अद्भुत रस की परिभाषा, अवयव और उदाहरण

इस पेज पर आप अद्भुत रस की समस्त जानकारी पढ़ेंगे जो परीक्षा की दृष्टि से जरुरी हैं।

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चलिए अद्भुत रस की परिभाषा, अवयव और उदाहरण को पढ़ते और समझते हैं।

अद्भुत रस की परिभाषा

जहां पर किसी आलौरिक क्रिया कलाप आश्चर्य चकित वस्तुओं को देखकर या उन से सम्बंधित घटनाओं को देखकर मन में जो भाव उत्पन्न होते हैं वहाँ पर अद्भुत रस होता हैं।

जब विस्मय भाव अपने अनुकूल, आलंबन, उद्दीपन, अनुभाव और संचारी भाव का सहयोग पाकर अस्वाद का रूप धारण कर लेता है तो उसे अद्भुत रस कहते हैं।

अद्भुत रस के 10 उदाहरण

उदाहरण 1. बिनू पद चलै सुने बिनु काना।
कर बिनु कर्म करै विधि नाना।।

उदाहरण 2. इहाँ उहाँ दुह बालक देखा।
मति भ्रम मोरि कि आन बिसेखा।

उदाहरण 3. देखी राम जननी अकलानी।
प्रभू हँसि दीन्ह मधुर मुसुकानी।।

उदाहरण 4. देखरावा मातहि निज,
अद्भुत रूप अखण्ड।
रोम-रोम प्रति लागे,
कोटि-कोटि ब्रम्हाण्ड।।

उदाहरण 5. देख यशोदा शिशु के मुख में,
सकल विश्व की माया,
क्षणभर को वह बनी अचेतन,
हिल ना सकी कोमल काया।

उदाहरण 6. केशव नहीं जाई का कहिये।
देखत तब रचना विचित्र अति
समुझि मनहीं मन दाहिये।।

उदाहरण 7. पद पाताल सीस अजयधामा,
अपर लोक अंग-अंग विश्राम।
भृकुटि बिलास भयंकर काला,
नयन दिवाकर कच धन माला।।

उदाहरण 8. लक्ष्मी थी या दुर्गा वह,
स्वयं वीरता की अवतार।
देख मराठे पुलकित होते,
उसकी तलवारों के वार।।

उदाहरण 9. आयु सिता-सित रूप चितैचित,
स्याँम शरीर रगे रँग रातें।
‘केसव’ कॉनन ही न सुनें,
सु कै रस की रसना बिन बातें।।

उदाहरण 10. मैं फिर भूल गया इस छोटी सी घटना को
और बात भी क्या थी, याद जिसे रखता मन!
किंतु, एक दिन जब मैं संध्या को आँगन में
टहल रहा था, तब सहसा मैंने जो देखा
उससे हर्ष विमूढ़ हो उठा मैं विस्मय से!
देखा, आँगन के कोने में कई नवागत
छोटी-छोटी छाता ताने खड़े हुए हैं।

अद्भुत रस के अवयव

स्थाई भाव :- विस्मय/आश्चर्य

अनुभाव :-

  • स्तम्भ
  • स्वेद
  • रोमांच
  • आश्चर्यचकित भाव

संचारी भाव :-

  • वितर्क
  • आवेग
  • हर्ष
  • स्मृति
  • मति
  • त्रास

आलंबन :-

  • अलौकिक
  • विचित्र वस्तु
  • व्यक्ति
  • घटना
  • दृश्य

उद्दीपन :- आलम्बन की अद्भुत चेष्टाएँ एवं उसका श्रवण वर्णन।

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अद्भुत रस से संबंधित प्रश्न उत्तर

1. भरतमुनि ने आनंद देने वाला रस किस को बताया है?
A. शृंगार रस
B. अद्भुत रस
C. हास्य रस
D. वीर रस

उत्तर :- अद्भुत रस

2. अद्भुत रस का स्थायी  भाव क्या है?
A. रति
B. हास
C. विस्मय
D. शोक

उत्तर :- विस्मय

3. रस की चार्च सर्वप्रथम किसने की थी?
A. भरतमुनि
B. नंदिकेश्वर
C. पतंजलि
D. चरक

उत्तर :- नंदिकेश्वर

4. अद्भुद रस के दो भेद किसने दिए?
A. पतंजलि
B. चरक
C. भरतमुनि
D. नंदिकेश्वर

उत्तर :- भरतमुनि

5. विस्मय किसका रस का स्थाई भाव किसका है?
A. अद्भुद रस
B. वात्सल्य रस
C. भयानक रस
D. हास्य रस

उत्तर :- अद्भुद रस

6. अद्भुद रस की परिभाषा किसने दी?
A. भरतमुनि
B. विश्वनाथ
C. नंदिकेश्वर
D. पतंजलि

उत्तर :- भरतमुनि

7. आश्चर्य किस रस का स्थाई भाव
A. वात्सल्य रस
B. करुण रस
C. हास्य रस
D. अद्भुद रस

उत्तर :- अद्भुद रस

8. आवेग क्या है?
A. विभाव
B. अनुभाव
C. संचारी भाव
D. उद्दीपन

उत्तर :- संचारी भाव

9. रोमांच निम्न में से क्या है?
A. अनुभाव
B. संचारी भाव
C. उद्दीपन विभाव
D. आलंबन

उत्तर :- अनुभाव

10. आलम्बन की अद्भुत चेष्टाएँ निम्न में से क्या है?
A. आलंबन
B. उद्दीपन
C. अनुभाव
D. संचारी भाव

उत्तर :- उद्दीपन

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