बेरोजगारी पर निबंध | 500+ Shabdon me Berojgari Par Nibandh

नमस्कार दोस्तों, आज आप इस पेज पर बेरोजगारी पर निबंध पढ़ेंगे तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए।

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चलिए आज हम बेरोजगारी पर निबंध की समस्त जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।

बेरोजगारी पर निबंध

बेरोजगार उन लोगों को कहा जाता है जो लोग कार्य करने के योग्य होते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें कोई भी काम करने को नहीं मिलता है, जिससे उन्हें अपना जीवन जीने में कठिनाइयां होती हैं क्योंकि इन लोगों के पास पैसे नहीं होते हैं।

बेरोजगारी समाज के लिए एक अभिशाप है। इससे न केवल व्यक्तियों पर बुरा प्रभाव पड़ता है बल्कि बेरोजगारी पूरे समाज को भी प्रभावित करती है।

विकासशील देशों के सामने आने वाली मुख्य समस्याओं में से एक बेरोजगारी है। यह केवल देश के आर्थिक विकास में खड़ी प्रमुख बाधाओं में से ही एक नहीं बल्कि व्यक्तिगत और पूरे समाज पर भी एक साथ कई तरह के नकारात्मक प्रभाव डालती है।

कई कारक हैं जो बेरोजगारी का कारण बनते हैं। यहां इन कारकों की विस्तार से व्याख्या की गई और इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए संभावित समाधान बताये गये हैं।

बेरोजगारी बढ़ाने वाले मुख्य कारक

1. जनसंख्या वृद्धि :- जनसंख्या वृद्धि बेरोजगारी का मुख्य कारण है क्योकि जब लोग ज्यादा होंगे और नौकरियां कम होगी तो बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न होगी।

2. कुटीर उद्योग में गिरावट :- कुटीर उद्योग में उत्पादन काफी गिर गया है और इस वजह से कई कारीगर बेरोजगार हो गये हैं।

3. मौसमी व्यवसाय :- देश की आबादी का बड़ा हिस्सा कृषि क्षेत्र में जुड़ा हुआ है। मौसमी व्यवसाय होने के कारण यह केवल वर्ष के एक निश्चित समय के लिए काम का अवसर प्रदान करता है।

4. मंदा आर्थिक विकास :- देश के धीमे आर्थिक विकास के परिणामस्वरूप लोगों को रोजगार के कम अवसर प्राप्त होते हैं जिससे बेरोजगारी बढ़ती है।

5. औद्योगिक क्षेत्र की धीमी वृद्धि :- देश में औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि बहुत धीमी है। इस प्रकार इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर सीमित हैं।

6. शिक्षा की कमी :- शिक्षा की कमी या पूरी तरह शिक्षा ना मिलने के कारण लोगों को सही जानकारी नहीं मिलती है और बिना शिक्षा के ऐसे लोग बेरोजगार हो जाते हैं।

7. सरकारी नौकरी की तलाश :- बहुत से लोग केवल सरकारी नौकरी की तलाश में रहते हैं, और सरकारी पद कम और लोगो की संख्या ज्यादा होने के कारण कुछ लोग ही सरकारी पद पर नौकरी कर पाते हैं और बाकी के लोग सरकारी नौकरी की तलाश में बेरोजगार रह जाते हैं।

8. तकनीकी उन्नति :- तकनीकी उन्नति ना होने के कारण भी बेरोजगारी समस्या बढ़ती है।

बेरोजगारी को ख़त्म करने के समाधान

1. जनसंख्या पर नियंत्रण :- देश की बढ़ती जनसंख्या को रोकना होगा।

2. शिक्षा व्यवस्था :- भारत में शिक्षा प्रणाली कौशल विकास की बजाय सैद्धांतिक पहलुओं पर केंद्रित है। कुशल श्रमशक्ति उत्पन्न करने के लिए प्रणाली को सुधारना होगा।

3. औद्योगिकीकरण :- लोगों के लिए रोज़गार के अधिक अवसर बनाने के लिए सरकार को औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने चाहिए।

4. विदेशी कंपनियां :- सरकार को रोजगार की अधिक संभावनाएं पैदा करने के लिए विदेशी कंपनियों को अपनी इकाइयों को देश में खोलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

5. रोजगार के अवसर :- बेरोजगार रहने वाले लोगों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा किए जाने चाहिए।

निष्कर्ष

हालांकि सरकार ने हर तरह की बेरोजगारी को नियंत्रित करने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं परन्तु अभी तक परिणाम संतोषजनक नहीं मिले हैं।

सरकार को रोजगार सृजन करने के लिए और अधिक प्रभावी रणनीति तैयार करने की जरूरत है।

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