अनुच्छेद लेखन की परिभाषा, विशेषता और उदाहरण

इस पोस्ट में आप अनुच्छेद लेखन से संबंधित समस्त जानकारी पढ़ेंगे तो पोस्ट को पुरा जरूर पढ़ें।

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चलिए अनुच्छेद लेखन की समस्त जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।

अनुच्छेद लेखन क्या हैं

किसी भाव या विचार को व्यक्त करने के लिए लिखे गए लघु वाक्य समूह को अनुच्छेद-लेखन कहते हैं।

इसका वास्तविक उद्देश्य महत्त्वपूर्ण बिंदुओं को व्यक्त करना है। जो एक या कई वाक्यों के माध्यम से होता है।

अनुच्छेद हमेशा एक विषय के बारे में लिखा जाता है। जैसे ही विषय बदलता है, हम अनुच्छेद भी बदल देते हैं। एक भी वाक्य निरर्थक और अनावश्यक नहीं होता।

अनुच्छेद की प्रमुख विशेषताएँ

  1. इसमें किसी एक भाव या विचार को एक बार में और एक ही स्थान पर व्यक्त किया जाता है।
  2. अनुच्छेद के वाक्य-समूह में उद्देश्य की एकता रहती है। केवल बहुत अधिक महत्वपूर्ण बातों को ही अनुच्छेद में रखा जाता है।
  3. इसके सभी वाक्य एक-दूसरे से गठित होते है और एक दुसरे से जुड़े होते हैं।
  4. अनुच्छेद एक स्वतन्त्र और पूर्ण रचना है, जिसका कोई भी वाक्य अनावश्यक नहीं होता।
  5. उच्च कोटि के अनुच्छेद-लेखन में विचारों को इस क्रम में रखा जाता है कि उनका आरम्भ, मध्य और अन्त आसानी से व्यक्त हो जाए।
  6. अनुच्छेद सामान्यतः छोटा होता है, किन्तु इसकी लघुता या विस्तार विषयवस्तु पर निर्भर करता है।

लेखन से संबंधित महत्त्वपूर्ण बाते

अनुच्छेद लिखते समय निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए।

  1. लिखने से पहले अनुच्छेद की रूपरेखा, संकेत-बिंदु आदि बनानी चाहिए।
  2. इसमें किसी विषय के एक ही पक्ष का वर्णन करना चाहिए।
  3. इसकी भाषा सरल, स्पष्ट और प्रभावशाली होनी चाहिए ताकि पढ़ने वाला आपके अनुच्छेद से प्रभावित हो सके।
  4. एक ही बात को बार-बार न दोहराना चाहिए।
  5. अनावश्यक वाक्यों से बचना चाहिए और संक्षेप में अनुच्छेद को पुरा करना चाहिए।
  6. शब्द-सीमा को ध्यान में रखकर ही अनुच्छेद लिखना चाहिए।
  7. पूरे अनुच्छेद में एकरूपता होनी चाहिए।
  8. विषय से संबंधित सूक्ति अथवा कविता की पंक्तियों का प्रयोग किया जा सकता हैं।
  9. अनुच्छेद के अंत में निष्कर्ष समझ में आ जाना चाहिए यानी विषय समझ में आ जाना चाहिए।

अनुच्छेद के उदाहरण

नीचे कुछ विषयों पर बेहतरीन अनुच्छेद लेखन के उदाहरण दिए जा रहे हैं।

शिक्षक दिवस

रूपरेखा : शिक्षक दिवस का महत्व – शिक्षक दिवस का इतिहास – शिक्षक सम्मान

हर साल हम 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाते हैं। शिक्षक हमें ना सिर्फ ज्ञान का प्रकाश देते हैं बल्कि अच्छे बुरे की पहचान करने की शिक्षा प्रदान कर हमारे मन के अंधकार को भी दूर करते हैं।

इस दिन भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्ण का जन्म हुआ था। वह इस देश के एक महान शिक्षक थे। वैसे तो शिक्षक की उपासना सदियों पहले गुरुकुल से चली आ रही है, जब इसे गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता था।

शिक्षक समाज के निर्माता होते हैं। उनकी तुलना गुरु और देवता से भी की जा सकती है जो हमेशा ही मानव कल्याण में लगे रहते हैं। इस अवसर पर देशभर में सबसे योग्य और शिक्षा के प्रति समर्पित शिक्षकों को केंद्र सरकार विशेष रूप से सम्मानित करती हैं।

वर्षा ऋतु

संसार के बड़े-बड़े कवियों ने वर्षा ऋतु की काफी प्रशंसा की है और इस पर अच्छी-अच्छी कविताएं लिखी है। यह संसार को जीवन देती है। वर्षा प्यासों को पानी और मां की तरह मनुष्य का पालन पोषण करती है। अतः वर्षा ऋतुओं की रानी है।

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