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चलिए आज हम द्विकर्मक क्रिया की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं।
द्विकर्मक क्रिया क्या हैं
द्विकर्मक का अर्थ दो कर्म सहित होता है। जिस क्रिया के उपयोग से दो कामों के पूरे होने का पता चलता है उसे द्विकर्मक क्रिया कहते हैं। इसमें पहले आया कर्म प्राणीवाचक होता है और दूसरा कर्म निर्जीव होता है।
जैसे :- दुकानदार ने ग्राहक को पुस्तक दी।
इस वाक्य में दी क्रिया का फल दो कर्मों पर पढ़ता है, इसलिए इस वाक्य में द्विकर्मक क्रिया है।
द्विकर्मक क्रिया के उदाहरण :-
- सोहन ने गुरूजी को प्रणाम किया।
- नर्स रोगी को दवा पिलाती है।
- श्याम अपने भाई के साथ टीवी देख रहा है।
- नौकर फिनायल से पोछा लगा रहा।
- तुम साइकिल से घर जा रहे हो।
- मै मोबाइल से पढ़ रहा हु।
- तुम अपने भाई के साथ टीवी देख रहे थे।
- माली पौधों को पानी दे रहा है।
FAQ
Ans. जिन वाक्यों में एक कर्म होता है उन्हें एक कर्मक तथा दो कर्म वालों को द्विकर्मक कहते है। जिन वाक्यों में प्रश्न करने पर उत्तर मिलता है उन्हें सकर्मक अथवा जिनमें नहीं मिलता उन्हें अकर्मक क्रिया कहते है।
Ans. द्विकर्मक क्रियाओं में दो कर्म होते हैं।
Ans. पहला कर्म प्राणीवाचक होता है और दूसरा कर्म निर्जीव होता है
Ans. जिस सकर्मक क्रिया का अर्थ स्पष्ट करने के लिए वाक्य में दो कर्म प्रयुक्त होते हैं, उसे द्विकर्मक क्रिया कहते हैं।
जरूर पढ़िए :
- सकर्मक क्रिया की परिभाषा
- सामान्य क्रिया की परिभाषा
- संयुक्त क्रिया की परिभाषा
- नामधातु क्रियाएँ की परिभाषा
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