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चलिए आज हम महात्मा गाँधी पर निबंध | Mahatma Gandhi Essay in Hindi पढ़ना शुरू करते हैं।
महात्मा गाँधी पर निबंध
- गाँधी जी का जीवन परिचय
- महात्मा गाँधी की शिक्षा दीक्षा
- महात्मा गाँधी द्वारा किये गये आंदोलन
- गाँधी जी के आधारभूत शिक्षा सिद्धांत
- निष्कर्ष
महात्मा गाँधी जी का जीवन परिचय
महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर सन् 1867 को, पश्चिम भारत (वर्तमान गुजरात) के एक तटीय शहर में हुआ।
इनके पिता का नाम करमचंद गांधी तथा माता का नाम पुतलीबाई था।
महात्मा गाँधी के पिता कठियावाड़ के छोटे से रियासत (पोरबंदर) के दिवान थे।
आस्था में लीन माता और उस क्षेत्र के जैन धर्म के परंपराओं के कारण गाँधी जी के जीवन पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा। जैसे की आत्मा की शुद्धि के लिए उपवास करना आदि। 13 वर्ष की आयु में गाँधी जी का विवाह कस्तूरबा गाँधी से करवा दिया गया था।
महात्मा गाँधी की शिक्षा दीक्षा
गाँधी जी का बचपन में पढ़ाई में मन नहीं लगता था पर बचपन से ही उन्हें उचित अनुचित में फर्क पता था।
इनकी प्रारंभिक शिक्षा पोर बंदर से संपन्न हुई, हाईस्कूल की परीक्षा इन्होंने राजकोट से दिया और मैट्रिक के लिए इन्हें अहमदाबाद भेज दिया गया। बाद में वकालत इन्होंने लंदन से संपन्न किया।
महात्मा गाँधी द्वारा किये गये आंदोलन
1. असहयोग आंदोलन :- जलियांवाला बाग नरसंहार से गाँधी जी को यह ज्ञात हो गया था की ब्रिटिश सरकार से न्याय की अपेक्षा करना व्यर्थ है।
अतः उन्होंने सितंबर 1920 से फरवरी 1922 के मध्य भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन चलाया।
लाखों भारतीय के सहयोग मिलने से यह आंदोलन अत्यधिक सफल रहा।
2. नमक सत्याग्रह :- 12 मार्च 1930 से साबरमती आश्रम (अहमदाबाद में स्थित स्थान) से दांडी गांव तक 24 दिनों का पैदल मार्च में निकाला गया।
यह आंदोलन ब्रिटिश सरकार के नमक पर एकाधिकार के खिलाफ छेड़ा गया। गाँधी जी द्वारा किये गए आंदोलनों में यह सर्वाधिक महत्वपूर्ण आंदोलन था।
3. दलित आंदोलन :- गाँधी जी द्वारा 1932 में अखिल भारतीय छुआ छूत विरोधी लीग की स्थापना हुई और उन्होंने छुआ छूत विरोधी आंदोलन की शुरूवात 8 मई 1933 में की।
4. भारत छोड़ो आंदोलन :- ब्रिटिश साम्राज्य से भारत को तुरंत आजाद करने के लिए महात्मा गाँधी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस के मुम्बई अधिवेशन से द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 8 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन आरम्भ किया गया।
5. चंपारण सत्याग्रह :- ब्रिटिश ज़मींदार गरीब किसानों से अत्यधिक कम मूल्य पर जबरन नील की खेती करा रहे थे। इससे किसानों में भूखे मरने की स्थिति पैदा हो गई थी।
यह आंदोलन बिहार के चंपारण जिले से 1917 में प्रारंभ किया गया। और यह उनकी भारत में पहली राजनैतिक जीत थी।
गाँधी जी के आधारभूत शिक्षा सिद्धांत
- 7 से 14 वर्ष के बच्चों को निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा मिलनी चाहिए।
- शिक्षा का माध्यम मातृभाषा हो।
- साक्षरता को शिक्षा नहीं कहा जा सकता।
- शिक्षा बालक के मानवीय गुणों का विकास करता है।
निष्कर्ष
महात्मा गाँधी के शब्दों में “कुछ ऐसा जीवन जियो जैसे की तुम कल मरने वाले हो, कुछ ऐसा सीखो जिससे कि तुम हमेशा के लिए जीने वाले”।
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी इन्हीं सिद्धान्तों पर जीवन व्यतीत करते हुए भारत की आजादी के लिए ब्रिटिस साम्राज्य के खिलाफ अनेक आंदोलन लड़े।
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