यमक अलंकार की परिभाषा और उदाहरण

इस पेज पर आप यमक अलंकार की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए।

पिछले पेज पर हमने संधि की जानकारी शेयर की हैं तो उस पोस्ट को भी पढ़े।

चलिए आज हम यमक अलंकार की परिभाषा और उदाहरण की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं।

यमक अलंकार किसे कहते हैं

सार्थक होने पर अलग अलग अर्थ वाले स्वर-व्यंजन समुदाय की लगातार आवृत्ति को यमक अलंकार कहते हैं।

‘यमक’ का मतलब दो होता है। इसलिए इस अलंकार में अलग अलग अर्थ वाले एक ही आकार के वर्ण समूह को कम-से-कम दोहराया अवश्य जाता है। 

उदाहरण :-

1. कनक कनक ते सौगुनी, मादकता अधिकाय।
वा खाये बौराय नर, वा पाये बौराय।।

यहाँ कनक शब्द की दो बार आवृत्ति हुई है जिसमे एक कनक का मतलब है धतूरा तथा दूसरे कनक का अर्थ स्वर्ण अर्थात सोना है।

2. जिसकी समानता किसी ने कभी पाई नहीं।
पाई के नहीं हैं अब वे ही लाल माई के।

यहाँ ‘पाई’ शब्द दो बार आया है। जिसमें एक पाई का अर्थ ‘पाना’ और दूसरे पाई या अर्थ ‘पैसा’ हैं। 

अतः एक ही शब्द को दो बार दुहराया जाए लेकिन उन दोनों का अर्थ भिन्न भिन्न हो तो उसे यमक अलंकार कहते है।

जरूर पढ़िए :
उपमा अलंकारउत्प्रेक्षा अलंकारसंदेह अलंकार
रूपक अलंकारद्रष्टान्त अलंकारअतिश्योक्ति अलंकार

उम्मीद हैं आपको यमक अलंकार की जानकारी पसंद आयी होगी।

यदि आपको यह पोस्ट पसंद आयी हो तो दोस्तों के साथ शेयर कीजिए।

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.