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चलिए आज हम उभयालंकार की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं।
उभयालंकार किसे कहते हैं
जो अलंकार शब्द और अर्थ दोनों पर आधारित रहकर दोनों को चमत्कारी करते हैं उसे उभयालंकार कहते है।
जैसे :- ‘कजरारी अंखियन में कजरारी न लखाय।’
इस अलंकार में शब्द और अर्थ दोनों है।
उभयालंकार के प्रकार
उभयालंकार के मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं।
- संसृष्टि उभयलंकार
- संकर उभयलंकार
1. संसृष्टि उभयलंकार
संसृष्टि अलंकार में कई अलंकार मिले रहते हैं लेकिन उनके पहचान में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होती हैं। संसृष्टि में कई शब्दालंकार, कई अर्थालंकार या कई शब्दालंकार और अर्थालंकार एक साथ रह सकते हैं।
2. संकर उभयलंकार
संकर अलंकार में कई अलंकार इस तरह मिल जाते हैं जिनको अलग कर पाना संभव नहीं होता है।
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