इस पेज पर आप शांत रस की समस्त जानकारी विस्तार से पढ़ेगें तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए।
पिछले पेज पर हमने शृंगार रस और हास्य रस की जानकारी शेयर की है तो उस पोस्ट को भी जरूर पढ़े।
चलिए आज हम शान्त रस की परिभाषा, अवयव, प्रकार और उदाहरण को पढ़ते और समझते हैं।
शांत रस की परिभाषा
वह काव्य रचना जिसमें श्रोता के मन में निर्वेद के भाव उत्पन्न हो वहाँ शांत रस की उत्पत्ति होती हैं।
दूसरे शब्दों में, जब मनुष्य मोह-माया को त्याग कर सांसारिक कार्यों से मुक्त हो जाता है और वैराग्य धारण कर परमात्मा के वास्तविक रूप का ज्ञान होता है तो मनुष्य के मन को जो शान्ति मिलती है, उसे शांत रस कहते हैं।
उदाहरण :-
1. मन रे तन कागज का पुतला,
लगे बुद विनसि जाए झण में, गरब करै क्यों इतना।
व्याख्या :- प्रस्तुत पंक्ति कबीर दास की है। इस पंक्ति के माध्यम से कहा गया है कि हे मनुष्य तुम किस बात पर गर्व करते हो। जो यह शरीर को और अपने जीवन को लेकर यूं ही जो मदमस्त रहते हो। यह कुछ काम नहीं आएगा, यह तन एक कागज का पुतला है।
एक बूंद पानी की पड़ने पर जिस प्रकार कागज गल कर अपना वास्तविक अस्तित्व खो देता है। यह शरीर भी एक क्षण में अपना सब कुछ छोड़ जाएगा। इसलिए अपने शरीर और अपने ऐश्वर्य पर कभी भी गर्व नहीं करना चाहिए।
2. ओ क्षणभंगुर भव राम राम।
व्याख्या :– प्रस्तुत पंक्ति महात्मा बुद्ध बनने से पूर्व सिद्धार्थ की है। शांति और विश्व कल्याण के लिए सुख, समृद्धि, वैभव, परिवार, राज पाट छोड़कर प्रस्थान करते हैं उन्होंने इस जीवन को क्षणभंगुर माना है।
शांत रस के अवयव
शांत रस का स्थाई भाव :- निर्वेद
संचारी भाव :-
- धृति
- हर्ष
- स्मृति
- मति
- विबोध
- निर्वेद आदि।
अनुभाव :-
- पूरे शरीर में रोमांच
- पुलक
- अश्रू आदि।
उद्दीपन विभाव :-
- सतसंग
- तीर्थ स्थलों की यात्रा
- शास्त्रों का अनुशीलन आदि।
आलंबन विभाव :- परमात्मा चिंतन एंव संसार की क्षणभंगुरत
शांत रस से संबंधित प्रश्न उत्तर
1. शांत रस का स्थायी भाव क्या है?
A. भय
B. निर्वेद
C. क्रोध
D. घ्रणा
उत्तर :- निर्वेद
2. शांति के लिए किया गया दान-पुण्य किस रस के अंतर्गत आता है?
A. हास्य रस
B. शृंगार रस
C. शांत रस
D. करूण रस
उत्तर :- शांत रस
3. ज्यौं गज काँच बिलोकि सेन जड़ छांह आपने तन की।
टूटत अति आतुर अहार बस, छति बिसारि आनन की।।
इन पंक्तियों में कौन-सा रस है?
A. हास्य रस
B. शृंगार रस
C. शांत रस
D. करूण रस
उत्तर :- शांत रस
4. जब मै था तब हरि नाहिं अब हरि है मै नाहिं सब अँधियारा मिट गया जब दीपक देख्या माहिं।
इन पंक्तियों में कौन-सा रस है?
A. शांत रस
B. वात्सल्य रस
C. भक्ति रस
D. अद्भुत रस
उत्तर :- शांत रस
5. परमात्मा चिंतन एंव संसार की क्षणभंगुरता आलंबन किस भाव के रस में होता है?
A. करूण रस
B. भयानक
C. वातसल्य
D. शांत रस
उत्तर :- शांत रस
6. शांत रस में संचारी भाव क्या है?
A. निर्वेद
B. परमात्मा चिंतन
C. धृति, हर्ष
D. पूरे शरीर में रोमांच
उत्तर :- धृति, हर्ष
7. मन रे तन कागज का पुतला,
लगे बुद विनसि जाए झण में,
गरब करै क्यों इतना।
इन पंक्तियों में कौन-सा रस है?
A. श्रृंगार रस
B. हास्य रस
C. अदभूत रस
D. शांत रस
उत्तर :- शांत रस
8. ओ क्षणभंगुर भव राम राम।
इन पंक्तियों में कौन-सा स्थायी भाव है?
A. भय
B. क्रोध
C. निर्वेद
D. घ्रणा
उत्तर :- निर्वेद
9. मनुष्य के मन को जब शांति मिलती है तो वहाँ कौन सा रस उत्पन्न होता है?
A. रौद्र रस
B. शांत रस
C. भयानक रस
D. भक्ति रस
उत्तर :- शांत रस
10. जब श्रोता के मन में निर्वेद के भाव उत्पन्न हो तो वहाँ कौन सा रस होता है?
A. शांत रस
B. रौद्र रस
C. अदभूत रस
D. करुण रस
उत्तर :- शांत रस
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