क्रिया विशेषण अव्यय की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण

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चलिए आज हम क्रिया विशेषण अव्यय की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण की समस्त जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।

क्रिया विशेषण अव्यय क्या हैं

क्रिया विशेषण अव्यय एक ऐसा शब्द है जो क्रिया को योग्य बनाता है। इसका अर्थ है कि क्रिया विशेषण यह दर्शाता है कि कोई क्रिया, घटना या स्थिति कैसे, कब और कहाँ हुई। आइए इसे कुछ उदाहरणों की मदद से समझते हैं।

(i). मेरी छोटी बहन ने कार्यक्रम में शानदार नृत्य किया। 

यहां नृत्य वाक्य में क्रिया है और शानदर वर्णन करता है कि वह क्रिया कैसे की गई। तो अगर आप सवाल पूछते हैं? उसने कैसे नृत्य किया? तो जवाब है शानदार। 

(ii). चोर ने धीरे से पार्क में एक पर्स चुरा लिया। 

इस वाक्य में चुरा लिया क्रिया है और धीरे से क्रियाविशेषण क्युकी यह क्रिया की विशेषता बता रहा है। 

(iii). सुबह-सुबह, पूजा ने मधुर गीत गाया। 

इस वाक्य में गीत गाया क्रिया है और मधुर क्रियाविशेषण।

इसके अलावा अजीब तरह से, वफादारी से, तेज, धीरे-धीरे, घबराहट से, खुशी से, वास्तव में, आलस्य से, विशेष रूप से, बेहद, बेरहमी से, स्टाइलिश रूप से, गंभीर रूप से, भूख से, सही मायने में, तब, कब, जैसे, इसलिए, क्योंकि, तो इत्यादि सभी शब्द वर्णन करते हैं कि कार्य कैसे किया जाता हैं। 

क्रिया विशेषण के प्रकार

क्रिया विशेषण के प्रकार तीन प्रकार होते हैं।

  1. अर्थ के आधार पर क्रिया
  2. प्रयोग के आधार पर
  3. रूप के आधार पर

1. अर्थ के आधार पर क्रिया

  • कालवाचक क्रिया विशेषण
  • परिमाणवाचक क्रिया विशेषण
  • प्रश्नवाचक क्रिया विशेषण
  • रितिवाचक क्रिया विशेषण
  • स्थानवाचक क्रिया विशेषण

(i). कालवाचक क्रिया विशेषण

कालवाचक क्रिया विशेषण क्रिया के होने के समय के बारे में बताता है। इन्हें आम तौर पर वाक्य के शुरुआत में रखा जाता है।

उदाहरण :-

  • कल मैंने सड़क पर एक हाथी को देखा।
  • क्या तुम कल स्कूल में होगे?
  • हाल ही में, हमने नेटफ्लिक्स देखना शुरू किया है।

कालवाचक क्रिया विशेषण के तीन प्रकार होते हैं।

  • समय वाचक :- आज, कल, अभी, तुरंत
  • अवधि वाचक :- रात भर, दिन भर, आजकल, नित्य
  • बारबारता वाचक :- हर बार, कई बार, प्रतिदिन

(ii). परिमाणवाचक क्रिया विशेषण

परिमाणवाचक क्रियाविशेषण वाक्य में मात्रा का संकेत देते हैं। क्रिया पर अधिक जोर देने के लिए यह क्रियाविशेषण अन्य क्रियाविशेषणों के साथ जुड़ सकते हैं।

उदाहरण :-

  • वह लगभग शाकाहारी हैं लेकिन कभी-कभी अंडे खाते हैं।
  • लड़की क्लास के लिए बहुत लेट आई।
  • IIT प्रवेश परीक्षा बेहद कठिन थी।

परिमाणवाचक क्रिया विशेषण के भी चार प्रकार होते हैं।

  • अधिकता वाचक :- बहुत, अत्यधिक, अत्यंत, अति
  • न्यूनता वाचक :- जरा, थोड़ा, कुछ
  • पर्याप्ति वाचक :- बस, काफी, ठीक
  • तुलनावाचक :- कम, अधिक, इतना, उतना
  • श्रेणी वाचक :- बारी बारी, तिल तिल, थोड़ा थोड़ा

(iii). प्रश्नवाचक क्रिया विशेषण

इस प्रकार के क्रियाविशेषण में प्रश्न पूछने का बोध होता हैं।

उदाहरण :-

  • क्या तुमने कभी गोल्फ नहीं खेला है?
  • तुम कभी फिल्में क्यों नहीं देखती हो?
  • तुमने किस कारण से क्रिकेट खेलना छोड़ दिया?

(iv). रितिवाचक क्रिया विशेषण

रितिवाचक क्रिया विशेषण हमें दिखाता है कि कैसे कोई काम किया जाता है या होता है। इसके कार्य करने के तरीके को दर्शाया जाता हैं।

जैसे :- बुरी तरह से, दुख की बात है, खुशी से, धीरे-धीरे, जल्दी से, अच्छी तरह से, कठिन और तेज।

उदाहरण :-

  • लड़ाई के बाद UFC के लड़ाके बुरी तरह घायल हो गए।
  • वह खुशी-खुशी उसका होमवर्क पूरा करने में उसकी मदद करेगी।
  • अभिनेता अभी भी बहुत अच्छा अभिनय करता है।

रीतिवाचक क्रिया विशेषण के भी नौ प्रकार हैं।

  1. निश्चयवाचक क्रियाविशेषण :- अवश्य, सचमुच, बेशक, सही, दरअसल, वस्तुतः, निसंदेह, जरुर, यथार्थ में इत्यादि।
  2. अनिश्चयवाचक क्रियाविशेषण :- शायद, कभी, अक्सर, बहुत, संभवतः, यथासंभव इत्यादि।
  3. कारणात्मक क्रियाविशेषण :- क्योंकि, इसलिए, चुकी, क्यों, अत:, अतएव, किसलिए, काहे को इत्यादि।
  4. आक्स्मिकतात्म्क क्रियाविशेषण :- सहसा, एकाएक, अचानक, अकस्मात इत्यादि।
  5. स्वीकारात्मक क्रियाविशेषण :- हाँ, बिलकुल, जी, ठीक, सच, ठीक, अच्छा इत्यादि।
  6. निषेधात्मक क्रियाविशेषण :- न, नहीं, मत इत्यादि।
  7. आवृत्यात्मक क्रियाविशेषण :- धडाधड इत्यादि।
  8. अवधारक क्रियाविशेषण :- ही, सा, भी, मात्र, तो, भर, तक इत्यादि।
  9. निष्कर्ष क्रियाविशेषण :- अत:, इसलिए इत्यादि।

(v). स्थानवाचक क्रियाविशेषण

यह क्रिया विशेषण आमतौर पर मुख्य क्रिया के बाद रखा जाता है और यह बताता है कि क्रिया कहां होती हैं।

उदाहरण :-

  • पुलिस ने हर जगह सबूत तलाशे हैं।
  • खाने की मेज नीचे है।
  • यहां वहां मत देखिए।

स्थान वाचक क्रिया विशेषण के भी दो प्रकार होते हैं।

  • स्थिति वाचक :- यहां, वहां, बाहर, भीतर 
  • दिशा वाचक :- इधर, उधर दाएं, बाएं

2. प्रयोग के आधार पर क्रिया

प्रयोग के आधार पर क्रिया विशेषण तीन प्रकार होते हैं।

  • साधारण क्रिया विशेषण 
  • संयोजक क्रिया विशेषण 
  • अनुबद्ध क्रिया विशेषण

(i). साधारण क्रिया विशेषण

साधारण क्रिया विशेषण का प्रयोग वाक्य में स्वतंत्र रूप से किया जाता हैं।

जैसे :- 

  • अरे! तुम उठ गए?
  • हाय! उसके पिता मर गए।
  • अरे! तुम तो सोए ही रह गए?

(ii). संयोजक क्रिया विशेषण

संयोजक क्रिया विशेषण का सम्बन्ध वाक्य में किसी उपवाक्य के द्वारा होता है।

जैसे :-

  • जहाँ तुम अभी सोए हो, वह जगह मेरी हैं।
  • तुम कही जाओगे, मैं वहा आ जाऊँगा।
  • यहाँ बारह बज रहे हैं, वहां पांच बज रहे हैं।

(iii). अनुबद्ध क्रिया विशेषण

अनुबद्ध क्रिया विशेषण किसी भी बात को निश्चित करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं।

जैसे :-

  • यह काम तो बिल्कुल ही गलत है।
  • उसके आने भर की देर है।

3. रूप के आधार पर क्रिया विशेषण के प्रकार

रूप के आधार पर क्रिया विशेषण तीन प्रकार होते हैं।

  • मूल क्रिया विशेषण
  • स्थानीय क्रिया विशेषण
  • यौगिक क्रिया विशेषण

(i). मूल क्रिया विशेषण

मूल क्रिया विशेषण दूसरें शब्दों के मेल से नहीं बनते हैं।

जैसे :-

दूर, पास, ऊपर, आज, हमेशा, फिर, अचानक, नहीं, ठीक इत्यादि।

(ii). स्थानीय क्रिया विशेषण

स्थानीय क्रिया विशेषण बिना अपने रूप में बदलाव किए किसी विशेष स्थान पर आते हैं। 

(iii). यौगिक क्रिया विशेषण

यौगिक क्रिया विशेषण किसी दूसरें शब्दों में प्रत्यय लगाने के फलस्वरूप बनते हैं।

क्रिया विशेषण का प्रयोग

कुछ क्रिया विशेषण ऐसे होते हैं जिनके विशेष अर्थ होते हैं। वाक्यों में इनके प्रयोग से ही विशेष अर्थ का बोध होता है।

दैनिक जीवन में इनका प्रयोग होता रहता है लेकिन इनके अर्थ की सही जानकारी न रहने के कारण इन क्रिया विशेषण का गलत प्रयोग हो जाता है।

यहां हम कुछ क्रिया विशेषण के उदाहरण दे रहे हैं जो साधारण तौर पर एक ही अर्थ के प्रतीत होते हैं लेकिन उनके अर्थ अलग-अलग होते हैं।

1. तब, फिर

यह कालवाचक क्रिया विशेषण है जिनका प्रयोग तीनों काल में होता है। लेकिन तब का प्रयोग वहां होता है जहां कोई बात तुरंत हुई हो और फिर का प्रयोग वहां होता है जहां कुछ समय बीत जाने का बोध होता है। 

तब :-

  • तब उसने मुझे देखा,
  • जब वह आया तब वह गया, 
  • जब गाड़ी छूट गई तब आप आए।

फिर :

  • फिर वह कहने लगा,
  • फिर आपने बोलने लगे।

2. अब, अभी

दोनों कालवाचक क्रिया विशेषण है लेकिन दोनों के अर्थ में अंतर है। अब अनिश्चित समय का और अभी निश्चित समय का बोध कराता है।

अब :-

  • अब वह घर नहीं जाएगा
  • अब एक विचित्र बात हुई
  • अब मैं जा रहा हूं।

अभी :-

  • अभी पांच बजे हैं
  • अभी मैं जा रहा हूं
  • अभी परसों की ही बात है।

3. न, नहीं, मत

तीनों निषेधवाचक क्रिया विशेषण हैं। लेकिन तीनों का अलग-अलग प्रयोग होता है।

न :- जहां हल्का निषेध हो वह का प्रयोग होता है।

  • तुम ना जाओगे तो वह कभी ना जाएगा,
  • इधर ना आना।

नहीं :- जहां निषेध निश्चित होता है वहां नहीं का प्रयोग होता है।

  • वह नहीं जाएगा।
  • वह नहीं पढ़ेगा।
  • उसने नहीं सुना है।

मत :- इसका प्रयोग निषेधात्मक आज्ञा के लिए होता है।

  • भीतर मत जाओ।
  • वहां मत बैठो।
  • यह काम मत करो।

4. भी, ही

दोनों का प्रयोग किसी बात पर बल देने के लिए होता है। जैसे आप ही ने कहा था, सुरेश ही यह काम करेगा, आप भी आएंगे, वह भी जाएगा।

लेकिन दोनों के प्रयोग में अंतर भी है। ही का प्रयोग वहां होता है जहां एकमात्र होने का बोध हो और जहां एक के अलावा अर्थात अतिरिक्ता का भाव बोध हो वहां भी का प्रयोग होता है। 

ही :– इस काम को तुम ही कर सकते हो। (यहां एकमात्र का बोध हो रहा है)

भी :- इस काम को तुम भी कर सकते हो। (यहां एक लोगों के अलावा अर्थात अतिरिक्त का बोध हो रहा है)

5. प्रायः, बहुधा

दोनों का अर्थ अधिकतर होता है लेकिन प्रायः की अपेक्षा बहुधा की मात्रा अधिक होती है।

प्रायः :- बच्चे प्रायः झूठ नहीं बोलते हैं, ब्राम्हण प्रायः संतोषी होते हैं।

बहुधा :- बच्चे बहुधा हठी होते हैं, विद्यार्थी बहुधा तेज होते हैं।

क्रिया विशेषण से सम्बन्धित प्रश्न उत्तर

1. निम्नलिखित वाक्यों में क्रिया विशेषण को रेखांकित करें।

(क). गांधीजी हमेशा सच बोलते थे।

उत्तर :- गांधीजी हमेशा सच बोलते थे।

(ख). यह चाय बहुत गर्म है।

उत्तर :- यह चाय बहुत गर्म है।

(ग). इस कार्य को कोई भी कर सकता है।

उत्तर :- इस कार्य को कोई भी कर सकता है।

(घ). तुम्हें धीरे-धीरे खाना चाहिए।

उत्तर :- तुम्हें धीरे-धीरे खाना चाहिए।

(च). वह पढ़ने में अच्छा है।

उत्तर :- वह पढ़ने में अच्छा है।

2. निम्नलिखित क्रिया विशेषण का वाक्य में प्रयोग करें।

(क). यहां 

उत्तर :- तुम यहां बैठे हो।

(ख). जल्दी से

उत्तर :- तुम्हें अपना काम जल्दी से खत्म करना चाहिए।

(ग). अक्सर

उत्तर :- वह अक्सर कक्षा में पहले स्थान पर आता है।

(घ). निडरता पूर्वक

उत्तर :- हमें किसी भी काम को नहीं डरता पूर्वक करना चाहिए।

(च). कभी नहीं

उत्तर :- हमें डर के कभी नहीं भागना चाहिए।

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