उपमेयोपमा अलंकार की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण

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चलिए आज हम उपमेयोपमा अलंकार की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं।

उपमेयोपमा अलंकार किसे कहते हैं

इस अलंकार में उपमेय को उपमान और उपमान को उपमेय बनाने की कोशिश की जाती है। इसमें उपमेय और उपमान की एक दूसरे से उपमा दी जाती है।

उदाहरण :-

1. तौ मुख सोहत है ससि सो अरु सोहत है ससि तो मुख जैसो

2. राम के समान शम्भु सम राम है। 

उपर दिए गए वाक्य में दो उपमाएँ एक साथ आयी है, पर दोनों उपमाओं के उपमेय और उपमान क्रमशः उपमान और उपमेय में परिवर्तित हो गये है।

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