हास्य रस की परिभाषा, अवयव, प्रकार और उदाहरण

इस पेज पर आप हास्य रस की समस्त जानकरी विस्तार से पढ़ेंगे तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए।

पिछली पोस्ट में हमने शृंगार रस की जानकारी शेयर की हैं तो उस पोस्ट को भी पढ़े।

चलिए आज की इस पोस्ट में हम हास्य रस की परिभाषा, अवयव, प्रकार और उदाहरण को पढ़ते और समझते हैं।

हास्य रस की परिभाषा

किसी वस्तु या व्यक्ति की घटनाओं और भावनाओं से संबंधित काव्य को पढ़ने से उत्पन्न रस को हास्य रस कहते हैं।

दूसरे शब्दों में, किसी पदार्थ या व्यक्ति की असाधारण आकृति, वेशभूषा, चेष्टा आदि को देखकर हृदय में जो विनोद का भाव जाग्रत होता है, उसे हास्य रस कहा जाता हैं। यही हास जब विभाव, अनुभाव तथा संचारी भावों से पुष्ट हो जाता है तो उसे ‘हास्य रस’ कहते हैं।

उदाहरण :-

इस दौड़-धूप में क्या रखा हैं।
आराम करो आराम करो।
आराम जिंदगी की पूजा हैं।।
इससे न तपेदिक होती।
आराम शुधा की एक बूंद।
तन का दुबलापन खो देती।।

हास्य रस के 10 उदाहरण

उदाहरण 1. “नाना वाहन नाना वेषा। विंहसे सिव समाज निज देखा॥
कोउ मुखहीन, बिपुल मुख काहू बिन पद कर कोड बहु पदबाहू॥’

स्पष्टी करण :-

स्थायी भाव – हास
आलम्बन विभाव – शिव समाज
आश्रयालम्बन – स्वयं शिव
उद्दीपन – विचित्र वेशभूषा
अनुभाव – शिवजी का हँसना
संचारी भाव – रोमांच, हर्ष, चापल्य

उदाहरण 2. “बिन्ध्य के बासी उदासी तपोव्रतधारि महा बिनु नारि दुखारे।
गौतमतीय तरी तुलसी, सो कथा सुनि भै मुनिबृन्द सुखारे॥
है हैं सिला सब चन्द्रमुखी, परसे पद-मंजुल कंज तिहारे।
कीन्हीं भली रघुनायक जू करुना करि कानन को पगु धारे॥”

स्पष्टी करण :-

स्थायी भाव – हास
आश्रयालम्बन – पाठक
आलम्बन – विन्ध्य के उदास वासी
उद्दीपन – गौतम की स्त्री का उद्धार, स्तुति, कथा सुनना, राम के आगमन पर प्रसन्न होना
अनुभाव – हँसना, मुनियों की कथा आदि सुनना
संचारी भाव – हर्ष, स्मृति आदि

उदाहरण 3. “हँसि-हँसि भाजैं देखि दूलह दिगम्बर को,
पाहुनी जे आवै हिमाचल के उछाह में।

उदाहरण 4. ”सीस पर गंगा हँसै, भुजनि भुजंगा हँसै,
हास ही को दंगा भयो, नंगा के विवाह में॥

उदाहरण 5. ”मैं यह तोहीं मैं लखी भगति अपूरब बाल।
लहि प्रसाद माला जु भौ तनु कदम्ब की माल। ”

उदाहरण 6. जेहि दिसि बैठे नारद फूली।
सो दिसि तेहि न बिलोकी भूली॥

उदाहरण 7. लखन कहा हसि हमरे जाना। सुनहु देव सब धनुष सनाना
का छति लाभु जून धनु तोरे। रेखा राम नयन के शोरे।।

उदाहरण 8. ”बिहसि लखन बोले मृदु बानी, अहो मुनीषु महाभर यानी।
पुनी पुनी मोहि देखात कुहारू, चाहत उड़ावन फुंकी पहारु। ”

उदाहरण 9. हाथी जैसा देह, गैंडे जैसी चाल।
तरबूजे-सी खोपड़ी, खरबूजे-सी गाल॥

उदाहरण 10. पत्नी खटिया पर पड़ी, व्याकुल घर के लोग
व्याकुलता के कारण, समझ न पाए रोग
समझ न पाए रोग, तब एक वैद्य बुलाया
इसको माता निकली है, उसने यह समझाया
कह काका कविराय, सुने मेरे भाग्य विधाता
हमने समझी थी पत्नी, यह तो निकली माता। ।

हास्य रस के अवयव

स्थायी भाव :- हास्य रस का स्थायी भाव हास हैं।

आलंबन विभाव :- विचित्र वेशभूषा, आकर चेष्ठा एवं आकृति।

उद्दीपन विभाव :- आलंबन की अनोखि, चेष्ठाएँ, बातचीत इत्यादि।

अनुभाव :- आँखो का मिचमीचाना, अट्टहास करना तथा आश्रय की मुस्कान।

संचारी भाव :- निद्रा, आलस्य, उत्सुकता, भ्रम, हर्ष एवं कम्पन इत्यादि।

हास्य रस के प्रकार

  • आत्मस्थ
  • परस्थ

1. आत्मस्थ

इसके अंतर्गत व्यक्ति स्वयं हास्य उत्पन्न करता है, इसके लिए किसी अन्य माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है।

कुछ संयोग या ऐसी परिस्थितियां बनती है जब स्वयं ही मुख मंडल पर हास्य की आभा उत्पन्न होती है।

उदाहरण :-

हाथी जैसा देह, गैंडे जैसी चाल।
तरबूजे सी खोपड़ी,खरबूजे सी गाल।।

2. परस्थ

इसके अंतर्गत व्यक्ति को हास्य उत्पन्न करने के लिए दूसरे व्यक्ति की अथवा नायक की आवश्यकता होती है। नायक के भाव-भंगिमाओ द्वारा किए गए क्रियाकलापों अथवा उसके वेशभूषा या परिधान के माध्यम से हास्य उत्पन्न होता है।

उदाहरण :-

लखन कहा हसि हमरे जाना।
सुनहु देव सब धनुष सनाना।।
का छति लाभु जून धनु तोरे।  
रेखा राम नयन के शोरे।।

हास्य रस से संबंधित प्रश्न उत्तर

1. हास्य रस का स्थायी भाव क्या है?

A. शोक
B. रति
C. हास्य
D. करूण

उत्तर :- हास्य

2. हास्य रस कितने प्रकार होते है?

A. 4
B. 3
C. 2
D. 1

उत्तर :- 2

3. लखन कहा हसि हमरे जाना। सुनहु देव सब धनुष सनाना
का छति लाभु जून धनु तोरे। रेखा राम नयन के शोरे।। में कैसा सा है?

A. हास्य रस
B. करूण रस
C. वीर रस
D. रौद्र रस

उत्तर :- हास्य रस

4. इन में से संचारी भाव क्या है?

A. वेशभूषा
B. निद्रा
C. बातचीत
D. हास्य

उत्तर : निद्रा

5. विचित्र वेशभूषा निम्न में से क्या है?

A. विभाव
B. अनुभाव
C. उद्दीपन विभाव
D. आलंबन

उत्तर :- आलंबन

6. आँखों का मिचमिचाना किस तरह का भाव है?

A. उद्दीपन विभाव
B. आलंबन विभाव
C. अनुभाव
D. संचारी भाव

उत्तर :- अनुभाव

7. उत्सुकता निम्न में से किस तरह का भाव है?

A. स्थाई भाव
B. आलंबन विभाव
C. संचारी भाव
D. अनुभव

उत्तर :- संचारी भाव

8. निम्न भाव में से उद्दीपन विभाव कौन सा है?

A. आश्रय की मुस्कान
B. वेशभूषा
C. आलस्य
D. बातचीत

उत्तर :- बातचीत

9. किस भाव की परिपक्व अवस्था को रस कहा जाता है?

A. अनुभाव
B. विभाव   
C. संचारी भाव
D. स्थायी भाव  

उत्तर :- स्थायी भाव

10.  बुरे समय को देख कर गंजे तू क्यों रोय। किसी भी हालत में तेरा बाल न बाँका होय

A. वीर रस
B. संयोग रस
C. शांत रस
D. हास्य रस

उत्तर :- हास्य रस

जरूर पढ़िए :

उम्मीद है आपको हास्य रस की जानकारी पसंद आयी होगी।

यदि आपको यह पोस्ट पसंद आयी हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

इस आर्टिकल से सम्बंधित यदि कोई प्रश्न हैं तो कमेंट में जरूर पूछें धन्यवाद।

1 thought on “हास्य रस की परिभाषा, अवयव, प्रकार और उदाहरण”

  1. परिभाषा =(फादर ने बनवा दिए तीन कोट 6पेंट /बेटा मेरा हो गया कॉलेज स्टूडेंट)

    Reply

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.