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चलिए आज हम असंगति अलंकार की परिभाषा और उदाहरण की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं।
असंगति अलंकार किसे कहते हैं
‘असंगति’ का मतलब संगति का न होना होता है। जहाँ पर जो कारण होता है, कार्य भी वहीं होना चाहिए। चोट पाँव में लगे, तो दर्द भी पांव में ही होना चाहिए।
लेकिन जहाँ कारण कहीं और कार्य कहीं और होने का वर्णन किया जाय तब वहाँ ‘असंगति’ अलंकार होता है
जैसे :
तुमने पैरों में लगाई मेंहदी
मेरी आँखों में समाई मेंहदी।
उपर दिए गए वाक्य में मेंहदी लगाने का काम पाँव में हुआ, किंतु उसका परिणाम आँखों में दिखाई पड़ रहा है। इसलिए यहाँ ‘असंगति’ अलंकार है।
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