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चलिए आज हम मानवीकरण अलंकार की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं।
मानवीकरण अलंकार किसे कहते हैं
जहाँ पर काव्य में जड़ में चेतन का आरोप होता है वहाँ पर मानवीकरण अलंकार होता है। अर्थात जहाँ जड़ प्रकृति पर मानव के भावनाओं और क्रियाओं का आरोप हो वहाँ पर मानवीकरण अलंकार होता है।
जैसे :
बीती विभावरी जागरी ।।
अम्बर पनघट में डुबो रही तास घट उषा ।।
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उम्मीद हैं आपको मानवीकरण अलंकार की जानकारी पसंद आयी होगी।
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