इस पेज पर आप संबोधन कारक की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए।
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चलिए आज हम संबोधनकारक की परिभाषा और उदाहरण की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं।
संबोधन कारक किसे कहते हैं
जिन शब्दों का प्रयोग किसी को बुलाने या पुकारने में किया जाता है, उसे संबोधनकारक कहते है।
दूसरे शब्दों में संज्ञा के जिस रूप से किसी के पुकारने या बुलाने के भाव का बोध होता है, उसे सम्बोधन कारक कहते है। इसकी विभक्ति ‘अरे’, ‘हे’ आदि होता है।
उदाहरण :
- हे श्याम! इधर आओ।
- अरे! तुम क्या कर रहे हो
उपयुक्त्त वाक्यों में ‘हे श्याम!, अरे!’ संबोधन कारक है।
संबोधन कारक की परिभाषा
संज्ञा या जिस रूप से किसी को पुकारने तथा सावधान करने का बोध हो, उसे सम्बोधन कारक कहते हैं। इसका सम्बन्ध न क्रिया से और न किसी दूसरे शब्द से होता है। यह वाक्य से अलग रहता है। इसका कोई कारक चिन्ह भी नहीं है।
सम्बोधन कारक के उदाहरण :–
- खबरदार !
- सीता को मत मारो।
- मोहन ! देखो कैसा सुन्दर दृश्य है।
- लड़के! जरा इधर आ।
FAQ
उत्तर :- संज्ञा या सर्वनाम का वह रूप जिससे किसी को बुलाने, पुकारने या बोलने का बोध होता है, तो वह सम्बोधन कहलाता है।
उत्तर :- जिस शब्द से किसी को पुकारा या बुलाया जाए उसे सम्बोधनकारक कहते हैं।
जैसे – हे राम ! यह क्या हो गया।
उत्तर :- जिससे किसी को बुलाने अथवा पुकारने का भाव प्रकट हो उसे संबोधन कारक कहते है और संबोधन चिह्न (!) लगाया जाता है।
उम्मीद हैं आपको संबोधन कारक की जानकारी पसंद आयी होगी।
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