में जाना

वाक्य में प्रयोग :- बेटे के गम में उसने बिस्तर पकड़ लिया है और अब तिल-तिल करके मर रही है।

317. तू-तू मैं-मैं होना – आपस में कहा-सुनी होना

वाक्य में प्रयोग :- कल रमेश और उसकी पत्नी के बीच तू-तू मैं-मैं हो गई।

318. तेल निकालना – खूब कसकर काम लेना

वाक्य में प्रयोग :- जमींदार मजदूरों का तेल निकाल लेते थे।

319. तौल-तौल कर मुँह से शब्द निकालना – बहुत सोच-विचार कर बोलना

वाक्य में प्रयोग :- शालिनी बहुत विवेकशील है वह तौल-तौलकर मुँह से शब्द निकालती है।

थ शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

320. थूक कर चाटना – कह कर मुकर जाना

वाक्य में प्रयोग :- कल मुन्ना थूक कर चाट गया अब उस पर कोई विश्वास नहीं करेगा।

321. थाली का बैंगन होना – ऐसा आदमी जिसका कोई सिद्धान्त न हो

वाक्य में प्रयोग :- आजकल के नए-नए नेता तो थाली के बैंगन हैं।

322. थाह मिलना या लगना – भेद खुलना

वाक्य में प्रयोग :- अब वैज्ञानिकों ने थाह लगा ली है कि मंगल ग्रह पर भी पानी है।

323. थुक्का फजीहत होना – अपमान होना

वाक्य में प्रयोग :- कुमार थुक्का फजीहत होने से पहले ही चला गया।

324. थुड़ी-थुड़ी होना – बदनामी होना

वाक्य में प्रयोग :- बच्चों को बेवजह पीटने पर अध्यापक की हर जगह थुड़ी-थुड़ी हो रही है।

325. थक कर चूर होना – बहुत थक जाना

वाक्य में प्रयोग :- मई की धूप में चार कि० मी० की पैदल यात्रा करने के कारण मैं तो थककर चूर हो गया हूँ।

द शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

326. दम टूटना – मर जाना

वाक्य में प्रयोग :- शेर ने एक ही गोली में दम तोड़ दिया।

327. दिन दूना रात चौगुना – तेजी से तरक्की करना

वाक्य में प्रयोग :- रामदास अपने व्यापार में दिन दूना रात चौगुना बढ़ रहा है।

328. दौड़-धूप करना – बड़ी कोशिश करना

वाक्य में प्रयोग :- कौन बाप अपनी बेटी के ब्याह के लिए दौड़-धूप नहीं करता।

329. दाँत पीसना – बहुत क्रोधित होना

वाक्य में प्रयोग :- रमेश तो बात-बात पर दाँत पीसने लगता है।

330. दाँत खट्टे करना – परास्त करना, हराना

वाक्य में प्रयोग :- महाभारत में पांडवों ने कौरवों के दाँत खट्टे कर दिए थे।

331. दाँतों तले उँगली दबाना – दंग रह जाना

वाक्य में प्रयोग :- जब एक गरीब छात्र ने आई.ए.एस. पास कर ली तो सब दाँतों तले उँगली दबाने लगे।

332. दिन पलटना – अच्छे दिन आना

वाक्य में प्रयोग :- नौकरी लगने के बाद अब शम्भू के दिन पलट गए हैं।

333. दिन-रात एक करना – कठिन श्रम करना

वाक्य में प्रयोग :- मोहन ने दसवीं पास करने के लिए दिन-रात एक कर दिया था।

334. दिल की दिल में रह जाना – मनोकामना पूरी न होना

वाक्य में प्रयोग :- जिस लड़की से वह विवाह करना चाहता था उससे कह ही नहीं पाया और इस तरह से दिल की दिल में ही रह गई।

335. दिल के अरमान निकलना – इच्छा पूरी होना

वाक्य में प्रयोग :- जब मेरे दिल के अरमान निकलेंगे तब मुझे तसल्ली मिलेगी।

336. दिल्ली दूर होना – लक्ष्य दूर होना

वाक्य में प्रयोग :- अभी तो मोहन ने सिर्फ दसवीं पास की है। उसे डॉक्टर बनना है तो अभी दिल्ली दूर है।

337. दूध की नदियाँ बहना – धन-दौलत से पूर्ण होना

वाक्य में प्रयोग :- कृष्ण के युग में मथुरा में दूध की नदियाँ बहती थीं।

338. दाल रोटी चलना – जीवन निर्वाह होना

वाक्य में प्रयोग :- इतनी तनख्वाह मिल जाती है कि किसी तरह दाल-रोटी चल जाती है।

339. देखते रह जाना – दंग रह जाना

वाक्य में प्रयोग :- इतने छोटे बच्चे के करतब लोग देखते रह गए।

ध शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

340. धज्जियाँ उड़ाना – किसी के दोषों को चुन-चुनकर गिनाना

वाक्य में प्रयोग :- उसने उनलोगों की धज्जियाँ उड़ाना शुरू किया कि वे वहाँ से भाग खड़े हुए।

341. धूप में बाल सफेद करना – बिना अनुभव के जीवन का बहुत बड़ा भाग बिता देना

वाक्य में प्रयोग :- रामू काका ने धूप में बाल सफेद नहीं किए हैं, उन्हें बहुत अनुभव है।

342. धोबी का कुत्ता घर का न घाट का – जिसका कहीं ठिकाना न हो, निरर्थक व्यक्ति

वाक्य में प्रयोग :- जब से रामू की नौकरी छूटी है, उसकी दशा धोबी का कुत्ता घर न घाट का जैसी है।

343. धीरज बँधाना – सांत्वना देना

वाक्य में प्रयोग :- सब लोगों ने धीरज बँधाने की कोशिश की पर उसके आँसू न थमे।

344. धोखा देना – ठगना

वाक्य में प्रयोग :- चोर पुलिस को धोखा देकर भाग गया।

345. धूल चाटना – खुशामद करना

वाक्य में प्रयोग :- पहले तो बहुत अकड़ रहे थे। जब पता चला कि मदन मंत्री का बेटा है तो लगे उसकी धूल चाटने।

346. ध्यान से उतरना – भूलना

वाक्य में प्रयोग :- मैंने गाड़ी की चाबी कहाँ रख दी है यह मेरे ध्यान से उतर गया है।

347. धरना देना – अड़कर बैठना

वाक्य में प्रयोग :- सत्याग्रही मंत्री की कोठी के सामने धरना दे रहे है।

348. धोती ढीली होना – डर जाना

वाक्य में प्रयोग :- मास्टर साहब के आते ही लड़के की धोती ढीली हो गयी।

349. धक्का देना – अपमान करना

वाक्य में प्रयोग :- तुम मुझे धक्का दो और मैं तुम्हारी आरती उतारूँ- ऐसा क्या संभव है ?

न शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

350. नौ-दो ग्यारह होना – भाग जाना

वाक्य में प्रयोग :- बिल्ली को देखकर चूहे नौ दो ग्यारह हो गए।

351. न घर का रहना न घाट का – दोनों तरफ से उपेक्षित होना

वाक्य में प्रयोग :- पढ़ाई छोड़ कर रोहन घर का रहा न घाट का, अब वह पछताता है।

352. नमक हलाल करना – उपकार का बदला उतारना

वाक्य में प्रयोग :- कुत्ते ने मालिक के लिए अपनी जान दे कर अपना नमक हलाल कर दिया।

353. नमक का हक अदा करना – बदला/ऋण चुकाना

वाक्य में प्रयोग :- यदि आप मेरी मदद करेंगे तो जीवन भर मैं आपके नमक का हक अदा करता रहूँगा।

354. नमक-मिर्च लगाना – बढ़ा-चढ़ाकर कहना

वाक्य में प्रयोग :- मेरे भाई ने नमक-मिर्च लगाकर मेरी शिकायत पिता जी से कर डाली।

355. नयनों का तारा – अत्यन्त प्रिय व्यक्ति या वस्तु

वाक्य में प्रयोग :- पिंटू अपने माता-पिता के नयनों का तारा है।

356. नस-नस ढीली होना – बहुत थक जाना

वाक्य में प्रयोग :- दिन-भर घर का काम करके माँ की नस-नस ढीली हो जाती है।

357. नस-नस पहचानना – भलीभाँति अच्छी तरह जानना

वाक्य में प्रयोग :- माता-पिता अपने बच्चों की नस-नस पहचानते हैं।

358. नाक में दम करना – बहुत परेशान करना

वाक्य में प्रयोग :- इस बच्चे ने तो नाक में दम कर दिया है। कितना ऊधम करता है ये!

359. नाक ऊँची रखना – सम्मान या प्रतिष्ठा रखना

वाक्य में प्रयोग :- शांति हमेशा अपनी नाक ऊँची रखती है।

360. नाक रखना – इज्जत रखना

वाक्य में प्रयोग :- आई० ए० एस० की परीक्षा में प्रथम आकर मेरी बेटी ने मेरी नाक रख ली।

361. नाम उछालना – बदनामी करना

वाक्य में प्रयोग :- छात्रों ने बेमतलब ही संस्कृति के आचार्य जी का नाम उछाल दिया कि ये बच्चों को मारते हैं।

362. नाम डुबोना – प्रतिष्ठा, मर्यादा आदि खोना

वाक्य में प्रयोग :- सीमा ने घर से भाग कर अपने माँ-बाप का नाम डुबो दिया।

363. नाव या नैया पार लगाना – सफलता या सिद्धि प्रदान करना

वाक्य में प्रयोग :- ईश्वर सदा मेहनती व्यक्ति की नाव/नैया पार लगाता है।

364. न लेना न देना – कोई संबंध न रखना

वाक्य में प्रयोग :- रोहन का अपनी पत्नी से न लेना है न देना। दोनों अलग हो गए हैं।

365. नखरे उठाना – खुशामद करना

वाक्य में प्रयोग :- मैं किसी के नखरे नहीं उठा सकता। जो मुझे उचित लगेगा वही करूँगा।

366. नजर अंदाज करना – उपेक्षा करना

वाक्य में प्रयोग :- धनवान बच्चों के सामने गरीब बच्चों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

367. नजर उतारना – बुरी दृष्टि के प्रभाव को मंत्र आदि युक्ति से दूर करना

वाक्य में प्रयोग :- लगता है तुम्हें लोगों की नजर लग जाती है इसलिए जल्दी-जल्दी बीमार पड़ जाती हो। इस बार किसी साधु-संत से नजर उतरवा लो।

368. नजर बचाकर – चुपके से

वाक्य में प्रयोग :- माता-पिता की नजर बचाकर वह सिनेमा देखने आई थी।

369. नजर से गिरना – प्रतिष्ठा कम करना

वाक्य में प्रयोग :- जो लोग अपने बड़ों की नजर में गिर जाते हैं उनको कोई नहीं पूछता।

370. नसीब फूटना – भाग्य का प्रतिकूल होना

वाक्य में प्रयोग :- हमारे तो नसीब फूटे थे जो इस शहर में आकर बसे।

371. नाक के नीचे – बहुत निकट

वाक्य में प्रयोग :- आपकी नाक के नीचे आपका नौकर चोरी करता रहा और आपको तब पता चला जब उसने सारा खजाना खाली कर दिया।

प शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

372. पेट काटना – अपने भोजन तक में बचत

वाक्य में प्रयोग :- अपना पेट काटकर वह अपने छोटे भाई को पढ़ा रहा है।

373. पानी उतारना – इज्जत लेना

वाक्य में प्रयोग :- भरी सभा में द्रोपदी को पानी उतारने की कोशिश की गयी।

374. पेट में चूहे कूदना – जोर की भूख

वाक्य में प्रयोग :- पेट में चूहे कूद रहे है। पहले कुछ खा लूँ, तब तुम्हारी सुनूँगा।

375. पहाड़ टूट पड़ना – भारी विपत्ति आना

वाक्य में प्रयोग :- उस बेचारे पर तो दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा।

376. पट्टी पढ़ाना – बुरी राय देना

वाक्य में प्रयोग :- तुमने मेरे बेटे को कैसी पट्टी पढ़ाई कि वह घर जाता ही नहीं ?

377. पाँचों उँगलियाँ घी में होना – पूरे लाभ में

वाक्य में प्रयोग :- पिछड़े देशों में उद्योगियों और मेहनतकशों की हालत पतली रहती है तथा दलालों, कमीशन एजेण्टों और नौकरशाहों की ही पाँचों उँगलियाँ घी में रहता हैं।

378. पगड़ी रखना – इज्जत बचाना

वाक्य में प्रयोग :- हल्दीघाटी में झाला सरदार ने राजपूतों की पगड़ी रख ली।

379. पानी-पानी होना – अधिक लज्जित होना

वाक्य में प्रयोग :- जब धीरज की चोरी पकड़ी गई तो वह पानी-पानी हो गया।

380. पत्ता कटना – नौकरी छूटना

वाक्य में प्रयोग :- मंदी के दौर में मेरी कंपनी में दस लोगों का पत्ता कट गया।

381. पर्दाफाश होना – भेद खुलना

वाक्य में प्रयोग :- रामू ने बहुत छिपाया, पर कल उसका पर्दाफाश हो ही गया।

382. पाँव तले से धरती खिसकना – अत्यधिक घबरा जाना

वाक्य में प्रयोग :- बस में जेब कटने पर मेरे पाँव तले से धरती खिसक गई।

383. पारा चढ़ना – क्रोधित होना

वाक्य में प्रयोग :- मेरे दादाजी का जरा-सी बात में पारा चढ़ आता है।

फ शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

384. फूलना-फलना – धनवान या कुलवान होना

वाक्य में प्रयोग :- मेरा आशीर्वाद है सदा फूलो-फलो।

385. फटे में पाँव देना – दूसरे की विपत्ति अपने ऊपर लेना

वाक्य में प्रयोग :- शर्मा जी की फटे में पाँव देने की आदत है।

386. फल चखना – कुपरिणाम भुगतना

वाक्य में प्रयोग :- वह जैसा कर्म करेगा, वैसा फल चखेगा।

387. फुलझड़ी छोड़ना – कटाक्ष करना

वाक्य में प्रयोग :- गुप्ता जी तो कोई न कोई फुलझड़ी छोड़ते ही रहते हैं।

388. फूट डालना – मतभेद पैदा करना

वाक्य में प्रयोग :- अंग्रेजों ने फूट डाल कर भारत पर राज किया था।

389. फूला न समाना – अत्यन्त आनन्दित होना

वाक्य में प्रयोग :- जब रवि कक्षा 10 में पास हो गया तो वह फूला नहीं समाया।

390. फूंक-फूंक कर कदम रखना – सोच-समझकर काम करना

वाक्य में प्रयोग :- एक बार नुकसान उठा लिया अब तो फूंक-फूंक कर कदम रखो।

391. फूटी आँखों न सुहाना – तनिक भी अच्छा न लगना

वाक्य में प्रयोग :- झूठ बोलने वाले लोग मुझे फूटी आँख नहीं सुहाते।

392. फटे हाल होना – बहुत गरीब होना

वाक्य में प्रयोग :- जो बेचारा खुद फटे हाल है वह दूसरों की क्या मदद करेगा।

393. फूँक निकल जाना – भयभीत होना

वाक्य में प्रयोग :- बहुत बढ़-चढ़ कर बोल रहा था। जैसे ही प्रधानाचार्य आए उसकी फूँक निकल गई।

394. फूट-फूट कर रोना – बहुत रोना

वाक्य में प्रयोग :- परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने की खबर सुनकर वह फूट-फूट कर रोने लगी।

ब शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

395. बीड़ा उठाना – दायित्व लेना

वाक्य में प्रयोग :- गांधजी ने भारत को आजाद करने का बीड़ा उठाया था।

396. बाजी ले जाना या मारना – जीतना

वाक्य में प्रयोग :- देखें, दौड़ में कौन बाजी ले जाता या मारता है।

397. बेसिर-पैर की बात करना – व्यर्थ की बात करना

वाक्य में प्रयोग :- वह तो जब भी देखो बेसिर-पैर की बात करता है।

398. बगलें झाँकना – उत्तर न दे सकना

वाक्य में प्रयोग :- अध्यापक के सवाल पर राजू बगलें झाँकने लगा।

399. बाग-बाग होना – बहुत खुश होना

वाक्य में प्रयोग :- जब राम अपनी कक्षा में फर्स्ट आया तो उसके माता-पिता का दिल बाग-बाग हो गया।

400. बोलबाला होना – ख्याति होना

वाक्य में प्रयोग :- शहर में सेठ रामचंदानी का बहुत बोलबाला है।

401. बात खुलना – रहस्य खुलना

वाक्य में प्रयोग :- कल सबके सामने रमेश की बात खुल गई।

402. बात बनाना – झूठ बोलना

वाक्य में प्रयोग :- मोहन अब बात बनाना भी सीख गया है।

403. बुद्धि पर पत्थर पड़ना – अक्ल काम न करना

वाक्य में प्रयोग :- आज उसकी बुद्धि पर पत्थर पड़ गए तभी तो उसने 10 लाख का मकान 2 लाख में बेच दिया।

404. बिन बेपेंदी का लौटा – किसी की तरफ न टिकने वाला

वाक्य में प्रयोग :- वह नेता तो बेपेंदी का लौटा है- कभी इस पार्टी में तो कभी उस पार्टी में चला जाता है।

405. बाएं हाथ का खेल – बहुत सुगम कार्य

वाक्य में प्रयोग :- रामू ने कहा कि कबड्डी में जीतना तो उसके बाएं हाथ का खेल है।

406. बुढ़ापे की लाठी – बुढ़ापे का सहारा

वाक्य में प्रयोग :-रामदीन का बेटा उसके बुढ़ापे का लाठी था, वह भी विदेश चला गया।

407. बहती गंगा में हाथ धोना – समय का लाभ उठाना

वाक्य में प्रयोग :- हर आदमी बहती गंगा में हाथ धोना चाहता है चाहें उसमें क्षमता हो या न हो।

408. बलि जाना – न्योछावर होना

वाक्य में प्रयोग :- मीरा कृष्ण के हर रूप पर बलि जाती थी।

409. बात का बतंगड़ बनाना – छोटी-सी बात को बहुत बढ़ा देना

वाक्य में प्रयोग :- बात का बतंगड़ मत बनाओ और इस किस्से को यहीं समाप्त करो।

भ शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

410. भीगी बिल्ली होना – डर से दबना

वाक्य में प्रयोग :- वह अपने शिक्षक के सामने भीगी बिल्ली हो जाता है।

411. भंडा फूटना – पोल खुलना

वाक्य में प्रयोग :- भंडा फूटने के डर से रवि मीटिंग से उठ कर चला गया।

412. भंडा फोड़ना – पोल खोलना

वाक्य में प्रयोग :- जरा-सी कहासुनी पर महेश ने रवि का भंडा फोड़ दिया।

413. भगवान को प्यारे हो जाना – मर जाना

वाक्य में प्रयोग :- सोनू के नानाजी कल भगवान को प्यारे हो गए।

414. भांजी मारना – किसी के बनते काम को बिगाड़ना

वाक्य में प्रयोग :- रामू के विवाह में उसके ताऊ ने भांजी मार दी।

415. भैंस के आगे बीन बजाना – वज्र मूर्ख के सामने बुद्धिमानी की बातें करना

वाक्य में प्रयोग :- राजू को कोई बात समझाना तो भैंस के आगे बीन बजाना है।

416. भौंहे टेढ़ी करना – क्रोध आना

वाक्य में प्रयोग :- पिताजी की जरा भौंहे टेढ़ी करते ही पिंटू चुप हो गया।

417. भाड़े का टट्टू – किराए का आदमी

वाक्य में प्रयोग :- इस तरह के काम भाड़े के टट्टुओं से नहीं होते। खुद मेहनत करनी पड़ती है।

418. भूत चढ़ना या सवार होना – किसी काम में पूरी तरह लग जाना

वाक्य में प्रयोग :- उस पर आजकल परीक्षा का भूत सवार है। दिन रात पढ़ने में ही लगी रहती है।

419. भूत उतरना – क्रोध शांत होना

वाक्य में प्रयोग :- उससे कुछ मत कहो। जब भूत उतर जाएगा तब खुद ही शांत हो जाएगा।

420. भूत बनकर लगना – जी-जान से लगना

वाक्य में प्रयोग :- वह तो मेरे पीछे भूत बनकर लग गया है, छोड़ने का नाम ही नहीं लेता।

421. भोग लगाना – देवता/ईश्वर को नैवेद्य चढ़ाना

वाक्य में प्रयोग :- मैं पहले ठाकुरजी को भोग लगाऊँगा तब नाश्ता करूँगा।

म शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

422. मुँह धो रखना – आशा न रखना

वाक्य में प्रयोग :- यह चीज अब मिलने को नही मुँह धो रखिए।

423. मुँह में पानी आना – लालच होना

वाक्य में प्रयोग :- मिठाई देखते ही उसके मुँह में पानी भर आया।

424. मुँह बंद कर देना – शांत कराना

वाक्य में प्रयोग :- तुम धमकी देकर मेरा मुँह बंद कर देना चाहते हो

425. मुँह काला होना – अपमानित होना

वाक्य में प्रयोग :- उसका मुँह काला हो गया अब वह किसी को क्या मुँह दिखाएगा।

426. मस्तक ऊँचा करना – प्रतिष्ठा बढ़ाना

वाक्य में प्रयोग :- डॉक्टरी पास करके रवि ने अपने माँ-बाप का मस्तक ऊँचा कर दिया।

427. महाभारत मचाना – खूब लड़ाई-झगड़ा करना

वाक्य में प्रयोग :- सोनू और मोनू दोनों बहन-भाई सुबह से महाभारत मचा रहे हैं।

428. मिट्टी डालना – किसी के दोष को छिपाना

वाक्य में प्रयोग :- बच्चों की गलतियों पर मिट्टी नहीं डालनी चाहिए।

429. मुँह पर ताला लगना – चुप रहने के लिए विवश होना

वाक्य में प्रयोग :- कक्षा में अध्यापक के आने पर सब छात्रों के मुँह पर ताला लग जाता है।

430. मुँह लगाना – बहुत स्वतंत्रता देना

वाक्य में प्रयोग :- ऐसे घटिया लोगों को मैं मुँह नहीं लगाता।

431. मूँछ नीची होना – लज्जित होना

वाक्य में प्रयोग :- जब नौकर ने टका-सा जवाब दे दिया तो ठाकुर साहब की मूँछ नीची हो गई।

432. मन उड़ा-उड़ा सा रहना – मन स्थिर न रहना

वाक्य में प्रयोग :- पति के आने के इंतजार में मधु का मन आजकल उड़ा-उड़ा सा रहता है।

433. मजा चखाना – गलती की सजा देना

वाक्य में प्रयोग :- जो कुछ तुमने किया है उसका तुम्हें मजा चखाकर रहूँगा।

434. मन की मन में रह जाना – इच्छा पूरी न होना

वाक्य में प्रयोग :- बेटी के विवाह में लड़के वालों से अनबन हो गई इसलिए कुछ भी ठीक से न हो पाया।

435. मार-मार कर चमड़ी उधेड़ देना – बहुत पीटना

वाक्य में प्रयोग :- पुलिस वाले ने उस चोर को मार-मार कर उसकी चमड़ी उधेड़ दी।

य शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

436. यम पुर पहुँचाना – मार डालना

वाक्य में प्रयोग :- पुलिस ने चोर को मारमार कर यमपुर पहुँचा दिया।

437. युक्ति लड़ाना – उपाय करना

वाक्य में प्रयोग :- अशोक हमेशा पैसा कमाने की युक्ति लड़ाता रहता।

438. यश गाना – प्रशंसा करना

वाक्य में प्रयोग :- यदि आप देश के लिए अच्छे काम करेंगे तो लोग आपका यश गाएँगे।

439. यारी गाँठना – मित्रता करना

वाक्य में प्रयोग :- पुलिस वालों से यारी गाँठना उसे महँगा पड़ा।

440. यश मिलना – सम्मान मिलना

वाक्य में प्रयोग :- देखते है इस चुनाव में किसे यश मिलता है।

441. युगांतर उपस्थित करना – किसी पुरानी प्रथा को हटाकर उसके स्थान पर नई प्रथा चलाना

र शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

442. रंग जमना – धाक जमना

वाक्य में प्रयोग :- तुम्हारा तो कल खूब रंग जमा।

443. रंग बदलना – परिवर्तन होना

वाक्य में प्रयोग :- जमाने का रंग बदल गया है।

444. रंग चढ़ना – प्रभावित होना

वाक्य में प्रयोग :- रामू पर दिल्ली के रहन-सहन का रंग चढ़ गया है। अब तो वह कान में मोबाइल लगाए फिरता है।

445. रात-दिन एक करना – निरन्तर कठिन परिश्रम करना

वाक्य में प्रयोग :- परीक्षा में पास होने के लिए सुरेश ने रात-दिन एक कर दी।

446. रास्ता नापना – चले जाना

वाक्य में प्रयोग :- तुम अपना रास्ता नापो। यहाँ तुम्हारी दाल नहीं गलेगी।

447. रोजी चलना – जीविका का निर्वाह होना

वाक्य में प्रयोग :- इस महँगाई में रोजी चलना भी दूभर हो गया है।

448. रोटियाँ तोड़ना – किसी के यहाँ उसकी कृपा पर जीवन वसर करना

वाक्य में प्रयोग :- कब तक ससुराल में मुफ़्त की रोटियाँ तोड़ते रहोगे जाकर कहीं काम-धंधे की तलाश क्यों नहीं करते।

449. राग-रंग में रहना – ऐश में रहना

वाक्य में प्रयोग :- इन दिनों राजनीतिज्ञ ही राग-रंग में रहते हैं।

ल शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

450. लोहे के चने चबाना – कठिनाई झेलना

वाक्य में प्रयोग :- भारतीय सेना के सामने पाकिस्तानी सेना को लोहे के चने चबाने पड़े।

451. लकीर का फकीर होना – पुरानी प्रथा पर ही चलना

वाक्य में प्रयोग :- यह अबतक लकीर के फकीर ही है। टेबुल पर नही, चौके में ही खायेंगे।

452. लाल-पीला होना – नाराज होना

वाक्य में प्रयोग :- राजू के कक्षा में शोर मचाने पर अध्यापक लाल-पीले हो गए।

453. लंबी-चौड़ी हाँकना – गप्प मारना

वाक्य में प्रयोग :- मोहन कक्षा में लंबी-चौड़ी हाँक रहा था तभी अध्यापक आ गए और वह खामोश हो गया।

454. लगाम ढीली करना – सख्ती न करना/नियमों में नर्मी बरतना

वाक्य में प्रयोग :- जरा-सी लगाम ढीली करने से मेरी कंपनी का कोई भी कर्मचारी अब समय पर नहीं आता।

455. लज्जा या शर्म से पानी-पानी होना – बहुत लज्जित होना

वाक्य में प्रयोग :- अपनी गलती पर पंडित जी लज्जा से पानी-पानी हो गए।

456. लौ लगना – धुन लगना, प्रेम होना

वाक्य में प्रयोग :- मधुरिमा को तो पढ़ाई की लौ लग गई है। दिन रात पढ़ने में ही लगी रहती है।

457. लकड़ी होना – अत्यन्त दुर्बल होना

वाक्य में प्रयोग :- बीमारी में बिट्टू लकड़ी हो गया है।

458. लोहा लेना – सामना करना

वाक्य में प्रयोग :- 1857 के संग्राम में रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों से लोहा लिया।

459. लगन लगना – प्रेम/भक्ति होना

वाक्य में प्रयोग :- ईश्वर में जब लगन लग जाती है तो सारा संसार मिथ्या लगने लगता है।

व शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

460. वक्त पड़ना – मुसीबत आना

वाक्य में प्रयोग :- वक्त पड़ने पर ही मित्र की पहचान होती है।

461. वज्र टूटना – भारी विपत्ति आना

वाक्य में प्रयोग :- रामू के पिताजी के मरने के पश्चात् उस पर वज्र टूट पड़ा।

462. विष घोलना – किसी के मन में शक या ईर्ष्या पैदा करना

वाक्य में प्रयोग :- राजू ने बनी-बनाई बात में विष घोल दिया।

463. विष उगलना – कड़वी बात कहना

वाक्य में प्रयोग :- कालू हमेशा राजू के खिलाफ विष उगलता रहता है।

464. वेद वाक्य – सौ प्रतिशत सत्य

वाक्य में प्रयोग :- हमारे शिक्षक की कही हर बात वेद वाक्य है।

श शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

465. शैतान की खाला – बहुत ही दुष्ट स्त्री

वाक्य में प्रयोग :- शांति तो शैेतान की खाला है।

466. शंख के शंख रहना – मूर्ख के मूर्ख बने रहना

वाक्य में प्रयोग :- शंभू तो शंख का शंख ही रहा।

467. शक़्कर से मुँह भरना – खुशखबरी सुनाने वाले को मिठाई खिलाना

वाक्य में प्रयोग :- रमेश ने दसवीं पास होने पर अपने मित्रों का शक़्कर से मुँह भर दिया।

468. शहद लगाकर चाटना – निरर्थक वस्तुओं को सँभाल कर रखना

वाक्य में प्रयोग :- अब इन दस्तावेजों को वापस क्यों नहीं कर देते क्या शहद लगाकर इनको चाटोगे।

469. शामत आना – बुरा समय आना

वाक्य में प्रयोग :-सब ठीक ठाक चल रहा था। न जाने कहाँ से शामत आ गई और सब बर्बाद हो गई।

स शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

470. सर्द हो जाना – डरना, मरना

वाक्य में प्रयोग :- बड़ा साहसी बनता था, पर भूत का नाम सुनते ही सर्द हो गया।

471. सरकारी मेहमान – कैदी

वाक्य में प्रयोग :- मुन्ना झूठे आरोप में ही सरकारी मेहमान बन गया।

472. साँप लोटना – ईर्ष्या आदि के कारण अत्यन्त दुःखी होना

वाक्य में प्रयोग :- राजू की सरकारी नौकरी लग गई तो पड़ोसी के साँप लोट गया।

473. सिर ऊँचा उठाना – इज्जत से खड़ा होना

वाक्य में प्रयोग :- अपनी ईमानदारी के कारण मुन्ना समाज में आज सिर ऊँचा उठाए खड़ा है।

474. सिर पर पाँव रख कर भागना – बहुत तेजी से भाग जाना

वाक्य में प्रयोग :- पुलिस को देख कर डाकू सिर पर पाँव रख कर भाग गए।

475. सिर पर आ जाना – बहुत नजदीक होना

वाक्य में प्रयोग :- परीक्षा मेरे सिर पर आ गयी है, अब मुझे खूब पढ़ना चाहिए।

476. साँप सूँघ जाना – हक्का बक्का रह जाना

वाक्य में प्रयोग :- बहुत गुंडागर्दी कर रहे थे, अब थानेदार साहब को देखकर क्यों साँप सूँघ गया?

477. सुईं का भाला बनाना – छोटी-सी बात को बढ़ाना

वाक्य में प्रयोग :- इस मामले को यहीं समाप्त करो। इतनी-सी बात का सुईं का भाला मत बनाओ।

478. सितारा चमकना या बुलंद होना – सौभाग्य के दिन आना

वाक्य में प्रयोग :- इन दिनों इंदिराजी का सितारा चमक रहा है, बुलंद है।

479. सुबह का चिराग होना – समाप्ति पर आना

वाक्य में प्रयोग :- वह बहुत दिनों से बीमार है। उसे सुबह का चिराग ही समझो।

ह शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

480. हाथ पैर मारना – काफी प्रयास

वाक्य में प्रयोग :- राम कितना मेहनत क्या फिर भी वह परीक्षा में सफल नहीं हुआ।

481. हाथ मलना – पछताना

वाक्य में प्रयोग :- समय बीतने पर हाथ मलने से क्या लाभ ?

482. हवा उड़ना – खबर या अफवाह फैलाना

वाक्य में प्रयोग :- एक बार हमारे गाँव में हवा उड़ी थी कि एक पहुँचे हुए महात्मा आए हैं, जो कि सच थी।

483. हवा बिगड़ना – पहले की सी धाक या मर्यादा न रह जाना

वाक्य में प्रयोग :- आजकल पुराने रईसों की हवा बिगड़ गई है।

484. हाथ भर का कलेजा होना – बहुत खुश होना

वाक्य में प्रयोग :- अच्छी नौकरी मिलने से राम का हाथ भर का कलेजा हो गया है।

485. हाथ पैर फूल जाना – बहुत ज्यादा काम पढ़ जाना।

वाक्य में प्रयोग :- किचिन में थोड़ा-सा काम क्या बढ़ जाता है, मेरी पत्नी के तो हाथ-पैर फूल जाते हैं।

486. हाथपाई होना – मारपीट होना

वाक्य में प्रयोग :- मेरी क्लास के दो बच्चों में आज हाथपाई हो गई और दोनों को चोट लग गई।

487. हुक्का पानी बंद करना – जाति से बाहर कर देना

वाक्य में प्रयोग :- रमाकांत की बेटी ने अंतर्जातीय विवाह किया तो सारे गाँव के लोगों ने उसका हुक्का-पानी बंद कर दिया।

488. हौसला बढ़ाना – हिम्मत बढ़ाना

वाक्य में प्रयोग :- अध्यापकों को चाहिए कि वे बच्चों का हौसला बढ़ाते रहें तभी बच्चे कुछ अच्छा कर पाएँगे।

त्र शब्द से शुरू होने वाले मुहावरे

489. त्राहि-त्राहि करना – विपत्ति या कठिनाई के समय रक्षा या शरण के लिए प्रार्थना करना

वाक्य में प्रयोग :- आग लगने पर बच्चे का उपाय न देखकर लोग त्राहि-त्राहि करने लगे।

490. त्रिशुंक होना – बीच में रहना, न इधर का होना, न उधर का

वाक्य में प्रयोग :- केशव न तो अभी तक आया और न ही फोन किया। समारोह में जाना है या नहीं कुछ भी नहीं पता। मैं तो त्रिशुंक हो गया हूँ।

शरीर के अंगो से संबंधित मुहावरे

नीचे हमने लगभग सभी तरह के अंगो से संबंधित मुहावरे और उनके अर्थ दिए है

आँख संबंधी मुहावरे

1. आँख या आँखों का तेल निकालना – महीन काम करना जिससे आँखों पर बहुत जोर पड़े

वाक्य में प्रयोग :- दिन भर सुई में धागा पिरोते-पिरोते मेरी आँखों आँखों का तेल निकल गया।

2. आँख-कान खुले रखना – बहुत सर्तक रहना

वाक्य में प्रयोग :- आजकल तो हमें हर जगह अपने आँख-कान खुले रखने चाहिए, वरना कोई भी दुर्घटना घट सकती हैं।

3. आँख का पानी गिरना या आँख का पानी मर जाना – निर्लज्ज होना

वाक्य में प्रयोग :- राजू की आँख का पानी मर गया हैं, वह तो अपने पिता के सामने भी बीड़ी पीता हैं।

4. आँखों की पट्टी खुलना – भ्रम दूर होना

वाक्य में प्रयोग :- प्रेम के आँख की पट्टी तब खुली जब ठग उसे ठगकर चला गया।

5. आँखें निकालना – क्रोधपूर्वक देखना

वाक्य में प्रयोग :- अरे मित्र! फूल मत तोड़ो, माली आँखें निकाल रहा हैं।

6. आँखें नीची होना – लज्जित होना

वाक्य में प्रयोग :- जब पुत्र चोरी के जुर्म में पकड़ा गया तो पिता की आँखें नीची हो गई।

7. आँखें फाड़ कर देखना – आश्चर्य से देखना

वाक्य में प्रयोग :- अरे मित्र! आँखें फाड़कर क्या देख रहे हो, ये तुम्हारा ही घर हैं।

8. आँखें बंद होना – मर जाना

वाक्य में प्रयोग :- थोड़ी-सी बीमारी के बाद ही उसकी आँखें बन्द हो गई।

9. आँखें बिछाना – प्रेम से स्वागत करना

वाक्य में प्रयोग :- जब प्रधानमंत्री आए तो स्कूल में सबने आँखें बिछा दीं।

10. आँखें खुलना – होश आना, सावधान होना

वाक्य में प्रयोग :- जनजागरण से हमारे शासकों की आँखें अब खुलने लगी हैं।

11. आँखें चार होना – आमने-सामने होना

वाक्य में प्रयोग :- जब आँखें चार होती है, मुहब्बत हो ही जाती है।

12. आँखें मूँदना – मर जाना

वाक्य में प्रयोग :- आज सबेरे उसके पिता ने आँखें मूँद ली।

13. आँखें चुराना – नजर बचाना, अपने को छिपाना

वाक्य में प्रयोग :- मुझे देखते ही वह आँखें चुराने लगा।

14. आँखों में गड़ना – किसी वस्तु को पाने की उत्कट लालसा

वाक्य में प्रयोग :- उसकी कलम मेरी आँखों में गड़ गयी है।

15. आँख मारना – इशारा करना

वाक्य में प्रयोग :- उसने आँख मारकर मुझे बुलाया।

16. आँखों में धूल झोंकना – धोखा देना

वाक्य में प्रयोग :- वह बड़ों-बड़ों की आँखों में धूल झोंक सकता है।

17. आँखें बिछाना – प्रेम से स्वागत करना

वाक्य में प्रयोग :- मैंने उनके लिए अपनी आँखें बिछा दीं।

18. आँखें आना – आँखों में लाली/सूजन आ जाना

वाक्य में प्रयोग :- मेरी आँखें आ गई हैं इसलिए मैंने काला चश्मा लगा रखा है।

अँगूठा संबंधी मुहावरे

19. अँगूठा चूमना – खुशामद करना

वाक्य में प्रयोग :- साहित्यिक भी जब शासकों का अँगूठा चूमते हैं, तो बड़ा दुःख होता है।

20. अँगूठा दिखाना – मौके पर धोखा देना

वाक्य में प्रयोग :- चालबाजों से बचकर रहो, वे अँगूठा दिखाना खूब जानते हैं।

21. अँगूठे पर मारना – परवाह न करना

वाक्य में प्रयोग :- तुम्हारे जैसे कितनों को मैं अँगूठे पर मारता हूँ।

ऊँगली संबंधी मुहावरे

22. पाँचों उँगलियाँ घी में होना – मौज-मस्ती में रहन

वाक्य में प्रयोग :- वह तिकड़मी सरकारी ठीकेदार हुआ कि पाँचों उँगलियाँ घी में।

कान संबंधी मुहावरे

23. कान खोलना – सावधान करना

वाक्य में प्रयोग :- मैंने उसके कान खोल दिये। अब वह किसी के चक्कर में नहीं आयेगा।

24. कान खड़े होना – होशियार होना

वाक्य में प्रयोग :- दुश्मनों के रंग-ढंग देखकर मेरे कान खड़े हो गये।

25. कान फूंकना – दीक्षा देना, बहकाना

वाक्य में प्रयोग :- मोहन के कान सोहन ने फूंके थे, फिर उसने किसी की कुछ न सुनी।

26. कान लगाना – ध्यान देना

वाक्य में प्रयोग :- उसकी बातें कान लगाने योग्य हैं।

27. कान भरना – पीठ-पीछे शिकायत करना

वाक्य में प्रयोग :- तुम बराबर मेरे खिलाफ अफसर के कान भरते हो।

28. कान में तेल डालना – कुछ न सुनना

वाक्य में प्रयोग :- मैं कहते-कहते थक गया, पर ये कान में तेल डाले बैठे हैं।

29. कान काटना – बढ़कर काम करना

वाक्य में प्रयोग :- उसे छोटा न समझो, भाषण देने में तो वह बड़े-बड़ों के कान काटता है।

कलेजा संबंधी मुहावरे

30. कलेजा ठंढा होना – डाह पूरा होने पर संतोष

वाक्य में प्रयोग :- कुणाल के अंधा भिखारी होने पर उसका कलेजा ठंडा हुआ।

31. कलेजा फटना – ईर्ष्या होना

वाक्य में प्रयोग :- मुझे क्या सरकारी नौकरी मिल गयी कि मेरे एक घरवारी सहयोगी का कलेजा ही फटने लगा।

32. कलेजा मुँह को आना – अत्यंत आतुरता

वाक्य में प्रयोग :- उसकी बीमारी देखकर कलेजा मुँह को आता है।

33. कलेजे पर पत्थर रखना – दिल मजबूत करना

वाक्य में प्रयोग :- छोटे भाई विभीषण की दगाबाजी पर रावण ने कलेजे पर पत्थर रख लिया इसके सिवा उसके पास चारा ही क्या था।

34. कलेजा चीरकर दिखाना – पूर्ण विश्र्वास दिलाना

वाक्य में प्रयोग :- तुम्हीं मेरे सब कुछ हो, यह मैं कलेजा चीरकर दिखा सकता हूँ।

नाक संबंधी मुहावरे

35. नाक कट जाना – प्रतिष्ठा नष्ट होना

वाक्य में प्रयोग :- पुत्र के कुकर्म से पिता की नाक कट गयी।

36. नाक काटना – बदनाम करना

वाक्य में प्रयोग :- भरी सभा में उसने मेरी नाक काट ली।

37. नाक-भौं चढ़ाना – क्रोध अथवा घृणा करना

वाक्य में प्रयोग :- तुम ज्यादा नाक-भौं चढ़ाओगे, तो ठीक न होगा।

38. नाक में दम करना – परेशान करना

वाक्य में प्रयोग :- शहर में कुछ गुण्डों ने लोगों की नाक में दम कर रखा है।

39. नाक रगड़ना – दीनतापूर्वक प्रार्थना करना

वाक्य में प्रयोग :- उसने मालिक के सामने बहुत नाक रगड़ी, पर सुनवाई न हुई।

40. नाक पर मक्खी न बैठने देना – निर्दोष बचे रहना

वाक्य में प्रयोग :- उसने कभी नाक पर मक्खी बैठने ही न दी।

41. नाक पर गुस्सा – तुरन्त क्रोध

वाक्य में प्रयोग :- गुस्सा तो उसकी नाक पर रहता है।

42. नाक रखना – प्रतिष्ठा रखना

वाक्य में प्रयोग :- क्रिकेट में जय ने कॉमर्स कॉलेज की नाक रख ली।

43. नाक-भौं सिकोड़ना – घृणा करना, सहन न कर पाना

वाक्य में प्रयोग :- वह तो मुझे देखते ही नाक-भौं सिकोड़ने लगता है।

44. नाक-कान काटना – बहुत अधिक अपमानित करना

वाक्य में प्रयोग :- उन्होंने अपने मित्रों के अपमान के बदले अपनी चतुराई से कितने ही सामंतों के सरे-दरबार नाक-कान काटे।

45. नाक ऊँची होना – प्रतिष्ठा बढ़ना

वाक्य में प्रयोग :- पिछले टेस्ट-क्रिकेट में जीत के कारण हमारी नाक ऊँची हो गयी।

46. नाक रहना – इज्जत बचना

वाक्य में प्रयोग :- भीम ने दुश्शासन को पछाड़कर द्रौपदी की नाक रख ली।

मुँह संबंधी मुहावरे

47. मुँह छिपाना – लज्जित होना

वाक्य में प्रयोग :- वह मुझसे मुँह छिपाये बैठा है।

48. मुँह पकड़ना – बोलने से रोकना

वाक्य में प्रयोग :- लोकतन्त्र में कोई किसी का मुँह नहीं पकड़ सकता।

49. मुँह उतरना – उदास होना

वाक्य में प्रयोग :- परीक्षा में असफल होने पर श्याम का मुँह उतर आया।

50. मुँह फुलाना – अप्रसन्नता या असंतुष्ट होकर रूठ कर बैठना

वाक्य में प्रयोग :- शांति सुबह से ही अपना मुँह फुलाए घूम रही है।

51. मुँह सिलना – चुप रहना

वाक्य में प्रयोग :- मैंने तो अपना मुँह सिल लिया है। तुम चिंता मत करो। मैं तुम्हारे विरुद्ध कुछ नहीं बोलूँगा।

52. मुँहतोड़ जबाब देना – ऐसा उत्तर देना कि दूसरा कुछ बोल ही न सके

वाक्य में प्रयोग :- मैंने ऐसा मुँहतोड़ जबाब दिया कि सबकी बोलती बंद हो गई।

53. मुँह निकल आना – कमजोरी के कारण चेहरा उतर जाना

वाक्य में प्रयोग :- एक सप्ताह की बीमारी में ही उसका मुँह निकल आया है।

54. मुँह में खून लगना – अनुचित लाभ की आदत पड़ना

वाक्य में प्रयोग :- इस थानेदार के मुँह में खून लग गया है बेचारे गरीब सब्जी वालों से भी हफ़्ता-वसूली करता है।

55. मुँह में पानी आना – लालच होना

वाक्य में प्रयोग :- मिठाई देखते ही उसके मुँह में पानी भर आया।

दाँत संबंधी मुहावरे

56. दाँत दिखाना – खीस काढ़ना

वाक्य में प्रयोग :- खुद ही देर की और अब दाँत दिखाते हो।

57. दाँत गिनना – उम्र पता लगाना

वाक्य में प्रयोग :- कुछ लोग ऐसे है कि उनपर वृद्धावस्था का असर ही नहीं होता। ऐसे लोगों के दाँत गिनना आसान नहीं।

58. दाँत काटी रोटी होना – अत्यन्त घनिष्ठता होना या मित्रता होना

वाक्य में प्रयोग :- आजकल राम और श्याम की दाँत काटी रोटी है।

59. दाँत खट्टे करना – परास्त करना, हराना

वाक्य में प्रयोग :- महाभारत में पांडवों ने कौरवों के दाँत खट्टे कर दिए थे।

60. दाँतों तले उँगली दबाना – दंग रह जाना

वाक्य में प्रयोग :- जब एक गरीब छात्र ने आई.ए.एस. पास कर ली तो सब दाँतों तले उँगली दबाने लगे।

बात संबंधी मुहावरे

61. बात की बात में – अति शीघ्र

वाक्य में प्रयोग :- बात की बात में वह चलता बना।

62. बात चलाना – चर्चा चलाना

वाक्य में प्रयोग :- कृपया मेरी बेटी के ब्याह की बात चलाइएगा

गर्दन संबंधी मुहावरे

63. गर्दन उठाना – प्रतिवाद करना

वाक्य में प्रयोग :- सत्तारूढ़ सरकार के विरोध में गर्दन उठाना टेढ़ी खीर है।

64. गर्दन पर सवार होना – पीछा न छोड़ना

वाक्य में प्रयोग :- जब देखो, तब मेरी गर्दन पर सवार रहते हो।

सिर संबंधी मुहावरे

65. सिर उठाना – विरोध में खड़ा होना

वाक्य में प्रयोग :- देखता हूँ मेरे सामने कौन सिर उठाता है

66. सिर पर सवार होना – पीछे पड़ना

वाक्य में प्रयोग :- तुम कब तक मेरे सिर पर सवार रहोगे।

67. सिर पीटना – शोक करना

वाक्य में प्रयोग :- चोर उस बेचारे की पाई-पाई ले गये। सिर पीटकर रह गया वह।

68. सिर पर भूत सवार होना – एक ही रट लगाना, धुन सवार होना

वाक्य में प्रयोग :- मालूम होता है कि घनश्याम के सिर पर भूत सवार हो गया है, जो वह जी-जान से इस काम में लगा है।

69. सिर फिर जाना – पागल हो जाना

वाक्य में प्रयोग :- धन पाकर उसका सिर फिर गया है।

70. सिर ऊँचा उठाना – इज्जत से खड़ा होना

वाक्य में प्रयोग :- अपनी ईमानदारी के कारण मुन्ना समाज में आज सिर ऊँचा उठाए खड़ा है।

71. सिर सफेद होना – बुढ़ापा होना

वाक्य में प्रयोग :- अब नरेश का सिर सफेद हो गया है।

72. सिर नीचा करना – इज्जत बढ़ाना

वाक्य में प्रयोग :- रमानाथ के अकेले बेटे ने अपने पिता का सिर ऊँचा कर दिया।

73. सिर चढ़ना – अशिष्ट या उदंड होना

वाक्य में प्रयोग :- आपके बच्चे बहुत सिर चढ़ गए हैं। किसी की सुनते तक नहीं।

हाथ संबंधी मुहावरे

74. हाथ मलना – पछताना

वाक्य में प्रयोग :- समय बीतने पर हाथ मलने से क्या लाभ ?

75. हाथ देना – सहायता करना

वाक्य में प्रयोग :- आपके हाथ दिये बिना यह काम न होगा।

76. हाथ भर का कलेजा होना – बहुत खुश होना

वाक्य में प्रयोग :- अच्छी नौकरी मिलने से राम का हाथ भर का कलेजा हो गया है।

77. हाथ साफ करना – चोरी करना

वाक्य में प्रयोग :- बस की भीड़ में मेरी जेब पर किसी ने हाथ साफ कर दिया।

78. हाथ पर हाथ धरे बैठना – बेकार बैठे रहना

वाक्य में प्रयोग :- हाथ पर हाथ धरे बैठने से सफलता पाँव नहीं चूमती।

79. हाथ मलना – पछताना

वाक्य में प्रयोग :- काम बिगड़ जाने पर हाथ मलने से क्या फायदा।

80. हाथ उठाना – पीटना

वाक्य में प्रयोग :- बच्चों पर ज्यादा हाथ उठाओगे तो वे शोख हो जाएँगे।

कमर संबंधी मुहावरे

81. कमर कसना – दृढ़ निश्र्चय करना

वाक्य में प्रयोग :- विजय चाहते हो, तो युद्ध के लिए कमर कस लो।

82. कमर सीधी करना – परिश्रम के बाद विश्राम

वाक्य में प्रयोग :- अभी तो टेस्ट परीक्षा समाप्त हुई है; जरा कमर सीधी करने दो, फिर पढ़ाई चलेगी।

घुटना संबंधी मुहावरे

83. घुटना टेकना – हार मानना

वाक्य में प्रयोग :- वीर बराबर बात पर हथियार टेक सकते है, घुटने नहीं।

गाल संबंधी मुहावरे

84. गाल फुलाना – रूठना

वाक्य में प्रयोग :- कैकेयी ने गाल फुला लिया, तो दशरथ परेशान हो गये।

85. गाल बजाना – डींग हाँकना

वाक्य में प्रयोग :- किसके आगे गाल बजा रहे हो ? आखिर मैं तुम्हारा बड़ा भाई हूँ, बीस वर्ष बड़ा। मुझसे तुम्हारा कुछ छुपा भी है क्या ?

चेहरा संबंधी मुहावरे

86. चेहरा उतरना – चेहरे पर रौनक न रहना

वाक्य में प्रयोग :- जाली सर्टिफिकेट का भेद खुलते ही बेचारे डॉक्टर का चेहरा उतर गया।

87. चेहरा बिगाड़ना – बहुत पीटना

वाक्य में प्रयोग :- फिर बदमाशी की, तो चेहरा बिगाड़ दूँगा।

जबान संबंधी मुहावरे

88. जबान देना – वचन देना

वाक्य में प्रयोग :- मैंने उसे जबान दी है, अतः होस्टल छोड़ने पर अपनी चौकी उसे ही दूँगा।

89. जबान खींचना – उद्दंड बोली के लिए दंड देना

वाक्य में प्रयोग :- बकवास किया, तो जबान खींच लूँगा।

90. जबान चलाना – अनुचित शब्द निकालना

वाक्य में प्रयोग :- यदि जबान चलाओगे, तो जबान खींच लूँगा।

दिमाग संबंधी मुहावरे

91. दिमाग खाना या चाटना – अपनी गर्ज व्यर्थ बके जाना

वाक्य में प्रयोग :- आजकल अधिकांश लोग दिमाग चाटनेवाले होते हैं। न खुद कुछ समझने को तैयार और न किसी को कुछ समझने देने को तैयार।

92. दिमाग चढ़ना या आसमान पर होना – बहुत अधिक घमंड होना

वाक्य में प्रयोग :- रावण ने शिव को साधा क्या, उसका दिमाग आसमान पर हो गया।

दिल संबंधी मुहावरे

93. दिल कड़ा करना – हिम्मत बाँधना, साहस करना

वाक्य में प्रयोग :- भाई विपत्ति किसपर नहीं आती है। दिल कड़ा करो।

94. दिल का गवाही देना – मन में किसी बात की संभावना या औचित्य का निश्र्चय होना

वाक्य में प्रयोग :- जब दिल गवाही न दे, तो औरों की सलाह पर न चलो।

95. दिल जमना – चित्त लगना

वाक्य में प्रयोग :- इन दिनों किसी काम में मेरा दिल जमता ही नहीं।

96. दिल बुझना – चित्त में किसी प्रकार की उत्साह या उमंग न रह जाना

वाक्य में प्रयोग :- जिन्दगी में उसकी इतनी हार हुई कि उसका दिल ही बुझ गया।

97. दिल से दूर करना – भुला देना, विस्मरण

वाक्य में प्रयोग :- वे तुम्हारी नजरों से दूर क्या हुए, दिल से दूर कर दिये गये।

98. दिल चुराना – मन मोह लेना

वाक्य में प्रयोग :- पहली मुलाकात ही में मेहरुत्रिसा ने सलीम का दिल चुरा लिया।

99. दिल देना – प्रेम करना

वाक्य में प्रयोग :- जिसने दिल दिया, उसने दर्द लिया।

100. दिल दरिया होना – उदार होना

वाक्य में प्रयोग :- जो कोई उनके दरवाजे पर आता है खाली हाथ नहीं लौटता। क्यों न ऐसा हो, उनका दिल दरिया जो ठहरा।

नजर संबंधी मुहावरे

101. नजर आना – दिखाई देना

वाक्य में प्रयोग :- क्या बात है कि हजरत नजर ही नहीं आते ?

102. नजर रखना – ध्यान रखना

वाक्य में प्रयोग :- भाई इस गरीब लड़के पर नजर रखा करो।

103. नजर चुराना – आँख बचाना

वाक्य में प्रयोग :- आखिर आप हमसे नजर चुराकर कहाँ जाएँगे

104. नजर से गिरना – ह्रदय से दूर होना

वाक्य में प्रयोग :- बेईमान आदमी तो नजर से गिर ही जाता है।

105. नजर पर चढ़ना – पसंद आ जाना

वाक्य में प्रयोग :- यह घड़ी मेरी नजर पर चढ़ गयी है।

पलक संबंधी मुहावरे

106. पलक लगना – सो जाना

वाक्य में प्रयोग :- आदमी जो ठहरा, सारे दिन और सारी रात कैसे जागता; तीन बजे सुबह तो पलक लग ही गयी।

107. पलक-पाँवड़े बिछाना – अत्यंत आदर से स्वागत करना

वाक्य में प्रयोग :- शबरी राम के लिए न मालूम कब से पलक-पाँवड़े बिछाये थी।

पाँव संबंधी मुहावरे

108. पाँव उखड़ जाना – पराजित होना

वाक्य में प्रयोग :- थानेश्र्वर की लड़ाई में पृथ्वीराज की सेना के पाँव उखड़ गये।

109. पाँव चूमना – पूजा करना, खुशामद करना

वाक्य में प्रयोग :- आज यदि परमवीर अब्दुल हमीद यहाँ होते, तो हम सभी उनके पाँव चूमते।

110. पाँव भारी होना – गर्भवती होना

वाक्य में प्रयोग :- जब राजा ने सुना कि रानी के पाँव भारी हुए तो उनकी ख़ुशी का ठिकाना न रहा।

111. पाँव खींचना – रुकावट डालना

वाक्य में प्रयोग :- आजकल पाँव बढ़ानेवाले दो-चार होते हैं, तो पाँव खींचनेवाले दस-बीस।

112. पाँव फिसलना – गलती होना

वाक्य में प्रयोग :- जवानी में तो बहुतों के पाँव फिसल जाते हैं।

बाल संबंधी मुहावरे

113. बाल-बाल बचना – साफ बच जाना

वाक्य में प्रयोग :- इस रेल-दुर्घटना में वह बाल-बाल बच गया।

114. बाल की खाल निकालना – व्यर्थ टीका-टिप्पणी करना

वाक्य में प्रयोग :- कुछ लोग कुछ करते हैं, तो कुछ लोग केवल बाल की खाल ही निकालते रहते हैं।

115. बाल बाँका न करना – हानि न पहुँचा पाना

वाक्य में प्रयोग :- बाल न बाँका करि सकै, जो जग बैरी होय।

अंक संबंधी मुहावरे

116. तीन-तेरह होना – तितर-बितर होना

वाक्य में प्रयोग :- माधो के मरते ही उसके सारे लड़के तीन-तेरह हो गये।

117. नौ-दौ ग्यारह होना – भाग जाना

वाक्य में प्रयोग :- आज उसे बहुत मार पड़ती, खैरियत हुई कि वह नौ-दो ग्यारह हो गया था।

118. उन्नीस-बीस का अंतर होना – थोड़े का फर्क

वाक्य में प्रयोग :- उन दोनों लड़कों की प्रतिभा में उन्नीस-बीस का अंतर है।

119. डेढ़ चावल की खिचड़ी अलग पकाना – अलग रहना

वाक्य में प्रयोग :- डेढ़ चावल की खिचड़ी अलग पकाने से कोई सामाजिक कार्य नहीं हो सकता।

रंग संबंधी मुहावरे

120. लाल-पीला होना – क्रुद्ध होना

वाक्य में प्रयोग :- भाई मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा जो लाल-पीले हो रहे हो।

121. स्याह होना – उदास होना

वाक्य में प्रयोग :- डाँट पड़ते ही बेचारा स्याह हो गया।

122. धनुष तोड़ना – अत्यंत कठिन कार्य करना

वाक्य में प्रयोग :- देखें इस मुक्ति आंदोलन का धनुष कौन तोड़ता है ?

123. विभीषण बनना – देशद्रोही बनना

वाक्य में प्रयोग :- विभीषण बनना देश-प्रेमियों को शोभा नहीं देता।

124. महाभारत मचना – झगड़ा होना

वाक्य में प्रयोग :- आज दोनों दलों में महाभारत मच गया।

125. लक्ष्मी नारायण करना – भोग लगाना

वाक्य में प्रयोग :- पंडितजी ने जब लक्ष्मी नारायण किया, तो हमलोगों को प्रसाद मिला।

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