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चलिए आज हम बहुवचन की समस्त जानाकारी को पढ़ते और समझते हैं।
बहुवचन किसे कहते हैं
शब्द के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु के एक से अधिक अथवा अनेक होने का बोध हो, उसे बहुवचन कहते है।
जैसे :- लडके, गायें, कपड़े, टोपियाँ, मालाएँ, माताएँ, पुस्तकें, वधुएँ, गुरुजन, रोटियां, पेंसिलें, स्त्रियाँ, बेटे, बेटियाँ, केले, गमले, चूहे, तोते, घोड़े, घरों, पर्वतों, नदियों, हम, वे, ये, लताएँ, लडकियाँ, गाड़ियाँ, बकरियां, रुपए इत्यादि।
विशेष बातें
1. आदरणीय व्यक्तियों के लिए हमेशा बहुवचन का प्रयोग किया जाता है।
जैसे : पापाजी कल मुंबई जायेंगे।
2. संबंध बताने वाले कुछ संज्ञायें एकवचन और बहुवचन में एक समान रहती है।
जैसे : ताई, मामा, दादा, नाना, चाचा आदि।
3. कुछ शब्द हमेशा बहुवचन में प्रयोग किये जाते है।
जैसे : दाम, दर्शन, प्राण, आँसू आदि।
4. बड़प्पन दिखाने के लिए कभी -कभी अपने लिए ‘मैं’ के स्थान पर ‘हम’ का प्रयोग किया जाता है।
जैसे : ‘हमें’ याद नहीं कि हमने कभी ‘आपसे’ ऐसा कहा हो।
5. कुछ शब्द हमेशा बहुवचन में ही रहते हैं।
जैसे : प्राण, बाल, लोग, दर्शन, आंसू, दाम इत्यादि।
उदाहरण –
- दर्दनाक दृश्य देखकर मेरे तो प्राण ही निकल गए।
- आजकल मेरे बाल बहुत टूट रहे हैं।
- रवि जब से अफसर बना है, तब से तो उसके दर्शन ही दुर्लभ हो गए हैं।
- आजकल हर वस्तु के दाम बढ़ गए हैं।
उम्मीद हैं आपको बहुवचन की समस्त जानकारी पसंद आयी होगी।
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