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दृष्टान्त अलंकार की परिभाषा और उदाहरण

drishtant alankar

इस पेज पर आप दृष्टान्त अलंकार की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए।

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चलिए आज हम दृष्टान्त अलंकार की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं।

दृष्टान्त अलंकार किसे कहते हैं

जिस अलंकार के दो सामान्य या दो विशेष वाक्यों में बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव होता हो वहाँ पर दृष्टान्त अलंकार होता है।

इसमें एक बात को कह कर दूसरी बात उसके उदाहरण के रूप में दी जाती है। पहले वाक्य में कही गयी बात की पुष्टि दूसरे वाक्य में की जाती हैं। यह अलंकार उभयालंकार का भी एक अंग है।

उदाहरण :-

1. एक म्यान में दो तलवारें, कभी नहीं रह सकती हैं।

2. किसी और पर प्रेम नारियाँ, पति का क्या सह सकती है।।

3. तजि आसा तन प्रान की, दीपहिं मिलत पतंग। 
दरसावत सब नरन को, परम प्रेम को ढंग।।

उपर दिए गएवाक्यों में एक म्यान में दो तलवार रखने और एक दिल में दो नारियों का प्यार बसाने में बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव दिखाए गए है। एक के बिना दूसरे का अर्थ स्पष्ट नहीं होता।

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उम्मीद हैं आपको दृष्टान्त अलंकार की जानकारी पसंद आयी होगी।

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