इस पेज पर आप विप्सा अलंकार की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए।
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चलिए आज हम विप्सा अलंकार की परिभाषा और उदाहरण की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं।
विप्सा अलंकार किसे कहते हैं
जब दुख, आश्चर्य, आदर, हर्ष, शोक, इत्यादि जैसे विस्मयादिबोधक भावों को व्यक्त करने के लिए शब्दों की पुनरावृत्ति की जाए तब उसे ही विप्सा अलंकार कहते है।
उदाहरण :-
1. मोहि-मोहि मोहन को मन भयो राधामय।
राधा मन मोहि-मोहि मोहन मयी-मयी।।
2. मधुर-मधुर मेरे दीपक जल।
3. उठा लो ये दुनिया, जला दो ये दुनिया।
तुम्हारी है तुम ही सम्हालो ये दुनिया।
4. विहग-विहग
फिर चहक उठे ये पुंज-पुंज
कल-कूजित कर उर का निकुंज
चिर सुभग-सुभग।
5. चिता जलाकर पिता की, हाय-हाय मैं दीन।
नहा नर्मदा में हुआ, यादों में तल्लीन।
6. मेरे मौला, प्यारे मौला, मेरे मौला…
मेरे मौला बुला ले मदीने मुझे
मेरे मौला बुला ले मदीने मुझे
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