इस पेज पर आप दीपावली पर निबंध की समस्त जानकारी पढ़ेंगे जो परीक्षा की दृष्टि से जरुरी हैं।
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चलिए आज हम दीपावली पर निबंध की समस्त जानकारी पढ़ना शुरू करते हैं।
दीपावली पर निबंध
दीपावली भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष बड़ी धूमधाम से भारत में मनाया जाता है।
दीपावली दो शब्दों से मिलकर बना है अर्थात दीपावली का अर्थ ”दीप” और ”आवली” होता है।
दिवाली के यह दोनों शब्द संस्कृत भाषा के शब्द है, जिसका मतलब दीपों की श्रृंखला होता है।
दीपावली भारत देश के सभी नागरिकों का खुशियों का त्यौहार है। दीपावली के शुभ अवसर पर प्रत्येक घर में भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है।
चलिए दीपावली का निबंध लिखने के लिए आवश्यक सामग्री पढ़ते और समझते हैं।
- प्रस्तावना
- दीपावली का अर्थ
- दीपावली कब मनाई जाती है
- दीपावली का इतिहास
- दीपोत्सव मनाने की तैयारियाँ
- दीपावली का महत्व
- दीपावली के त्यौहार के लाभ और हानियाँ
- दीपावली को अलग तरीके से मनाने के सुझाव
- उपसंहार
प्रस्तावना
दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है जिसे बहुत उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है।
यह पांच दिवसीय, हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला, सबसे बड़ा त्यौहार है। दिवाली के त्यौहार को सिर्फ हमारे देश में ही नहीं, विदेशों में भी मनाया जाता है, इससे इसकी प्रमुखता का पता लगाया जा सकता है।
इस दिन अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी पूरा भारत रोशनी से जगमगाया हुआ होता है। दीपावली का त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है।
यह त्यौहार न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है बल्कि इसका सामाजिक, आध्यात्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व भी है। यह त्यौहार सामाजिक एकता को बढ़ाने का कार्य करता है।
हालांकि दिवाली के त्यौहार का एक दूसरा पहलू भी है, जिसे हम अपने आनंद के लिए वर्ष-प्रतिवर्ष बढ़ावा देते जा रहे है। वो दूसरा पहलू है, आतिशबाजी और पटाखे फोड़ना।
यह एक ऐसा कार्य है, जिसका दिवाली के त्यौहार से कोई प्रत्यक्ष सम्बन्ध नहीं है और ना ही दिवाली के त्यौहार में इसका कोई ऐतिहासिक और पौराणिक वर्णन है, इसके साथ ही दिवाली पर होने वाली इस आतिशबाजी के कारण दिन-प्रतिदिन पर्यावरण प्रदूषण में वृद्धि होती जा रही है।
दीपावली के दिन युवा अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं और अपने प्रियजनों के साथ बधाई और उपहार साझा करते हैं।
दीपावली का अर्थ
दीपावली भारत और दुनिया भर में रहने वाले हिंदुओं के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है, जिसे दीवाली के नाम से जाना जाता है।
दीपावली संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ का अर्थ होता है ‘दीपक’ तथा ‘आवली’ का अर्थ होता है ‘श्रृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति।
दीपावली का त्यौहार कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यह त्यौहार दुनिया भर के लोगों द्वारा बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है।
दीपावली कब मनाई जाती है
दीपावली त्यौहार कार्तिक अमावस्या के दिन मनाया जाता है लेकिन यह त्यौहार पांच दिनों का होता है जिनमें (धनतेरस, नरक, चतुर्दशी, अमावस्या, कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा, भाई दूज) होता है इसलिए यह धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज पर खत्म होता है।
दीपावली को मनाने की खुशी इतनी होती है। इसकी तैयारी महीनो पहले से ही होने लगती है। दीपावली त्यौहार की तारीख तो हिंदू कैलेंडर के अनुसार निर्धारित होती है परंतु ये अक्टूबर, नवंबर, में मनाया जाता है।
दीपावली का इतिहास
दीपावली मनाने की कई कथाएं प्रचलित हैं पर हम सब जानते हैं कि दीपावली के दिन भगवान श्री राम सीता मैया और लक्ष्मण के साथ असुर राज रावण को मार कर अयोध्या नगरी वापस आए थे।
तभी नगर वासियों ने उनके आने की खुशी में अयोध्या नगरी को साफ-सुथरा करके अमावस्या की रात होने के कारण काफी अंधेरा होता है।
जिस वजह से उस दिन पूरे अयोध्या को दीपों और फूलों से अयोध्या को दुल्हन जैसा श्री राम के लिए सजाया गया था ताकि भगवान राम के आगमन में कोई परेशानी न हो। तब से लेकर आज तक यह परम्परा चली आ रही है।
कार्तिक अमावस्या के गहन अन्धकार को दूर करने के लिए दीपों को प्रज्वलित किया जाता है और घर आंगन, और हर जगह को जगमगा दिया जाता है।
दीपोत्सव मनाने की तैयारियां
दीपावली त्योहार की तैयारियां दिवाली से कई दिनों पहले ही आरंभ हो जाती है।
दीपावली के कई दिनों पहले से ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई करने में जुट जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो घर साफ-सुथरे होते हैं, उन घरों में दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी विराजमान होती हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करके वहां सुख-समृद्धि में बढ़ोत्तरी करती है।
दिवाली के नजदीक आते ही लोग अपने घरों को दीपक और तरह-तरह के लाइट से सजाना शुरू कर देते हैं।
दीपावली का महत्व
दिवाली की तैयारी के वजह से घर तथा घर के आस-पास के स्थानों की विशेष सफाई संभव हो पाती है।
दिवाली का त्योहार हमें हमारे परंपरा से जोड़ता है, हमारे आराध्य के पराक्रम का बोध कराता है। इस बात का भी ज्ञान कराता है कि अंत में विजय सदैव सच और अच्छाई की होती है।
दीवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है ताकि घर में ऋद्धि- सिद्धिं बनी रहे।
दीवाली की शाम सभी लोग अपने आस पड़ोस अपने रिश्तेदारों को मिठाइयां बांटते हैं। और अपने रिश्तों को मजबूत बनाते है।
दीपावली त्यौहार के लाभ
1. इससे सबसे बड़ा लाभ ये होता है कि दीपावली के बहाने ही सही लोग अपने घरों की बहुत साफ-सफाई कर देते हैं।
2. दीवाली त्यौहार से बहुत से लाभ है इस त्यौहार की वजह से छोटे बड़े व्यापारियों की अच्छी खासी कमाई हो जाती है।
3. इस त्यौहार से छोटे (कुटीर) उद्योग को भी काफी लाभ होता है मिट्टी का सामान, साज सज्जा का सामान, माँ लक्ष्मी की मूर्तियां यह सब कुटीर उद्योगों द्वारा बनाए जाते हैं जिससे उनकी जीविका चलती है इसलिए त्यौहार उनके जीवन में भी खुशियां लेकर आता है।
4. युवा, वयस्क और बूढ़े सभी देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं।
5. इस त्यौहार मैं आपसी प्रेम बढ़ता है इस त्यौहार में सभी अपने संबंधों में मिठास लाने की कोशिश करते हैं इसके लिए घरों में गुजिया पकवान और मिठाइयां इत्यादि बनाए जाते हैं, और एक दूसरे को देकर आपसी संबंधों को और मजबूत करके उनमें मिठास लाते है।
दीपावली त्यौहार की हानि
- ज्यादातर लोग साफ-सफाई में फिजूल पानी बहा देते हैं।
- दिए को जलाने में बहुत सा तेल खर्च हो जाता है।
- लाइट की सजावट में विद्युत ऊर्जा की बहुत बर्बादी हो जाती है।
- अत्यधिक मिष्ठान के कारण स्वास्थ्य बिगड़ता है।
- पटाखों की वजह से बहुत नुकसान होता है जो कि स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डालता है।
- अत्यधिक मिष्ठान के कारण स्वास्थ्य बिगड़ता है।
- पटाखों के कारण प्रदूषण फैलता है।
दीपावली को अलग तरीके से बनाने के सुझाव
1. हम सब को मिलकर पटाखों का उपयोग ना करके हरित दीपावली मनाने का संकल्प लेना चाहिए और यह दीपावली पर हमारे द्वारा प्रकृति को दिया जा सकने वाली सबसे बड़ी भेंट होगी।
2. छोटे विक्रेताओं से समान खरीदकर हम उनकी आजीविका बढ़ाने में मदद कर सकते हैं क्योंकि हमारी तरह इन्हें भी वर्ष भर इस त्यौहार का इंतजार होता है। ताकि वे अपने द्वारा की गई तैयार वस्तुओं को बाजार में आकर बेच सकें।
3. इलेक्ट्रिक झालरों की जगह दीपों का अधिक उपयोग करके हम हमारे देश के छोटे व्यापारियों और कुम्हारों को आर्थिक रुप से सुदृढ़ बनाकर देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में मदद कर सकते है।
4. हम में से कई लोग दीपावली के त्यौहार की साज-सज्जा, पटाखों और उत्सव मनाने में काफी अधिक मात्रा में धन व्यय करते हैं।
अगर हम चाहे तो इन चीजों में कुछ कटौती करके या अपने पास से कुछ अधिक खर्च निकालकर कुछ गरीबों और जरूरतमंद लोगों को कंबल, मिठाइयां और उपहार जैसी चीजें बांटकर उनके चेहरों पर खुशियां ला सकते हैं।
5. लोगों में जागरूकता लाकर हम पटाखों के प्रतिबंध को सफल बना सकते हैं और प्रदूषण मुक्त पर्यावरण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
उपसंहार
दीपावली अपने अंदर के अंधकार को मिटा कर समूचे वातावरण को प्रकाशमय बनाने का त्यौहार है।
हमें इस बात को समझना होगा कि दीपावली के त्योहार का अर्थ दीप, प्रेम और सुख-समृद्धि से है।
बच्चे अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ियाँ तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं और आतिशबाजी का आनंद उठाते हैं।
दीपावली का त्यौहार सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। इस त्यौहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है।
हिंदी साहित्यकार गोपाल दास नीरज ने भी कहा है, “जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना, अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए।” इसलिए दीपोत्सव यानि दीपावली पर प्रेम और सौहार्द को बढ़ावा देने के प्रयत्न करने चाहिए।
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