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द्विकर्मक क्रिया की परिभाषा और उदाहरण

dvikarmak kriya

इस पेज पर हम द्विकर्मक क्रिया की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए।

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चलिए आज हम द्विकर्मक क्रिया की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं।

द्विकर्मक क्रिया क्या हैं

द्विकर्मक का अर्थ दो कर्म सहित होता है। जिस क्रिया के उपयोग से दो कामों के पूरे होने का पता चलता है उसे द्विकर्मक क्रिया कहते हैं। इसमें पहले आया कर्म प्राणीवाचक होता है और दूसरा कर्म निर्जीव होता है।

जैसे :- दुकानदार ने ग्राहक को पुस्तक दी।

इस वाक्य में दी क्रिया का फल दो कर्मों पर पढ़ता है, इसलिए इस वाक्य में द्विकर्मक क्रिया है।

द्विकर्मक क्रिया के उदाहरण :-

FAQ

Q.1 द्विकर्मक क्रिया से आप क्या समझते हैं?


Ans. जिन वाक्यों में एक कर्म होता है उन्हें एक कर्मक तथा दो कर्म वालों को द्विकर्मक कहते है। जिन वाक्यों में प्रश्न करने पर उत्तर मिलता है उन्हें सकर्मक अथवा जिनमें नहीं मिलता उन्हें अकर्मक क्रिया कहते है।

Q.2 द्विकर्मक क्रिया में कितने कर्म होते हैं?


Ans. द्विकर्मक क्रियाओं में दो कर्म होते हैं।

Q.3 द्विकर्मक क्रिया में कौन सा कर्म प्रधान होता है?

Ans. पहला कर्म प्राणीवाचक होता है और दूसरा कर्म निर्जीव होता है

Q.4 द्विकर्मक क्रिया कौन सी होती है?


Ans. जिस सकर्मक क्रिया का अर्थ स्पष्ट करने के लिए वाक्य में दो कर्म प्रयुक्त होते हैं, उसे द्विकर्मक क्रिया कहते हैं।

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