इस पेज पर हम Viram Chinh की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं।
पिछले पेज पर हमने स्वर और व्यंजन की समस्त जानकारी शेयर की हैं तो उस पोस्ट को भी पढ़े।
चलिए आज हम Viram Chinh की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं।
विराम चिन्ह की परिभाषा
विराम शब्द (वि + रम् + घं) से मिलकर बना है और इसका मूल अर्थ “ठहराव” या “रुकना” होता हैं।
भिन्न-भिन्न प्रकार के भावों और विचारों को स्प्ष्ट करने के लिए वाक्य के बीच में या अंत में प्रयोग होने वाले चिन्हों को विराम चिन्ह कहाँ जाता हैं।
अर्थात विराम का अर्थ होता हैं रुकना या ठहरना जब हमें किसी भी वाक्य को लिखते या बोलते समय बीच में थोड़ा रुकना पढ़ता हैं जिससे किसी भी वाक्य को अच्छे से समझा सकें।
उदाहरण :-
- राम स्कूल जा रहा हैं। (सामान्य सूचना)
- ताजमहल किसने बनवाया? (प्रश्नवाचक)
- राम आता हैं! (आश्चर्य का भाव)
यदि किसी भी वाक्य में विराम चिन्ह का प्रयोग सही से न किया जाए तो वाक्य अर्थहीन हो जाता हैं या फिर एक दूसरे के विपरीत हो जाता हैं इसलिए वाक्य में विराम चिन्ह लगाना आवश्यक होता हैं।
उदाहरण :-
वाक्य :- भरत को रोको मत जाने दो।
- भरत को रोको, मत जाने दो। (इस वाक्य में न जाने देने की बात हो रही हैं।)
- भरत को रोको मत, जाने दो। (इस वाक्य में जाने देने की बात हो रही हैं।)
ऊपर आपने देखा वाक्य तो एक हैं लेकिन विराम चिन्ह की वजह से वाक्य के अर्थ बदल रहे हैं।
विराम शब्द को अंग्रेजी में Punctuation Mark कहते हैं।
विराम चिन्ह के प्रकार
विराम चिन्ह के नाम | विराम चिन्ह |
---|---|
अल्प विराम (Comma) | , |
अर्द्ध विराम (Semi Colon) | ; |
पूर्ण विराम (Full Stop) | । |
उप विराम (Colon) | : |
प्रश्नवाचक चिन्ह (Question Mark) | ? |
योजक चिन्ह (Hyphen) | – |
कोष्ठक चिन्ह (Bracket) | [{()}] |
अवतरण या उदहारण चिन्ह (Inverted Comma) | “…” |
विस्मयादिबोदक चिह्न (Sign of Exclamation) | ! |
लाघव चिन्ह/ संक्षेपसूचक (Abbreviation Sign) | ० या . |
निर्देशक चिह्न (Sign of Dash) | — |
विवरण चिन्ह (Sign of Following) | :- |
विस्मरण चिन्ह या त्रुटिपूरक चिन्ह/हंसपद (Oblivion Sign ) | ^ |
पदलोप चिन्ह (Footprint Mark) | (…) |
रेखांकन चिन्ह (Underline) | ( _ ) |
पुनरुक्ति सूचक चिन्ह (Repetition Indicator) | (,,) |
दीर्घ उच्चारण चिन्ह (Long Accent) | (S) |
समानता सूचक चिन्ह (Equality Indicator) | = |
1. अल्प विराम (,)
किसी भी वाक्य को लिखते समय जहाँ थोड़ी सी देर रुकना पढ़े वहाँ अल्प विराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता हैं।
दूसरे शब्दों में, अल्प विराम का अर्थ है न्यून या ठहराव होता हैं। वाक्य में जहाँ बहुत ही कम ठहराव होता है, वहाँ अल्प विराम का प्रयोग होता है। हिंदी भाषा में अल्प विराम का प्रयोग सबसे ज्यादा होता हैं।
अथार्त जब हम किसी व्यक्ति से बातचीत करते हैं या कुछ आर्टिकल्स लिखते समय बहुत सी चीजों को एक साथ लिखते हैं, तो उनके बीच-बीच में अल्प विराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता हैं जिससे वाक्य अच्छे से पूरा समझ में आए।
अल्प विराम को (,) चिन्ह से प्रदर्शित किया जाता हैं।
अल्प विराम को अंग्रेजी में Comma कहाँ जाता हैं।
नीचे कुछ उदाहरण दिए गए हैं जिसको पढ़कर आप अल्प विराम के उपयोग को आसानी से समझ सकते हैं।
उदाहरण :-
- सोहन, जरा बाजार से सब्जी ले आना।
- राम, लक्ष्मण और सीता 14 वर्ष के लिए वनवास गए।
- राम ने भारत में पहाड़, झरने, नदी, खेत, इमारत आदि चीजें देखीं थी।
- भारत देश में गेंहू, चना, बाजरा, धान, मक्का आदि बहुत सी फसलें उगाई जाती हैं।
अल्प विराम का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में होता हैं।
(i). जिस वाक्य में एक तरह के कई शब्द, वाक्य या वाक्यांश एक साथ आते हो, तो उनके बीच अल्प विराम का प्रयोग होता हैं।
जैसे :- राम, श्याम, मोहन, सीता, गीता और आरती शिमला घूमने गए।
(ii). जिस वाक्य में शब्दों की पुनरावृत्ति होती है, वहाँ अल्प विराम का प्रयोग होता हैं।
जैसे :- जरा सुनो, सुनो, ध्यान से सुनो, कोई व्यक्ति गाना गा रहा हैं।
(iii). सम्बोधन के समय जिसे सम्बोधित किया जाता है, उसके बाद अल्प विराम का प्रयोग होता हैं।
जैसे :- अमित जी, आप यहीं रुकिए।
(iv). जब हाँ अथवा नहीं को शेष वाक्य से पृथक् किया जाता है, तो उसके बाद अल्प विराम का प्रयोग होता हैं।
जैसे :- हाँ, मैं पत्र लिखुँगा।
(v). पर, परन्तु, इसलिए, अत:, क्योंकि, बल्कि, तथापि, जिससे आदि के पूर्व अल्प विराम का प्रयोग होता हैं।
जैसे :- धीरज विद्यालय न जा सका, क्योंकि उसको बुखार था।
(vi). उद्धरण से पूर्व अल्प विराम का प्रयोग होता हैं।
जैसे :- सरिता ने बबीता से कहा, घर का काम करो।
(vii). यह, वह, तब, तो, और, अब, आदि के लोप होने पर वाक्य में अल्प विराम का प्रयोग होता हैं।
जैसे :- जब आपको जाना ही हैं, तो जाओ।
(viii). बस, वस्तुतः, अच्छा, वास्तव में आदि से आरम्भ होने वाले वाक्यों में इनके पश्चात् अल्प विराम का प्रयोग होता हैं।
जैसे :- वास्तव में, मनोबल सफलता की कुंजी हैं।
(ix). तारीख के साथ महीने का नाम लिखने के बाद तथा सन्, संवत् के पूर्व अल्प विराम का प्रयोग किया जाता हैं।
जैसे :- 2 अक्टूबर, सन् 1869 ई. को गाँधी जी का जन्म हुआ था।
(x). अंकों को लिखते समय भी अल्प विराम का प्रयोग किया जाता हैं।
जैसे :- 5, 10, 20, 30, 40, 50, 60, 70, 80, 90, 100, 1000 आदि।
2. अर्द्ध विराम (;)
पूर्ण विराम से कुछ कम, अल्पविराम से अधिक देर तक रुकने के लिए अर्ध विराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
अथार्त एक वाक्य या वाक्यांश के साथ दूसरे वाक्य या वाक्यांश का संबंध बताना हो तो वहाँ अर्द्ध विराम (;) का प्रयोग होता है।
अर्द्ध विराम को (;) चिन्ह से प्रदर्शित किया जाता हैं।
अर्द्ध विराम को अंग्रेजी में Semi Colon कहते हैं।
उदाहरण :-
- सूर्यास्त हो गया; लालिमा का स्थान कालिमा ने ले लिया।
- कल रविवार है; छुट्टी का दिन है; आराम मिलेगा।
- सूर्योदय हो गया; चिड़िया चहकने लगी और कमल खिल गए।
3. पूर्ण विराम (।)
जब कोई भी वाक्य खत्म हो जाता है तब वाक्य के अंत में पूर्ण विराम चिन्ह लगाया जाता हैं।
अथार्त पूर्ण विराम का प्रयोग प्रश्नसूचक और विस्मयादि सूचक वाक्यों को छोड़कर बाकी सभी प्रकार के वाक्यों के अंत में किया जाता हैं।
पूर्ण विराम को (।) चिन्ह से प्रदर्शित किया जाता हैं।
पूर्ण विराम को अंग्रेजी में Full Stop कहते हैं।
उदाहरण :-
- सीता रोज डांस क्लॉस जाती हैं।
- नीरज स्कूल से आ रहा है।
- श्यामू बाजार जाता है।
- धनिराम का दोस्त हरिओम है।
- मोहक हर रोज स्कूल जाता हैं।
4. उप विराम (:)
जब किसी भी वाक्य को अलग दिखाना हो वहाँ पर उप विराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता हैं।
उप विराम को (:) चिन्ह से प्रदर्शित किया जाता हैं।
उप विराम को अंग्रेजी में Colon कहते है।
उदाहरण :-
5. प्रश्नवाचक चिन्ह (?)
प्रश्नवाचक वाक्य के अंत में ‘प्रश्नवाचक चिन्ह’ (?) का प्रयोग किया जाता हैं।
अथार्त जब किसी वाक्य में किसी प्रश्न (सवाल) के पूछे जाने के भाव की अनुमति हो उस वाक्य के अंत मे (?) चिन्ह का प्रयोग किया जाता हैं।
प्रश्नवाचक को (?) चिन्ह से प्रदर्शित किया जाता हैं।
प्रश्नवचन चिन्ह को अंग्रेजी में Question Mark कहते है।
उदाहरण :-
- हरिओम क्या पढ़ रहा हैं?
- राम बाजार से क्या लेकर आया था?
- सीता के पिता का क्या नाम था?
- वो बाजार क्यों गया था?
- रामजी ने रावण को क्यों मारा था?
प्रश्नवाचक चिह्न का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में होता हैं।
(i). प्रश्नवाचक चिह्न का प्रयोग प्रश्नवाचक वाक्यों के अन्त में किया जाता हैं।
जैसे :- आपका क्या नाम हैं?
(ii). प्रश्नवाचक चिह्न का प्रयोग अनिश्चय की स्थिति में किया जाता हैं।
जैसे :- आप सम्भवत: दिल्ली के निवासी हैं?
(iii). व्यंग्य करने की स्थिति में भी प्रश्नवाचक चिह्न का प्रयोग होता हैं।
जैसे :- घूसखोरी नौकरशाही की सबसे बड़ी देन है, है न?
(iv). जहाँ शुद्ध-अशुद्ध का सन्देह उत्पन्न हो, तो उस पर या उसकी बगल में कोष्ठक लगाकर उसके अन्तर्गत प्रश्नवाचक चिह्न लगा दिया जाता हैं।
जैसे :- हिन्दी की पहली कहानी ‘ग्यारह वर्ष का समय’ (?) मानी जाती हैं।
6. योजक चिन्ह (–)
दो शब्दों के बीच परस्पर संबंध स्पष्ट करने के लिए तथा उन्हें जोड़कर लिखने के लिए योजक-चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
योजक चिन्ह को ( – ) चिन्ह से प्रदर्शित किया जाता हैं।
योजक चिन्ह को अंग्रेजी में Hypen कहते है।
उदाहरण :-
- वह राधे-श्याम की मूर्ती है।
- सुख-दुःख जीवन में आते-जाते रहते हैं।
- रात-दिन परिश्रम करने पर ही सफलता मिलती है।
- देश के जवानों ने तन-मन-धन से देश की रक्षा के लिए प्रयत्न किया।
7. कोष्ठक चिन्ह [{()}]
कोष्ठक का प्रयोग किसी शब्द को स्पष्ट करने या कुछ अधिक जानकारी बताने आदि के लिए कोष्ठक ( ) का प्रयोग किया जाता हैं।
कोष्ठक शब्द का प्रयोग किसी भी वाक्य के बीच में आए शब्दों अथवा पदों का अर्थ स्पष्ट करने के लिए कोष्ठक का प्रयोग किया जाता है।
अथार्त कोष्ठक चिन्ह का प्रयोग अर्थ को और अधिक स्पष्ट करने के लिए शब्द अथवा वाक्यांश को कोष्ठक के अन्दर लिखकर किया जाता है।
नाम | चिन्ह | अंग्रेजी नाम |
---|---|---|
लघु कोष्ठक | () | Parentheses |
मझला कोष्ठक | {} | Braces |
दीर्ध कोष्ठक | [] | Square brackets |
उदाहरण :-
- अध्यापक (चिल्लाते हुए) निकल जाओ कक्षा से।
- विश्वामित्र (क्रोध में काँपते हुए) ठहर जा।
- धर्मराज (युधिष्ठिर) सत्य और धर्म के संरक्षक थे।
- दशहरे को (रावण) के पुतले का दहन किया जाता हैं।
- 2x + 3[5x + 6x{3x – 2x(8x + 2x)}]
8. अवतरण या उदहारण चिन्ह (‘ ‘)(“ ”)
किसी की कही हुई बात को उसी तरह प्रकट करने के लिए अवतरण चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
अवतरण चिह्न को (‘ ‘)(“ ”) के द्वारा प्रदर्शित किया जाता हैं।
अवतरण चिह्न को अंग्रेजी में Inverted Comma कहते है।
उदाहरण :-
- तुलसीदास ने सत्य कहा है – “पराधीन सपनेहु सुख नाहीं”
- जयशंकर प्रसाद ने कहा है – “जीवन विश्व की सम्पत्ति है”
- राम ने कहा – “सत्य बोलना सबसे बड़ा धर्म है”
9. विस्मयादिबोदक चिह्न [ ! ]
विस्मयादिबोधक चिन्ह (!) का प्रयोग वाक्य में हर्ष, विवाद, विस्मय, घृणा, आश्रर्य, करुणा, भय इत्यादि का बोध कराने के लिए किया जाता हैं।
अर्थात विस्मयादि बोधक चिन्ह का प्रयोग अव्यय शब्द से पहले किया जाता है।
विस्मयादिबोधक चिन्ह को (!) से प्रदर्शित किया जाता हैं।
विस्मयादिबोधक को अंग्रेजी में Interjection कहते है।
उदाहरण :-
- हाय!, आह!, छि!, अरे!, शाबाश!
- हाय! वह मार गया।
- आह! कितना सुहावना मौसम है।
- वाह! कितना सुंदर वृक्ष है।
10. लाघव चिन्ह/ संक्षेपसूचक (०)
किसी बड़े शब्द या प्रसिद्ध शब्द को संक्षेप में लिखने के लिए उस शब्द का पहला अक्षर लिखकर उसके आगे शून्य लगा देते हैं। यह शून्य ही लाघव-चिह्न कहलाता है।
लाघव-चिह्न को (० या .) से प्रदर्शित किया जाता हैं।
लाधव चिन्ह को अंग्रेजी में Abbreviation कहते है
उदाहरण :-
- डॉंक़्टर के लिए – डॉं०
- पंडित के लिए – पं०
- इंजिनियर के लिए – इंजी०
- प्रोफेसर के लिए – प्रो०
- उत्तर प्रदेश के लिए – उ० प्र०
11. निर्देशक चिह्न [ — ]
निर्देशक चिन्ह का प्रयोग विषय, विवाद, सम्बन्धी, प्रत्येक शीर्षक के आगे, उदाहरण के पश्चात, कथोपकथन के नाम के आगे किया जाता हैं।
निर्देशक चिन्ह (―) के द्वारा प्रदर्शित किया जाता हैं।
निर्देशक चिन्ह को अंग्रेजी में Dash कहते है।
उदाहरण :-
- श्री राम ने कहा ― सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए।
- जैसे ― फल सब्जी मसाले इत्यादि।
12. विवरण चिन्ह ( :- )
विवरण चिन्ह का प्रयोग वाक्यांश के विषयों में कुछ सूचक निर्देश आदि देने के लिए किया जाता हैं।
विवरण चिन्ह को (:-) चिन्ह के द्वारा प्रदर्शित किया जाता हैं।
विवरण चिन्ह को अंग्रेजी में Sign of Following कहते हैं।
उदाहरण :-
- आम के निम्न फायदे है :-
- संज्ञा के तीन मुख्य भेद होते हैं :-
- वचन के दो भेद है :-
- कृपया निम्नलिखित नियमों का पालन करें :-
13. विस्मरण चिन्ह या त्रुटिपूरक चिन्ह/हंसपद (^)
जब किसी वाक्य अथवा वाक्यांश में कोई शब्द अथवा अक्षर लिखने में छूट जाता हैं तो छूटे हुए वाक्य के नीचे हंसपद चिन्ह (^) का प्रयोग किया जाता हैं।
अर्थात यदि हम कोई वाक्य लिखते समय किसी शब्द को भूल जाते हैं ऐसे में विस्मरण चिन्ह (^) का प्रयोग किया जाता है।
विस्मरण चिन्ह या त्रुटिपूरक चिन्ह (^) से प्रदर्शित किया जाता हैं।
विस्मरण चिन्ह या त्रुटिपूरक चिन्ह को अंग्रेजी में Oblivion Sign कहते है।
उदाहरण :-
- सोहन ^ जाएगा। (बम्बई)
- कृष्णा जी ^ में रहते हैं। (मथुरा)
- राम बहुत ^ लड़का है। (अच्छा)
- मैंने तुमसे वो बात ^ थी। (बताई)
14. पदलोप चिन्ह (…)
जब वाक्य या अनुच्छेद में कुछ अंश छोड़ कर लिखना होता हैं तो पदलोप चिह्न (…) का प्रयोग किया जाता है।
पदलोप चिन्ह को (…) चिन्ह से प्रदर्शित किया जाता हैं।
पदलोप चिन्ह को अंग्रेजी में Omission कहते हैं।
उदाहरण :-
- राम ने मोहन को गली दी…
- मैं सामान उठा दूंगा पर…
- में घर अवश्य चलूँगा… पर तुम्हारे साथ
15. रेखांकन चिन्ह – Underline ( _ )
किसी भी वाक्य में महत्त्वपूर्ण शब्द, पद, वाक्य को रेखांकित करने के लिए रेखांकन चिन्ह (_) का प्रयोग किया जाता है।
रेखांकन को (_) चिन्ह से प्रदर्शित किया जाता हैं।
रेखांकन चिन्ह को अंग्रेजी में Underline कहते है।
उदाहरण :-
- हरियाणा और उत्तर प्रदेश को यमुना नदी प्रथक करती हैं।
- गोदान उपन्यास, प्रेमचंद द्वारा लिखित सर्वश्रेष्ठ कृति हैं।
- कृष्ण ने बरगद के पेड़ के नीचे उपदेश दिया था।
16. पुनरुक्ति सूचक चिन्ह (,,)
पुनरुक्ति सूचक चिन्ह (,,) का प्रयोग ऊपर लिखे किसी वाक्य के अंश को दोबारा लिखने से बचने के लिए किया जाता है।
पुनरुक्ति सूचक चिन्ह (,,) के चिन्ह द्वारा प्रदर्शित किया जाता हैं।
पुनरुक्ति सूचक चिन्ह को अंग्रेजी में Repeat Pointer Symbol कहते है।
उदाहरण :-
क्र. | दान कर्ता का नाम | दान राशि |
---|---|---|
1 | मोहन | 200 रुपये |
2 | अशोक | ,, |
3 | प्रेम | ,, |
4 | मोहक | ,, |
5 | सोनू | 200 रुपये |
17. दीर्घ उच्चारण चिन्ह (S)
जब वाक्य में किसी शब्द विषेश के उच्चारण में अन्य शब्दों की अपेक्षा अधिक समय लगता है तो वहां पर दीर्घ उच्चारण चिन्ह (S) का प्रयोग किया जाता है।
अर्थात छंद में दीर्घ मात्रा (का, की, कू, के, कै, को, कौ) और लघु मात्रा (क, कि, कु, र्क) को दर्शाने के लिए इस चिन्ह का प्रयोग होता हैं।
दीर्घ उच्चारण चिन्ह S के चिन्ह द्वारा प्रदर्शित किया जाता हैं।
उदाहरण :-
देखत भृगुपति वेषु कराला
।S।। ।।।। S। ।SS
18. तुल्यता सूचक चिन्ह (=)
किसी शब्द अथवा गणित के अंकों के मध्य की तुल्यता को दर्शाने के लिए तुल्यता सूचक (=) चिन्ह का प्रयोग किया जाता हैं।
अर्थात वाक्य में दो शब्दों की तुलना समानता या बराबरी करने में तुल्यता सूचक चिन्ह का प्रयोग किया जाता हैं।
तुल्यता सूचक चिन्ह को (=) चिन्ह के द्वारा प्रदर्शित किया जाता हैं।
तुल्यता सूचक चिन्ह को अंग्रेजी में Equivalence Indicator कहते हैं।
उदाहरण :-
- 5 : 10
- A = B
- अ = ब
- अच्छाई = बुराई
विराम चिह्न के महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1. विराम चिह्न क्या है?
उत्तर : “विराम” का अर्थ है “रुकना” और चिह्न” का अर्थ है “निशान”। अपनी बात को पूरी तरह से स्पष्ट करने के लिए लिखते समय हम रुकने आदि के लिए जो चिह्न लगाते हैं। इन्हें विराम चिह्न कहते हैं।
उदाहरण :
रोको, मत जाने दो।
रोको मत, जाने दो।
ऊपर के दोनों वाक्यों में अल्प-विराम (,) के कारण अर्थ में भारी अंतर आ गया है।
प्रश्न 2. अल्प विराम किसे कहते हैं?
उत्तर : अल्प विराम का अर्थ है – थोड़ा विराम। जब पूर्ण विराम से कम समय के लिए वाक्य के बीच में रुकना पड़े, तो अल्पविराम चिह्न का प्रयोग किया जाता है। अन्य सभी विराम चिह्नों की अपेक्षा अल्पविराम का प्रयोग सर्वाधिक होता है।
जैसे :
मैं कहानी, उपन्यास, नाटक और एकांकी सभी कुछ पढ़ता हूँ।
भारत में गेहूँ, चना, बाजरा, मक्का, आदि बहुत सी फ़सलें उगाई जाती हैं।
प्रश्न 3. उद्धरण चिह्न कितने प्रकार के होते हैं और उनमें क्या अंतर है ?
उत्तर : उद्धरण चिह्न दो प्रकार के होते हैं – एकहरे (‘…….‘) तथा दोहरे (”….. “)
एकहरे (‘…….‘) उद्धरण चिह्न का प्रयोग किसी विशेष व्यक्ति, ग्रंथ, उपनाम आदि को प्रकट करने के लिए किया जाता है;
जैसे :
‘रामचरित मानस’ तुलसीदस द्वारा रचित ग्रंथ है।
रामधारी सिंह ‘दिनकर’ महान कवि थे।
दोहरा उद्धरण चिह्न (”……. “) – इस चिह्न का प्रयोग किसी के द्वारा कही गई बात अथवा कथन को ज्यों-का-त्यों दिखाने के लिए किया जाता है;
जैसे :
महात्मा गांधी ने कहा, “सत्य ही ईश्वर है।”
लोकमान्य तिलक ने कहा था, “स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है।”
प्रश्न 4. त्रुटिपूरक चिह्न को परिभाषित कीजिए।
उत्तर : लिखते समय जब वाक्य में कोई बात छूट जाती है। और बाद में उसके जोड़ने की आवश्यकता का अनुभव होता है तो छूटे हुए स्थान पर हंसपद का प्रयोग करके वह बात लिख दी जाती है।
जैसे :
छात्रों को चाहिए ^ वे खूब मन लगाकर पढ़ें।
बगीचे में ^ फूल खिले हैं।
प्रश्न 5. लाघव चिह्न कहाँ प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर : किसी बड़े अंश का संक्षिप्त रूप लिखने के लिए इस चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
जैसे :
मेंबर ऑफ पार्लियामेंट – एमपी०
डॉक्टर – डॉ०
अर्जित अवकाश – अ००।
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