इस पेज पर आप करण कारक की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए।
पिछले पेज पर हमने संबोधन कारक की जानकारी शेयर की हैं तो उस पोस्ट को भी पढ़े।
चलिए आज हम करण कारक की परिभाषा, नियम और उदाहरण की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं।
करण कारक किसे कहते हैं
जिस वस्तु की सहायता से या जिसके द्वारा किसी काम को पूरा किया जाता है, उसे करण कारक कहते है।
दूसरे शब्दों में वाक्य में जिस शब्द से क्रिया के सम्बन्ध का बोध होता हो उसे करण कारक कहते है। इसकी विभक्ति ‘से’ होती है।
उदाहरण :-
1. हम आँखों से देखते है।
इस वाक्य में देखने की क्रिया करने के लिए आँख का प्रयोग किया गया है। इसलिए आँखों से करण कारक है ।
हिन्दी में करणकारक के अन्य चिह्न भी है।
जैसे :- से, द्वारा, के द्वारा, के जरिए, के साथ, के बिना इत्यादि। इन चिह्नों में अधिकतर प्रसिद्ध से’, ‘द्वारा’, ‘के द्वारा’ ‘के जरिए’ इत्यादि ही है।
2. मुझसे यह खाना न सधेगा।
यहाँ ‘मुझसे’ का अर्थ है ‘मेरे द्वारा’, ‘मुझ साधन भूत के द्वारा’ या ‘मुझ-जैसे साधन के द्वारा। अतः ‘साधन’ को बताने के कारण यहाँ ‘मुझसे’ का ‘से’ करण का विभक्ति चिह्न है।
करण कारक के नियम
करणकारक का क्षेत्र अन्य सभी कारकों से बड़ा है। अतः इसकी कुछ सामान्य पहचान और नियम को जान लेना आवश्यक है।
1. ‘से’ करन और अपादान दोनों विभक्तियों का चिह्न है। साधन का प्रत्यय होने पर से को करण माना जायेगा, जबकि अलगाव का प्रत्यय होने पर अपादान कारक।
जैसे :
- वह कुल्हाड़ी से वृक्ष काटता है।
- मुझे अपनी कमाई से खाना मिलता है।
- साधुओं की संगति से बुद्धि सुधरती है।
2. ‘से’, ‘के द्वारा’ और ‘के जरिये’ हिन्दी में करण कारक के ही प्रत्यय माने जाते है। क्योंकि यह सभी प्रत्यय ‘साधन’ अर्थ की ओर इशारा करते हैं।
जैसे :
- मुझसे यह काम न सधेगा।
- उसके द्वारा यह कथा सुनी थी।
- आपके जरिये ही घर का पता चला।
- तीर से बाघ मार दिया गया।
- मेरे द्वारा मकान ढहाया गया था।
3. भूख, प्यास, जाड़ा, आँख, कान, पाँव इत्यादि शब्द यदि एकवचन करण कारक में सप्रत्यय रहते है, तो एकवचन होते है और यदि अप्रत्यय रहते है, तो बहुवचन होते हैं।
जैसे :
- वह भूख से बेचैन है या वह भूखों बेचैन है।
- लड़का प्यास से मर रहा है या लड़का प्यासों मर रहा है।
- स्त्री जाड़े से काँप रही है या स्त्री जाड़ों काँप रही है।
- मैंने अपनी आँख से यह घटना देखी या मैंने अपनी आँखों यह घटना देखी।
- कान से सुनी बात पर विश्वास नहीं करना चाहिए या कानों सुनी बात पर विश्वास नहीं करना चाहिए।
- लड़का अब अपने पाँव से चलता है या लड़का अब अपने पाँवों चलता है।
जरूर पढ़िए :
उम्मीद हैं आपको करण कारक की जानकारी पसंद आयी होगी।
यदि आपको यह पोस्ट पसंद आयी हो तो दोस्तों के साथ शेयर कीजिए।