इस पेज पर आप वार्णिक वृत्त छन्द की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए।
पिछले पेज पर हमने वर्ण की परिभाषा की जानकारी शेयर की हैं तो उस पोस्ट को भी पढ़े।
चलिए आज हम वार्णिक वृत्त छन्द की समस्त जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।
वार्णिक वृत्त छंद किसे कहते हैं
इसमें वर्णों की गिनती होती है। इसमें चार एक समान चरण होते हैं और हर एक चरण में आने वाले लघु तथा गुरु स्वर का क्रम निर्धारित होता है। इसे सम छंद भी कहा जाता हैं।
जैसे :- 7 भगण और 2 गुरु का ‘मत्तगयन्द सवैया’ इसके उदाहरण है।
भगण भगण भगण भगण
ऽ।। ऽ।। ऽ।। ऽ।।
या लकुटी अरु कामरि या पर भगण भगण भगण गग
ऽ।। ऽ।। ऽ।। ऽऽ
राज तिहूँ पुर को तजि डारौं
कुल 7 भगण + 2 गुरु = 23 वर्ण
‘द्रुतविलम्बित’ और ‘मालिनी’ आदि छन्द भी ‘वार्णिक वृत्त’ के उदाहरण है।
उम्मीद हैं आपको वार्णिक वृत्त छंद की समस्त जानकारी पसंद आयी होगी।
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