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चलिए आज हम व्यंजन की परिभाषा, व्यंजनों के प्रकार और उदाहरण की समस्त जानकारी पढ़ना शुरू करते हैं।
व्यंजन किसे कहते हैं
जिन वर्णों को बोलने के लिए स्वर की सहायता लेनी पढ़ती है उन्हें व्यंजन कहते हैं। जिन वर्णों का उच्चारण करते समय साँस कण्ठ, तालु आदि स्थानों से रुककर निकलती है उन्हें ‘व्यंजन’ कहा जाता है।
दूसरे शब्दों में, व्यंजन उन वर्णों को कहाँ जाता हैं, जिनके उच्चारण में स्वजो वर्ण स्वरों की सहायता से बोले जाते हैं उन्हें व्यंजन कहते हैं। हर व्यंजन के उच्चारण में अ स्वर लगा होता है। अ के बिना व्यंजन का उच्चारण नहीं हो सकता।
वर्णमाला में कुल 45 व्यंजन होते हैं।
जैसे :- क, ख, ग, घ, ङ, च, छ, ज, झ, ञ, ट, ठ, ड, ढ, ण, त, थ, द, ध, न, प, फ, ब, भ, म, य, र, ल, व, श़, ष, स, ह, क्ष, त्र, ज्ञ, श्र इत्यादि।
- क, ख, ग, घ, ङ (क़, ख़, ग़)
- च, छ, ज, झ, ञ (ज़)
- ट, ठ, ड, ढ, ण, (ड़, ढ़)
- त, थ, द, ध, न
- प, फ, ब, भ, म (फ़)
- य, र, ल, व
- श, श़, ष, स, ह
- संयुक्त व्यंजन – क्ष, त्र, ज्ञ, श्र
व्यंजनों के प्रकार
व्यंजन तीन प्रकार के होते हैं।
- स्पर्श व्यंजन
- अन्तःस्थ व्यंजन
- उष्म व्यंजन
व्यंजन दो और प्रकार के भी होते हैं।
- द्विगुण व्यंजन
- संयुक्त व्यंजन
1. स्पर्श व्यंजन
स्पर्श का अर्थ छूना होता हैं। जिन व्यंजनों का उच्चारण करते समय जीभ मुँह के किसी भाग जैसे कण्ठ, तालु, मूर्धा, दाँत, अथवा होठ का स्पर्श करती है, उन्हें स्पर्श व्यंजन कहते है।
दूसरे शब्दों में, ये कण्ठ, तालु, मूर्द्धा, दन्त और ओष्ठ स्थानों के स्पर्श से बोले जाते हैं। इसी से इन्हें स्पर्श व्यंजन कहते हैं।
इन्हें हम ‘वर्गीय व्यंजन’ भी कहते है; क्योंकि ये उच्चारण-स्थान की अलग-अलग एकता लिए हुए वर्गों में विभक्त हैं।
स्पर्श व्यंजन 5 प्रकार के होते हैं।
(i). क वर्ग :- क ख ग घ ङ ये कण्ठ का स्पर्श करते है।
(ii). च वर्ग :- च छ ज झ ञ ये तालु का स्पर्श करते है।
(iii). ट वर्ग :- ट ठ ड ढ ण (ड़, ढ़) ये मूर्धा का स्पर्श करते है।
(iv). त वर्ग :- त थ द ध न ये दाँतो का स्पर्श करते है।
(v). प वर्ग :- प फ ब भ म ये होठों का स्पर्श करते है।
‘क’ से विसर्ग ( : ) तक सभी वर्ण व्यंजन हैं। प्रत्येक व्यंजन के उच्चारण में ‘अ’ की ध्वनि छिपी रहती है। ‘अ’ के बिना व्यंजन का उच्चारण सम्भव नहीं।
जैसे :-
- ख् + अ = ख
- प् + अ = प
व्यंजन वह ध्वनि है, जिसके उच्चारण में भीतर से आती हुई वायु मुख में कहीं-न-कहीं, किसी-न-किसी रूप में, बाधित होती है। स्वर वर्ण स्वतंत्र और व्यंजन वर्ण स्वर पर आश्रित है। हिन्दी में व्यंजन वर्णों की संख्या 33 है।
2. अंतस्थ व्यंजन
अन्तः’ का अर्थ भीतर होता हैं। उच्चारण के समय जो व्यंजन मुँह के भीतर ही रहे उन्हें अन्तःस्थ व्यंजन कहते हैं।
दूसरे शब्दों में, जिन वर्णों का उच्चारण स्वरों और व्यंजनों के बीच स्थित हो उसे अन्तःस्थ व्यंजन कहते हैं।
अंतस्थ व्यंजनों की संख्या 4 होती हैं।
जैसे :- य , र , ल , व
- अन्तः = मध्य/बीच,
- स्थ = स्थित।
इन व्यंजनों का उच्चारण स्वर तथा व्यंजन के मध्य का होता है। उच्चारण के समय जिह्वा मुख के किसी भाग को स्पर्श नहीं करती।
इनका उच्चारण जीभ, तालु, दाँत और ओठों के परस्पर सटाने से होता है, किन्तु कहीं भी पूर्ण स्पर्श नहीं होता। अतः ये चारों अन्तःस्थ व्यंजन ‘अर्द्ध स्वर’ कहलाते हैं।
3. उष्म व्यंजन
जिन वर्णों के उच्चारण के समय हवा मुँह के विभिन्न भागों से टकराये और साँस में गर्मी पैदा कर दे उन्हें उष्म व्यंजन कहते है।
ऊष्म = गर्म
ऊष्म = गर्म
अर्थात उष्म का अर्थ गर्म होता है।
उष्म व्यंजनों की संख्या 4 होती हैं।
जैसे :- श़, ष, स, ह
जनों का उच्चारण करते समय हवा मुख के अलग-अलग भागों से टकराती है।
उच्चारण के अंगों के आधार पर व्यंजनों का वर्गीकरण इस प्रकार हैं।
(i). कंठ्य (गले से) :- क, ख, ग, घ, ङ
(ii). तालव्य (कठोर तालु से) :- च, छ, ज, झ, ञ, य, श
(iii). मूर्धन्य (कठोर तालु के अगले भाग से) :- ट, ठ, ड, ढ, ण, ड़, ढ़, ष
(iv). दंत्य (दाँतों से) :- त, थ, द, ध, न
(v). वर्त्सय (दाँतों के मूल से) :- स, ज, र, ल
(vi). ओष्ठय (दोनों होंठों से) :- प, फ, ब, भ, म
(vii). दंतौष्ठय (निचले होंठ व ऊपरी दाँतों से) :- व, फ
(viii). स्वर यंत्र से :- ह
श्वास (प्राण-वायु) की मात्रा के आधार पर वर्ण-भेद
उच्चारण में वायु प्रक्षेप की दृष्टि से व्यंजनों के दो भेद हैं।
- अल्प प्राण
- महा प्राण
(i). अल्प प्राण :- जिनके उच्चारण में श्वास पुरव से अल्प मात्रा में निकले और जिनमें ‘हकार’- जैसी ध्वनि नहीं होती, उन्हें अल्प प्राण कहते हैं।
सरल शब्दों में, जिन वर्णों के उच्चारण में वायु की मात्रा कम होती है, वे अल्प प्राण कहलाते हैं।
प्रत्येक वर्ग का पहला, तीसरा और पाँचवाँ वर्ण अल्प प्राण व्यंजन हैं।
जैसे :- क, ग, ङ; ज, ञ; ट, ड, ण; त, द, न; प, ब, म,। अन्तःस्थ (य, र, ल, व ) भी अल्प प्राण ही हैं।
(ii). महाप्राण :- जिनके उच्चारण में ‘हकार’-जैसी ध्वनि विशेषरूप से रहती है और श्वास अधिक मात्रा में निकलती हैं। उन्हें महाप्राण कहते हैं।
सरल शब्दों में, जिन वर्णों के उच्चारण में वायु की मात्रा अधिक होती है, वे महा प्राण कहलाते हैं।
प्रत्येक वर्ग का दूसरा और चौथा वर्ण तथा समस्त ऊष्म वर्ण महा प्राण हैं।
जैसे :- ख, घ; छ, झ; ठ, ढ; थ, ध; फ, भ और श, ष, स, ह।
4. द्विगुण व्यंजन
जिनके उच्चारण में जीभ उपर उठकर मूर्धा को स्पर्श करके तुरंत नीचे आ जाए, द्विगुण व्यंजन कहलाते हैं।
द्विगुण व्यंजनों की संख्या 2 होती हैं।
जैसे :- ड़, ढ
5. संयुक्त व्यंजन
जब एक स्वर रहित व्यंजन अन्य स्वर सहित व्यंजन से मिलता है, तो उसे संयुक्त व्यंजन कहते हैं।
दूसरे शब्दों में जो व्यंजन दो या दो से अधिक व्यंजनों के मेल से बनते हैं, वे संयुक्त व्यंजन कहलाते हैं।
संयुक्त व्यंजनों की संख्या 4 होती हैं।
जैसे :- क्ष , त्र , ज्ञ , श्र
(i). क् + ष + अ = क्ष (रक्षक, भक्षक, क्षोभ, क्षय)
(ii). त् + र् + अ = त्र (पत्रिका, त्राण, सर्वत्र, त्रिकोण)
(iii). ज् + ञ + अ = ज्ञ (सर्वज्ञ, ज्ञाता, विज्ञान, विज्ञापन)
(iv). श् + र् + अ = श्र (श्रीमती, श्रम, परिश्रम, श्रवण)
संयुक्त व्यंजन में पहला व्यंजन स्वर रहित तथा दूसरा व्यंजन स्वर सहित होता है।
द्वित्व व्यंजन :- जब एक व्यंजन का अपने समरूप व्यंजन से मेल होता है, तब वह द्वित्व व्यंजन कहलाता हैं।
जैसे :-
- क् + क = पक्का
- च् + च = कच्चा
- म् + म = चम्मच
- त् + त = पत्ता
द्वित्व व्यंजन में भी पहला व्यंजन स्वर रहित तथा दूसरा व्यंजन स्वर सहित होता है।
व्यंजन से संबंधित प्रश्न-उत्तर
Q.1 य, र, ल, व व्यंजनों को कौन सा कहते हैं?
(a). स्पर्श व्यंजन
(b). अन्तःस्थ व्यंजन
(c). ऊष्म व्यंजन
(d). उपर्युक्त में से कोई नहीं
Ans. अन्तःस्थ व्यंजन
Q.2 हिन्दी वर्णमाला में ऊष्म व्यंजन कौन-कौन से हाते हैं?
(a). श, ष, स, ह
(b). त, थ, द, ध
(c). ट, ठ, ड, ढ
(d). च, छ, ज, झ
Ans. श, ष, स, ह
Q.3 निम्नलिखित में से ओष्ठ ध्वनि नहीं है?
(a). फ में
(b). म में
(c). च में
(d). प में
Ans. च में
Q.4 निम्न में से कौन व्यंजन पार्श्विक है?
(a). झ
(b). य
(c). ल
(d). श
Ans. ल
Q.5 हिन्दी तालव्य ध्वनियाँ हैं?
(a). च, छ, ज, झ
(b). क, ख, ग, घ
(c). त, थ, द, ध
(d). ट, ठ, ड, ढ
Ans. च, छ, ज, झ
Q.6 हिंदी में व्यंजनों की संख्या है?
(a). 35
(b). 34
(c). 33
(d). 44
Ans. 34
Q.7 हिंदी में मूल व्यंजनों की संख्या है?
(a). 31
(b). 33
(c). 35
(d). 32
Ans. 33
Q.8 कुल व्यंजनों की संख्या है?
(a). 33
(b). 32
(c). 35
(d). 44
Ans. 35
Q.9 संयुक्त व्यंजनों की संख्या है?
(a). 2
(b). 4
(c). 3
(d). 5
Ans. 4
Q.10 उच्चारण की दृष्टि से कुल वर्गों की संख्या है?
(a). 51
(b). 52
(c). 45
(d). 49
Ans. 45
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