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चलिए आज हम अपहूँति अलंकार की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं।
अपहूँति अलंकार किसे कहते हैं
अपहूँति का मतलब छिपाव या छिपाना होता है। जब किसी सही बात या वस्तु को छिपाकर उसके स्थान पर किसी झूठी वस्तु की स्थापना की जाती है वहाँ अपहूँति अलंकार होता है। यह अलंकार उभयालंकार का भी एक अंग है।
उदाहरण :-
1. नहिं पलास के पुहुप ये, हैं ये जरत अँगार।
यहाँ पलाश-पुष्प का निषेध कर जलते अंगार की स्थापना की गयी है, इसलिए यह अपहूँति अलंकार है।
2. सुनहु नाथ रघुवीर कृपाला,
बन्धु न होय मोर यह काला।
अपहूँति अलंकार के प्रकार
अपहूँति अलंकार के मुख्यतः दो प्रकार होते हैं।
- शाब्दी अपहूँति
- आर्थी अपहूँति
1. शाब्दी अपहूँति :- जहाँ शब्द का निषेध किया जाय वहां शब्दी अपहूँति होता है।
2. आर्थी अपहूँति :- जहाँ छल, बहाना आदि के द्वारा निषेध किया जाता हैं वहां आर्थी अपहूँति होता है।
उम्मीद हैं आपको अपहूँति अलंकार की जानकारी पसंद आयी होगी।
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