सम्बन्ध कारक की परिभाषा, प्रयोग और उदाहरण

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चलिए आज हम सम्बन्ध कारक की परिभाषा, प्रयोग और उदाहरण की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं।

सम्बन्ध कारक किसे कहते हैं

शब्द के जिस रूप से संज्ञा या सर्वनाम के साथ संबध का बोध होता हो, उसे सम्बन्ध कारक कहते है।

दूसरे शब्दों में संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से किसी दूसरे शब्द के साथ सम्बन्ध या लगाव प्रतीत होता हो, तो उसे सम्बन्ध कारक कहते है। इसकी विभक्ति ‘का’, ‘की’, ‘के’, ‘रा’, ‘रे’, ‘री’, ‘ना ‘ और ‘नी ‘ होता हैं। 

जैसे :

1. ”सीता का भाई आया है।” 

इस वाक्य में गीता तथा भाई दोनों संज्ञा के शब्द है। भाई से सीता का संबध दिखाया गया है। इससे यह प्रश्न उठता हैं की किसका भाई आया है ? तो उत्तर हैं सीता का। इसलिए सीता का संबध कारक है ।

2. मोहन का मकान छोटा है।  

जैसे :-

  • सुरेश की कोठरी।
  • मुकेश के बेटे। 

संबंध कारक के प्रयोग

संबंध कारक के प्रयोग से जुड़ी कुछ महत्त्वपूर्ण बाते निम्नलिखित हैं।

1. सम्बन्धकारक का विभक्तिचिह्न ‘का’ होता है। वचन और लिंग के अनुसार इसकी विकृति ‘के’ और ‘की’ है। इस कारक से अधिकतर, कर्तृत्व, कार्य-कारण, मोल-भाव, परिमाण, दृष्टव्य इत्यादि का बोध होता है।

जैसे : 

अधिकतर :  राम की किताब, श्याम का घर। 

कर्तृत्व : प्रेमचन्द्र के उपन्यास, भारतेन्दु के नाटक। 

कार्य-करण : चाँदी की थाली, सोने का गहना। 

मोल-भाव : एक रुपए का चावल, पाँच रुपए का घी। 

परिमाण : चार भर का हार, सौ मील की दूरी, पाँच हाथ की लाठी।

द्रष्टव्य : रामवाली किताब, श्यामवाला घर, प्रेमचन्दवाले उपन्यास, चाँदीवाली थाली इत्यादि।

2. सम्बन्ध कारक की विभक्ति का कुछ मुहावरेदार वाक्यों में भी प्रयोग किया जाता है।

जैसे :

1. दिन के दिन, महीने के महीने, होली की होली, दीवाली की दीवाली, रात की रात, दोपहर के दोपहर इत्यादि। 

2. कान का कच्चा, बात का पक्का, आँख का अन्धा, गाँठ का पूरा, बात का धनी, दिल का सच्चा इत्यादि। 

3. वह अब आने का नहीं, मैं अब जाने का नहीं, वह टिकने का नहीं इत्यादि।

3. दूसरे कारक के अर्थ में भी सम्बन्ध कारक की विभक्ति का प्रयोग किया जाता है।

जैसे : 

  • जन्म का भिखारी= जन्म से भिखारी (करण)
  • हिमालय का चढ़ना= हिमालय पर चढ़ना (अधिकरण)

4. सम्बन्ध, अधिकार और देने के अर्थ में सम्बन्ध कारक की विभक्ति का प्रयोग किया जाता है।

जैसे

  • हरि को बाल-बच्चा नहीं हैं। 
  • राम की बहन हुई है। 
  • राजा के आँखें नहीं होती, केवल कान होते हैं। 
  • रावण ने विभीषण को लात मारी। 
  • ब्राह्मण को दक्षिणा दो।

5. सर्वनाम की स्थिति में सम्बन्ध कारक का प्रत्यय रा-रे-री और ना-ने-नी हो जाता है।

जैसे : 

  • मेरा लड़का
  • मेरी लड़की
  • तुम्हारा घर
  • तुम्हारी पगड़ी
  • अपना भरोसा
  • अपनी रोजी
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