वचन की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण

इस पेज पर आप वचन की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए।

पिछले पेज पर हमने शब्दालंकार की जानकारी शेयर की हैं तो उस पोस्ट को भी पढ़े।

चलिए आज हम वचन की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं।

वचन किसे कहते हैं

शब्द के जिस रूप से किसी वस्तु के एक या एक से अधिक होने का या किसी वस्तु के संख्या अथवा मात्रा का बोध होता है, उसे हिन्दी व्याकरण में ‘वचन’ कहते है।

दूसरे शब्दों में संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के जिस रूप से संख्या का बोध हो, उसे ‘वचन’ कहते है।

जैसे :-

  • फ्रिज में सब्जियाँ रखी हैं।
  • तालाब में मछलियाँ तैर रही हैं।
  • माली पौधे सींच रहा है।
  • कछुआ खरगोश के पीछे है।

उपर दिए गए वाक्यों में फ्रिज, तालाब, बच्चे, माली, कछुआ इत्यादि शब्द के एक होने का बोध हो रहा है अतः यहसभी वस्तुएं एकवचन हैं।

जबकि सब्जियाँ, मछलियाँ, पौधे, खरगोश इत्यादि शब्द के एक से अधिक होने का बोध हो रहा हैं। अतः यह सभी बहुवचन के शब्द है।

वचन के प्रकार

हिंदी व्याकरण में वचन के दो प्रकार होते हैं।

1. एकवचन 

संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु का संख्या में एक होने का बोध हो, उसे एकवचन कहते है।

जैसे :- स्त्री, घोड़ा, नदी, रुपया, लड़का, गाय, सिपाही, बच्चा, कपड़ा, माता, माला, पुस्तक, टोपी, बंदर, मोर इत्यादि।

2. बहुवचन

शब्द के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु के एक से अधिक होने का बोध हो, उसे बहुवचन कहते है।

जैसे : स्त्रियाँ, घोड़े, नदियाँ, रूपये, लड़के, गायें, कपड़े, टोपियाँ, मालाएँ, माताएँ, पुस्तकें, वधुएँ, गुरुजन, रोटियाँ, लताएँ, बेटे इत्यादि।

जरूर पढ़िए :

उम्मीद हैं आपको वचन की जानकारी पसंद आयी होगी।

यदि आपको यह पोस्ट पसंद आयी हो तो दोस्तों के साथ शेयर कीजिए।

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.