इस पेज पर आप प्रतीप अलंकार की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए।
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चलिए आज हम प्रतीप अलंकार की परिभाषा और उदाहरण की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं।
प्रतीप अलंकार किसे कहते हैं
प्रतीप का मतलब उल्टा होता है। उपमा के अंगों में उल्ट-फेर करने से अर्थात उपमेय को उपमान के समान न कहकर उलट कर उपमान को ही उपमेय कहा जाता है वहाँ प्रतीप अलंकार होता है।
इस अलंकार में दो वाक्य होते हैं एक उपमेय वाक्य तथा दूसरा उपमान वाक्य। इन दोनों में वाक्यों साधारण धर्म एक ही होता है परन्तु उसे अलग-अलग ढंग से कहा जाता है।
उदाहरण :-
1. बिदा किये बहु विनय करि, फिरे पाइ मनकाम।
उतरि नहाये जमुन-जल, जो शरीर सम स्याम।।
उपर दिए गए वाक्य में श्यामल शरीर की उपमा यमुना के नीले जल से की जा रही है, किन्तु यहाँ श्रीराम के श्यामल शरीर की तरह यमुना का जल बताया गया है, इसलिए यहाँ ‘प्रतीप’ अलंकार है।
2. नेत्र के समान कमल है।
उम्मीद हैं आपको प्रतीप अलंकार की जानकारी पसंद आयी होगी।
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