संबंधबोधक अव्यय की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण

इस पेज पर आप संबंधबोधक अव्यय की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए।

पिछले पेज पर हमने संधि की पोस्ट शेयर की हैं तो उस आर्टिकल को भी पढ़े।

चलिए आज हम संबंधबोधक अव्यय की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण की समस्त जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।

संबंधबोधक अव्यय क्या हैं

संबंधवाचक वह शब्द है जो प्रायः किसी संज्ञा या सर्वनाम के पहले आकर उस संज्ञा या सर्वनाम का संबंध वाक्य के अन्य शब्दों से कराता है। ये संज्ञा या सर्वनाम के बाद प्रयुक्त होते हैं। इसके साथ किसी न किसी परसर्ग का भी प्रयोग होता हैं।

जैसे :- के पास, के ऊपर, से दूर, के कारण, के लिए, की ओर, की जगह, के अनुसार, के आगे, के साथ, के सामने आदि।

उदाहरण :-

  • किताबें टेबल पर है।
  • उसके बिना मेरा काम नहीं चलता।
  • राम की तुलना में श्याम एक अच्छा आदमी है।
  • यहां पर, बिना, तुलना संबंधवाचक अव्यय हैं। 

नोट :- संबंधवाचक का प्रयोग किसी संज्ञा या सर्वनाम के पहले किया जाता है।

सम्बन्ध बोधक अव्यय के प्रकार

  • प्रयोग के आधार पर
  • व्युतप्ति के आधार पर
  • अर्थ के आधार पर

1. प्रयोग के आधार पर सम्बन्ध बोधक अव्यय के प्रकार

प्रयोग के आधार पर सम्बन्ध बोधक अव्यय के मुख्य रूप से दो प्रकार हैं।

  • संबद्ध सम्बन्धबोधक अव्यय
  • अनुबद्ध सम्बन्धबोधक अव्यय

(i). संबद्ध सम्बन्धबोधक अव्यय

संबद्ध संबंध वाचक विभक्ति अथवा कारक के बाद उपयोग किया जाता है।

जैसे :-

  • ऊपर की ओर
  • जाने के बाद
  • राम की तरह
  • ज्ञान के बिना मुक्ति नहीं है।
  • विधालय के सामने / बाहर / कुछ लोग खड़े थे।
  • हमें घर से बाहर निकलने से पहले माता पिता को प्रणाम करना चाहिए।
  • रवि मित्रों के साथ विदेश घूमने गया है।
  • उसे पत्र द्वारा सूचित करो।

(ii). अनुबद्ध सम्बन्धबोधक अव्यय

अनुबद्ध संबंध वाचक संज्ञा के बाद उपयोग किया जाता है।

जैसे :-

  • वहां तक
  • घर तक
  • गृह रहित
  • हमें सफलता मिलने तक प्रयास करना चाहिए।
  • रवि मित्रों सहित शिमला घूमने गया है।

2. व्युत्पत्ति के आधार पर संबंधबोधक अव्यय के प्रकार

व्युत्पत्ति के आधार पर सम्बन्धबोधक अव्यय दो प्रकार के होते हैं।

  • मूल संबंधबोधक अव्यय
  • यौगिक संबंधबोधक अव्यय

(i) मूल संबंधबोधक अव्यय

वे संबंधबोधक अव्यय जिनमें किसी अन्य शब्द का योग नहीं होता है उन्हें मूल संबंधबोधक अव्यय कहते हैं. हिंदी में मूल संबंधबोधक अव्यय बहुत कम हैं।

जैसे :-

बिना, पर्यंत, नाईं, पूर्वक इत्यादि।

(ii). यौगिक संबंधबोधक अव्यय

वे संबंधबोधक अव्यय जिनका निर्माण दो शब्दों को मिलाकर होता है उन्हें यौगिक संबंधबोधक अव्यय कहते हैं।

जैसे :-

मारफत, नाम, समान, सरीखा, भीतर, बाहर, पास, परे, मारे, जान, करके।

3. अर्थ के आधार पर सम्बन्धबोधक अव्यय के प्रकार

अर्थ के आधार पर संबंधवाचक के बारह प्रकार हैं।

  • कालवाचक संबंधबोधक
  • स्थानवाचक संबंधबोधक
  • दिशावाचक संबंधबोधक
  • साधनवाचक संबंधबोधक
  • विरोधसूचक संबंधबोधक
  • समतासूचक संबंधबोधक
  • हेतुवाचक संबंधबोधक
  • सहचरसूचक संबंधबोधक
  • विषयवाचक संबंधबोधक
  • संग्रवाचक संबंधबोधक
  • कारणवाचक संबंधबोधक
  • सीमावाचक संबंधबोधक

(i). कालवाचक संबंधबोधक

जिन संबंधवाचक अव्यय से समय का बोध हो, उसे कालवाचक संबंधबोधक कहते हैं। उदहारण के लिए पहले, आगे, पश्चात, बाद, पीछे, उपरांत इत्यादि कालवाचक संबंधबोधक है।

जैसे :-

  • सतयुग के बाद त्रेतायुग आता है।
  • वह बारिश छूटने के पश्चात घर गया।

(ii). स्थानवाचक संबंधबोधक

जिन संबंधवाचक अव्यय से स्थान का बोध हो, उसे स्थानवाचक संबंधबोधक कहते हैं। उदाहरण के लिए बाहर, ऊपर, आगे, बीच, पीछे, भीतर, नीचे, सामने, निकट इत्यादि स्थानवाचक संबंधबोधक है।

जैसे :-

  • मेरे स्कूल के सामने पार्क है।
  • मैं उसके पीछे खड़ा था।

(iii). दिशावाचक संबंधबोधक

जिन संबंधवाचक अव्यय से दिशा का बोध हो, उसे दिशा वाचक संबंधबोधक कहते है। निकट, पास, तरफ, ओर, सामने, प्रति इत्यादि दिशावाचक संबंधबोधक है।

जैसे :-

  • सत्य के प्रति ईमानदार होना चाहिए।
  • आसमान की तरफ देखकर नही चलना चाहिए।

(iv). साधनवाचक संबंधबोधक

जिन संबंधवाचक अव्यय से किसी साधन का बोध हो, उसे साधनवाचक संबंधबोधक कहते हैं। द्वारा, सहारे, मार्फत, निमित्त, जरिये, माध्यम इत्यादि साधनवाचक संबंधबोधक है।

जैसे :-

  • अर्जुन को कृष्ण के द्वारा गीता का ज्ञान प्राप्त हुआ।
  • वह कुर्सी के सहारे पेड़ पर चढ़ गया।

(v). विरोधसूचक संबंधबोधक

जिन संबंधवाचक अव्यय से प्रतिकूलता या विरोध का बोध हो, उसे विरोधसूचक संबंधबोधक कहते हैं। विपरीत, विरूद्ध, उल्टे, प्रतिकूल इत्यादि विरोधसूचक संबंधबोधक है।

जैसे :- 

  • सैनिक आतंकवाद के विरोध में लड़ाई करते हैं।
  • पेंगुइन गर्मी के प्रतिकूल होते हैं।

(vi). समतासूचक संबंधबोधक

जिन संबंधवाचक अव्यय से समानता का बोध हो, उसे समतासूचक संबंधबोधक कहते हैं। सदृश, जैसा, सामान्य, वैसा, तुल्य, अनुसार, तरह समतावाचक संबंधबोधक है।

जैसे :-

  • Nylon सिल्क के सदृश होता है।
  • वह वैसा है जैसा उसे होना चाहिए।

(vii). हेतुवाचक संबंधबोधक

अथवा, अतिरिक्त, रहित, सिवा इत्यादि हेतुवाचक संबंधबोधक है।

जैसे :-

  • वह नेत्र रहित है।
  • तुम इसके सिवा कुछ नहीं कर सकते।

(viii). सहचरसूचक संबंधबोधक

साथ, समेत, संग इत्यादि  सहचरसूचक संबंधबोधक है।

जैसे :-

  • वह अपने मित्रों के साथ घूमने चला गया।
  • वह अपने मामा के संग गया।

(ix). विषयवाचक संबंधबोधक

लेख, विषय इत्यादि विषयवाचक संबंधबोधक है।

जैसे :-

  • मुझे लेख लिखना अच्छा लगता है।
  • मेरा पसंदीदा विषय गणित हैं।

(x). संग्रवाचक संबंधबोधक

भर, समेत, तक इत्यादि संग्रवाचक संबंधबोधक है।

जैसे :-

  • वह घर तक आकर चला गया।
  • रानी समेत खुशी भी दोषी है।

(xi). कारणवाचक संबंधबोधक

जिन संबंधवाचक अव्यय से किसी कारण का बोध हो, उसे कारणवाचक संबंधबोधक कहते हैं। हेतु, खातिर, वास्ते, कारण, निमित्त इत्यादि कारणवाचक संबंधबोधक है।

जैसे :-

  • रावण का पतन उसके अहंकार के कारण हो गया।
  • तुम्हे जीतने के खातिर दौड़ना होगा।

(xii). सीमावाचक संबंधबोधक

जिन संबंधवाचक अव्यय से सीमा का बोध हो, उसे सीमावाचक संबंधबोधक कहते हैं। मात्र, पर्याप्त, तक, भर इत्यादि सीमावाचक संबंधबोधक है।

जैसे :-

  • अभी हमारे पास शुद्ध जल पर्याप्त मात्रा में नहीं है।
  • भारत जम्मू कश्मीर से कन्याकुमारी तक फैला हुआ है।

संबंधबोधक अव्यय से संबंधित प्रश्न उत्तर

1. निम्नलिखित दिए गए वाक्यों में संबंधवाचक अव्यय को रेखांकित करें।

(क). वह पटना में है।

उत्तर : वह पटना में है।

(ख). बिस्तर पर जाओ।

उत्तर : बिस्तर पर जाओ।

(ग). जहाज समुद्र के ऊपर बहता है।

उत्तर : जहाज समुद्र के ऊपर बहता है।

(घ). भिखारी पेड़ के नीचे बैठा हुआ है।

उत्तर : भिखारी पेड़ के नीचे बैठा हुआ है।

(च). मैं अपने दोस्त के साथ खेल रहा हूं।

उत्तर : मैं अपने दोस्त के साथ खेल रहा हूं।

(छ). वह साइकिल के द्वारा स्कूल जाती है।

उत्तर : वह साइकिल के द्वारा स्कूल जाती है।

(ज). वह दिल्ली से आता है।

उत्तर : वह दिल्ली से आता है।

(झ). हम आंखों के बिना कुछ भी नहीं देख सकते हैं।

उत्तर : हम आंखों के बिना कुछ भी नहीं देख सकते हैं।

(ट). वह क्लास लगने की पहले कक्षा में आ गई।

उत्तर : वह क्लास लगने से पहले कक्षा में आ गई।

(ठ). हाजीपुर पटना और मुजफ्फरपुर के बीच में है।

उत्तर : हाजीपुर पटना और मुजफ्फरपुर के बीच में है।

(ड). यह किताब शेक्सपियर के द्वारा लिखा गया है।

उत्तर : यह किताब शेक्सपियर के द्वारा लिखा गया है।

(ढ). वह हरीश के पीछे बैठा है।

उत्तर : वह हरीश के पीछे बैठा है।

(ढ). मेरा घर चर्च के सामने है।

उत्तर : मेरा घर चर्च के सामने है।

(ण). एक समय की बात है एक राजा हुआ करता था।

उत्तर : एक समय की बात है एक राजा हुआ करता था।

(त). वह सोमवार से शुक्रवार तक अनुपस्थित थी।

उत्तर : वाह सोमवार से शुक्रवार तक अनुपस्थित थी।

नोट :- यहां से और तक के बीच में कोई भी शब्द उपयोग किया जा सकता है।

जैसे :- से____तक।

(थ). क्या तुम उस के बारे में जानते हो?

उत्तर : क्या तुम उस के बारे में जानते हो।

(द). राम लक्ष्मण की अपेक्षा अधिक श्रेष्ठ धनुर्धर थे।

उत्तर : राम लक्ष्मण की अपेक्षा अधिक श्रेष्ठ धनुर्धर थे।

जरूर पढ़िए :

उम्मीद हैं आपको संबंधबोधक अव्यय की जानकारी पसंद आयी होगीं।

यदि आपको यह पोस्ट पसंद आयी हो तो दोस्तों के साथ शेयर कीजिए।

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.