वाक्य परिवर्तन की परिभाषा, प्रकार, अंग, और नियम

इस पेज पर आप वाक्य परिवर्तन की परिभाषा, प्रकार, कारण, अंग, वर्गीकरण और नियम पढ़ेंगे और समझेंगे।

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चलिए आज हम वाक्य परिवर्तन की जानकारी को पढ़ना और समझना शुरू करते हैं।

वाक्य परिवर्तन की परिभाषा

बिना अर्थ बदले किसी वाक्य को दूसरे प्रकार के वाक्य में परिवर्तित करना वाक्य-परिवर्तन कहलाता हैं।

वाक्य के अर्थ में बिना किसी भी तरह का परिवर्तन किए बिना उसे एक प्रकार के वाक्य से दूसरे प्रकार के वाक्य में परिवर्तित करना ही वाक्य परिवर्तन कहलाता है।

वाक्य के अंग

वाक्य के दो अंग होते है।

  1. उद्देश्य
  2. विधेय

वाक्य का वर्गीकरण

वाक्य का वर्गीकरण के दो आधार आधार है जो निम्नानुसार है।

  • रचना के आधार पर
  • अर्थ के आधार पर

1. रचना के आधार पर

रचना के आधार पर वाक्य तीन के होते है।

(i). सरल वाक्य
(ii). संयुक्त वाक्य
(iii). मिश्रित वाक्य

(i). सरल वाक्य :- ऐसा वाक्य जिसमें एक ही क्रिया एवं एक ही कर्ता हो और उन वाक्यों का एक ही उद्देश्य हो, ऐसे वाक्य को सरल वाक्य कहा जाता हैं।

(ii). संयुक्त वाक्य :- जब दो अथवा दो से अधिक साधारण वाक्य समानाधिकरण समुच्चयबोधक शब्दों

जैसे :- कि और, किंतु, या, इसलिए, आदि से जुड़े होते हैं तब वे संयुक्त वाक्य कहलाते हैं।

(iii). मिश्रित वाक्य :- ऐसे वाक्य जिनमें सरल वाक्य के साथ-साथ कोई दूसरा उपवाक्य भी हो, वे वाक्य मिश्र वाक्य कहलाते हैं।

सरल से संयुक्त वाक्य में परिवर्तन।

क्र.सरल वाक्य संयुक्त वाक्य
1कठोर होकर भी सहृदय बनो।कठोर बनो परंतु सहृदय रहो।
2वह फल खरीदने के लिए बाजार गया।उसे फल खरीदने थे इसलिए वह बाजार गया।
3बालक रो रो कर चुप हो गया।बालक रोता रहा और चुप हो गया
4रात को आकाश में तारों का मेला लग गया।रात हुई और आकाश में तारों का मेला लग गया।

संयुक्त से सरल वाक्य में परिवर्तन।

क्र. संयुक्त वाक्य सरल वाक्य
1.उसने झूठ बोला, इसलिए दंड पाया।झूठ बोलने पर उसने दंड पाया।
2.वह बाजार गया और केले लाया।वह बाजार जाकर केले लाया।
3.तुम बाहर गए और वह सो गया।तुम्हारे बाहर जाते ही वह सो गया।
4.कविता गा रही है और नाच रही है।कविता गा और नाच रही है।

सरल से मिश्र वाक्य में परिवर्तन।

क्र. सरल वाक्य मिश्र वाक्य
1.धनी व्यक्ति हर चीज खरीद सकता है।जो व्यक्ति धनी है , वह हर चीज खरीद सकता है।
2.तुम गाड़ी रुकने के स्थान पर चले जाओ।तुम वहां चले जाओ , जहां गाड़ी रूकती है।
3.परिश्रमी व्यक्ति अवश्य सफल होता है।जो व्यक्ति परिश्रमी होता है , वह अवश्य सफल होता है।
4.वह जूते खरीदने के लिए बाजार गया।क्योंकि उसे जूते खरीदने थे , इसलिए बाजार गया।

संयुक्त से मिश्र वाक्य में परिवर्तन

क्र. संयुक्त वाक्य मिश्र वाक्य
1तुम महान हो क्योंकि सच बोलते हो।तुम इसलिए महान हो क्योंकि सच बोलते हो।
2आपने कठिन परिश्रम किया और उत्तीर्ण हो गए।आप इसलिए उत्तीर्ण हो गए क्योंकि क्योंकि आपने कठिन परिश्रम किया।
3राजू ने कहानी सुनाई और नमिता रो पड़ी।राजू ने ऐसी कहानी सुनाई कि नमिता रो पड़ी।
4मेरे पाठ्यक्रम में गोदान उपन्यास है जिसके लेखक मुंशी प्रेमचंद है।मेरे पाठ्यक्रम में गोदान नामक वह उपन्यास है जिसे मुंशी प्रेमचंद ने लिखा है।

मिश्र से सरल वाक्य में परिवर्तन

क्र.मिश्र वाक्य सरल वाक्य
1.वह मुझसे कहता है कि आओ।वह मुझे आने के लिए कहता है।
2.उसने कहा कि मैं परिश्रमी हूं।उसने स्वयं को परिश्रमी कहा।
3.उसने कहा कि मैं निर्दोष हूँ।उसने अपने आप को निर्दोष घोषित कर दिया।
4.जो लोग परिश्रमी थे, वे सफल हो गए।परिश्रमी लोग सफल हो गए।

मिश्रित वाक्य को संयुक्त वाक्य में बदलना।

क्र. मिश्रित वाक्य संयुक्त वाक्य
1.जब वह घर आया तब उसने भोजन किया।वह घर आया और उसने भोजन किया।
2.जैसे ही गली में शोर हुआ, सब लोग बाहर आ गए।गली से शोर हुआ और सब लोग बाहर आ गए।
3.जैसे ही रात हुई, आकाश में तारों का मेला लग गया।रात हुई और आकाश में तारों का मेला लग गया।
4.जब भी मैं वहां गया, उसने मेरा सत्कार किया।मैं वहां गया और उसने मेरा सत्कार किया।

2. अर्थ के आधार पर

अर्थ के आधार पर वाक्य का परिवर्तन 8 प्रकार के होते है।

(i). विधान वाचक वाक्य
(ii). निषेध वाचक वाक्य
(iii). प्रश्न वाचक वाक्य
(iv). संकेत वाचक वाक्य
(v). संदेह वाचक वाक्य
(vi). इच्छा वाचक वाक्य
(vii). आज्ञा वाचक वाक्य
(viii). विस्मय वाचक वाक्य

तो चलिए जानते है अर्ध के आधार पर विधानवाचक वाक्य को अन्य वाक्यों में कैसे बदलते है।

राम ने खाना खा लिया। 

यह वाक्य विधानवाचक इसे अर्थ के आधार पर 8 प्रकारो में परिवर्तित करना है।

(i). विधानवाचक वाक्य :- ऐसे वाक्य जिनसे किसी काम के होने या किसी के अस्तित्व का बोध हो, वह वाक्य विधानवाचक वाक्य कहलाता है।

उदाहरण :- राम ने खाना खा लिया।

(ii). निषेधवाचक वाक्य :- जिन वाक्यों से कार्य के निषेध का बोध होता है, वह वाक्य निषेधवाचक वाक्य कहलाते हैं।

उदाहरण :- राम ने खाना नहीं खाया।

(iii). प्रश्नवाचक वाक्य :- जिन वाक्योँ मेँ कोई प्रश्न किया जाये या किसी से कोई बात पूछी जाये, उन्हेँ प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैँ।

उदाहरण :- क्या राम ने खाना खा लिया है।

(iv). संकेतवाचक वाक्य :- वे वाक्य जिनसे हमें एक क्रिया का दूसरी क्रिया पर निर्भर होने का बोध हो, ऐसे वाक्य संकेतवाचक वाक्य कहलाते हैं।

उदाहरण :- यदि राम चाहता तो खाना खा लेता है

(v). सन्देहवाचक वाक्य :- ऐसे वाक्य जिनसे हमें किसी प्रकार के संदेह या संभावना का बोध होता है, वह वाक्य संदेहवाचक वाक्य कहलाते हैं।

उदाहरण :- शायद राम खाना खा ले।

(vi). इच्छावाचक वाक्य :- ऐसे वाक्य जिनसे हमें वक्ता की कोई इच्छा, कामना, आकांशा, आशीर्वाद आदि का बोध हो, वह वाक्य इच्छावाचक वाक्य कहलाते हैं।

उदाहरण :- काश ! राम खाना खा ले।

(vii). आज्ञावाचक वाक्य :- ऐसे वाक्य जिनमें आदेश, आज्ञा या अनुमति का पता चले या बोध हो, वे वाक्य आज्ञावाचक वाक्य कहलाते हैं।

उदाहरण :- राम खाना खा लो।

वाक्य-रूपांतर

विकारी शब्द की तरह वाक्य के रूप में भी लिंग, वचन, पुरुष तथा काल-भेद के अनुसार परिवर्तन होता हैं।

जैसे:-

लिंग के अनुसार –

  • मोहन पढ़ता है।
  • शिवानी लिखती है।
  • लड़का लिखता है।
  • लड़की लिखती है।

वचन के अनुसार –

  • वह पढ़ता है।
  • वे पढ़ते हैं।
  • मैं पढ़ता हूँ।
  • हमलोग पढ़ते हैं।

पुरुष के अनुसार –

(i). उत्तम पुरुष

  • मैं दौड़ता हूँ।
  • मैं गाता हूँ।

(ii). मध्यम पुरुष

  • तुम दौड़ते हो।
  • तुम गाते हो।

(iii). अन्य पुरुष

  • वह दौड़ता है।
  • वह गाता है।

काल के अनुसार –

(i). वर्तमान काल

सामान्य वर्तमान – वह खाता है।
अपूर्ण वर्तमान – वह खा रहा है।
संदिग्ध वर्तमान – वह खाता होगा।

(ii). भूतकाल

सामान्य भूत – उसने खाया।
आसन भूत – उसने खा लिया है।
पूर्ण भूत – वह खा चुका था।
अपूर्ण भूत – वह खा रहा था।
संदिग्ध भूत – उसने खा लिया होगा।
हेतुहेतुमद् भूत – यदि वह खाता तो बीमार नहीं पड़ता।

(iii). भविष्यत् काल

सामान्य भविष्यत् – वह खाएगा।
संभाव्य भविष्यत् – शायद वह खाए।
हेतुहेतुमद् भविष्यत् – यदि वह खाएगा तो बीमार नहीं पड़ेगा।

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