इस पोस्ट में आप हिंदी भाषा के महत्वपूर्ण शब्दार्थ यानि शब्द और उनके अर्थ के बारे में समस्त जानकारी पढ़ेंगे तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें।
पिछले पोस्ट में हमने भावार्थ से संबंधित जानकारी शेयर की है तो उसे भी जरूर पढ़ें।
चलिए शब्दार्थ की समस्त जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।
शब्दार्थ क्या हैं
विद्यार्थियों को नए-नए शब्दों का ज्ञान होना चाहिए। नीचे कुछ मुख्य शब्द और उनके अर्थ और उनके प्रयोग को दर्शाया गया हैं।
शब्दों के अर्थ और प्रयोग
शब्द | अर्थ | प्रयोग |
---|---|---|
अभिलाषा (स्त्री०) | इच्छा | उसकी अभिलाषा सैनिक बनन की है। |
अभिराम (विशेषण) | सुंदर | उसका अभिराम मुख मुस्कुरा पड़ा। |
अनवरत (वि०) | लगातार | किसी काम में अनवरत लगे रहना चाहिए। |
अथक (वि०) | बिना थके | हमें अथक परिश्रम करना चाहिए। |
अस्तित्व (पुं) | जीवन | अपने अस्तित्व पर ध्यान दो। |
असाध्य (वि०) | न ठीक होनेवाला | कैंसर एक असाध्य बीमारी है। |
अभिवादन (पुं) | प्रणाम | छात्रों ने शिक्षक का अभिवादन किया। |
अंबार (पुं) | ढेर | वहां कूड़ो का अंबार लगा है। |
अनायास (क्रि०वि०) | अचानक | वहां यह अनायास आ टपका। |
अनुयायी (वि०) | शिष्य | महात्मा बुद्ध के कई अनुयायी हैं। |
अवधि (स्त्री०) | समय | मेरी नौकरी की अवधि समाप्त हो गई है। |
अर्पण (पुं) | किसी को आदर पूर्वक कुछ देना | मैंने सर्वस्व तुम्हें अर्पण किया। |
अनुरक्ति (स्त्री०) | अनुराग, प्रेम | मुझे सरोज पर विशेष अनुरक्ति है। |
अधर (पुं) | होंठ | राधा के अधर कोमल है। |
अनुवादक (वि०) | अनुवाद करने वाला | सतीश अंग्रेजी से हिंदी का अनुवादक है। |
अभिभूत (वि०) | वशीभूत किया हुआ | मैं अभिभूत सा होकर उसे देखता रहा। |
आक्रमण (पुं) | चढ़ाई | भारत ने आज तक अनावश्यक आक्रमण करना नहीं सीखा। |
आभार (पुं) | कृतज्ञता | संयोजक ने सबका आभार प्रकट किया। |
आत्मसमर्पण (पुं) | अपने आपको सौंप देना | आज कई अपराधियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। |
आहत (वि०) | घायल | वह पक्षी आहत होकर गिर पड़ा। |
आश्वासन (पुं) | भरोसा | मंत्री ने लोगों को आश्वासन दिया। |
आभा (स्त्री०) | चमक | उसके चेहरे पर कैसी आभा है। |
आहुति (स्त्री०) | कुर्बानी | सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी। |
आत्मीय (वि०) | घनिष्ठ | मेरा सब के साथ आत्मीय संबंध रहता है। |
आशंका (स्त्री०) | अप्रिय घटना होने का भय | मुझे ऐसी आशंका हो रही है। |
इल्जाम (पुं) | आरोप | मैंने किसी पर आज तक इल्जाम नहीं लगाया। |
इत्मीनान (पुं) | तसल्ली | अब मुझे इत्मीनान हो गया। |
ईजाद (पुं) | खोज | आज ही इसका ईजाद हुआ है। |
उज्जवल (वि०) | साफ | इंसानों का चरित्र उज्जवल होता है। |
उन्मुक्त (वि०) | आजाद | हर आदमी उन्मुक्त रहना चाहता है। |
उद्यत (वि०) | तैयार | वह मंच पर जाने को उद्यत है। |
उपेक्षा (स्त्री०) | अनादर | हमें किसी की भी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। |
उपयुक्त (स्त्री०) | सही | वह उपयुक्त जगह है। |
ओसारा (पुं) | बरामदा | मां ओसारे में बैठी है। |
कलाकृति (स्त्री०) | कलात्मक रचना | वह बहुत सुंदर कलाकृति थी। |
करुणा (स्त्री०) | दया | मुझे उस पर करुणा आ गई। |
कनक (पुं) | सोना | कनक महंगा होता है । |
कलनाद (पुं) | मधुर स्वर | पक्षियों का कलनाद सुनाई पड़ रहा है। |
करतब (पुं) | अचरज भरा काम | वह गजब गजब के करतब दिखाता है। |
कटिबद्ध (वि०) | पूरी तरह तैयार | मैं यह काम करने को कटिबद्ध हूं। |
कलसी (स्त्री०) | छोटा घड़ा | उसकी कलसी फूट गई। |
कस्बा (पुं) | छोटा शहर | मैं अपने कस्बे से चल पड़ा। |
कलुषित (पुं) | गंदा | अपने हृदय से कलुषित बातें निकाल फेंको। |
कीर्ति (स्त्री०) | यश | उसकी कीर्ति दूर-दूर तक फैली है। |
कृत्रिम (वि०) | बनावटी | उसने कृत्रिम मुस्कान बिखेरी। |
काया (स्त्री०) | शरीर | सबकी काया को सुख मिले। |
क्लेश (पुं) | कष्ट | उसकी मृत्यु से मुझे काफी क्लेश हुआ। |
कार्निवाल (पुं) | मेला | कार्निवाल में सर्कस भी लगा है। |
कीर्तिमान (पुं) | मानदंड, प्रसिद्धि | तेंदुलकर ने कई कीर्तिमान स्थापित किए। |
खुदा हाफिज (पुं) | ईश्वर तुम्हारी रक्षा करें | श्याम ने मोहन को खुदा हाफिज कहा। |
खिदमत (स्त्री०) | सेवा सत्कार | जुम्मन अपनी खाला की खिदमत खूब करता है। |
खादिम (पुं) | सेवक | हर आदमी किसी न किसी का खादिम होता है। |
खरा (वि०) | विशुद्ध | वह सुनार खरा सोना बेचता है। |
गुमसुम (वि०) | चुपचाप | वह गुमसुम बैठा है। |
गौरव (पुं) | बड़प्पन | हमें अपने देश पर गौरव होता है। |
गंतव्य (पुं) | जहां जाना हो | वह अपने गंतव्य तक जा पहुंचा। |
गुनाह (पुं) | अपराध | उसने अपना गुनाह मान लिया। |
गार (पुं) | गड्ढा | वह एक बड़े गार में गिर गया। |
गाथा (स्त्री०) | कहानी | गीता में श्रीकृष्ण की गाथा है। |
घनत्व (पुं) | घनापन | इसका औसत घनत्व बहुत कम है। |
चमन (पुं) | फुलवारी | चमन हरा भरा है। |
चिर स्मरणीय (वि०) | लंबे समय तक याद रखने योग्य | यह घटना मेरे लिए चिर स्मरणीय है। |
चौकन्ना (वि०) | सावधान | आहट पाते ही काला हिरण चौकन्ना हो गया। |
चक्रव्यूह (पुं) | चक्र के आकार में सेना को खड़ा करना | महाभारत के युद्ध में गुरु द्रोणाचार्य ने चक्रव्यूह रचा था। |
चीर (पुं) | वस्त्र | श्री कृष्ण ने द्रौपदी को चीर प्रदान किया था। |
चुनौती (स्त्री०) | ललकार | मैंने तुम्हारी चुनौती स्वीकार की। |
छवि (स्त्री०) | तस्वीर | उसकी छवि मेरे दिल में उतर गई। |
जनश्रुति (स्त्री०) | अफवाह | देहातों में खूब जनश्रुति सुनने को आती है। |
जंग (स्त्री०) | लड़ाई | पहले की राजाओं ने खूब जंग की थी। |
जीविका (स्त्री०) | रोजी रोटी | वह अपनी जीविका बड़ी कठिनाई से चलाता है। |
जेहाद (पुं) | धर्मयुद्ध | आज हिंदू मुस्लिम में जेहाद छिड़ा है। |
जुगाली (स्त्री०) | पागुर | गाय जुगाली कर रही है। |
दंतकथा (स्त्री०) | लोक प्रचलित कथा | आज देहातों में भी दंतकथा बहुत सुनने को मिलती है। |
दंपति (पुं) | पति पत्नी का जोड़ा | क्यूरी दंपति ने रेडियम की खोज की। |
दलील (स्त्री०) | प्रमाण | तुम्हारी दलील उटपटांग रहती है। |
दुर्ग (पुं) | किला | पहले की राजाओं का दुर्ग होता था। |
धनांध (वि०) | धन के घमंड में चूर | रमेश धनांध बना फिरता है। |
धूल धूसरित (वि०) | धूल से सना हुआ | छोटे-छोटे बच्चे धूल धूसरित रहते हैं। |
नदारद (वि०) | गायब | सब आए, श्याम ही नदारद हो गया। |
नाज (पुं) | गर्व | हमें अपने देश पर नाज होता है। |
निराधार (वि०) | आधारहीन | तुम्हारा आरोप बिल्कुल निराधार है। |
निर्द्वन्द (वि०) | चिंता मुक्त | चिड़िया निर्द्वन्द कंठ से गाती है। |
नास्तिक (वि०) | ईश्वर को ना मानने वाला | साहिल बहुत बड़ा नास्तिक है। |
पुनरावृति (स्त्री०) | दोहराना | अतीत की चीजों की पुनरावृति मत करो। |
पंथी (पुं) | राही | इस राह से बहुत कम पंथी जाते हैं। |
पथ्य (पुं) | रोगी का आहार | आज बीमार रामू ने पथ्य किया। |
प्रतिभाशाली (पुं) | बुद्धिमान | सोहन एक प्रतिभाशाली व्यक्ति है। |
प्रयोगशाला (स्त्री०) | विज्ञान के परीक्षण के लिए सामग्री युक्त स्थान | मैडम क्यूरी ने एक टूटे-फूटे घर में ही अपनी प्रयोगशाला बनाई थी। |
फतवा (पुं) | धार्मिक आदेश | मुस्लिम लीग ने अपना फतवा जारी किया। |
बह्नि (स्त्री०) | आग | बह्नि प्रज्वलित हो उठी। |
बगावत (पुं) | विद्रोह | हमें किसी से बगावत नहीं करनी चाहिए। |
बहेलियां (पुं) | चिड़ीमार | बहेलिया चिड़ियों की खोज में निकला है। |
बाध्य (वि०) | विवश | मुझे ऐसा करने पर बाध्य होना पड़ा। |
बवंडर (पुं) | तूफान | कल भयंकर बवंडर उठा था। |
भव्य (वि०) | सुंदर | कोलकाता में कई भव्य इमारतें हैं। |
भीम काय (वि०) | विशालकाय | हाथी एक भीम काय पशु होता है। |
भुजंग (पुं) | सांप | चंदन में भुजंग लिपटे रहते हैं। |
भ्रांति (स्त्री०) | गलतफहमी | मुझे आज तक कभी कोई भ्रान्ति नहीं हुई। |
महिमा (स्त्री०) | महता | श्री कृष्ण की महिमा अपरंपार हैं। |
मर्मभेदनी (वि०) | हृदय पर चोट करने वाली | मुझसे तो यह मर्मभेदनी दृश्य भुलाया नहीं जाता। |
मूक (वि०) | गूंगा | भगवान की कृपा से मूक भी वाचाल हो जाता है। |
मृदुल (वि०) | मधुर | उसका स्वभाव अत्यंत ही मृदुल है। |
योगदान (पुं) | मदद करना | मेरे हर क्षेत्र में उनका योगदान रहता है। |
रणभेरी (स्त्री०) | युद्ध की प्रारंभ की सूचना देने वाले बाजे | अभिमन्यु कुरुक्षेत्र के मैदान में उतरा ही था की रणभेरी बज उठी। |
रक्तरंजित (वि०) | खून से सना | उसका शरीर रक्तरंजित था। |
लालसा (स्त्री०) | इच्छा | तुम्हें देखने की बहुत दिनों से लालसा थी। |
लम्हा (पुं) | पल | विरह का लम्हा कटते ही नहीं कटता। |
लोकोक्ति (स्त्री०) | कहावत | उसने आज एक बहुत सुंदर ही लोकोक्ति सुनाई। |
वारिस (पुं) | उत्तराधिकारी | उसकी संपत्ति का कोई वारिस नहीं बचा। |
व्याख्यान (पुं) | भाषण | सभागार में व्याख्यान चल रहा है। |
विषाद (पुं) | दुख | यह बात सुनकर मुझे अत्यंत विषाद हुआ। |
विवरण (पुं) | वर्णन | इतना विवरण मुझसे देना ना बनेगा। |
वर्तिका (स्त्री०) | बत्ती | स्नेहा ने वर्तिका जलाई। |
विक्षुब्ध (वि०) | नाराज | वह उससे विक्षुब्ध है। |
विचरण (पुं) | घूमना | मैंने कई स्थानों का विचरण किया है। |
व्यथा (स्त्री०) | दुख | उसने अपनी व्यथा सुनाई। |
विज्ञापन (पुं) | प्रचार संबंधी सूचना | उसने अखबार में विज्ञापन निकलवाया। |
वायस (पुं) | कौवा | शव पर वायस बैठे हैं। |
शानदार (वि०) | सुंदर | उसका चेहरा बड़ा ही शानदार है। |
शिक्षाविद (पुं) | शिक्षा शास्त्री | आचार्य सत्य नारायण लाल एक बड़े शिक्षाविद है। |
शाश्वत (वि०) | स्थाई | प्रकृति शाश्वत है। |
शौर्य (पुं) | वीरता | उसके शौर्य का कोई ठिकाना नहीं है। |
संस्कृति (स्त्री०) | आचरणगत परंपरा | आज भारतीय अपनी संस्कृति भूलते जा रहे हैं। |
स्तंभ (पुं) | खंभा | साहित्य समाज का एक बड़ा स्तंभ है। |
संस्मरण (पुं) | बीती हुई यादें | उसने अपना संस्मरण सुनाया। |
सूरमा (वि०) | बहादुर | सूरमा बाधाओं के आगे घुटने नहीं टेकता। |
सुरभित (वि०) | सुगंधित | सुरभित मंद पवन मदहोश कर रहा है। |
साम्य (पुं) | समानता | हम लोगों के बीच साम्य बैठाना चाहिए। |
सुषमा (स्त्री०) | सौंदर्य | कश्मीर की प्राकृतिक सुषमा अद्वितीय है। |
सरोवर (पुं) | तालाब | इस बड़े सरोवर में मात्र तीन कमल है। |
स्नेहिल (वि०) | प्यारा | राम बड़ा ही स्नेहिल बच्चा है। |
संकरा (वि०) | तंग | यह रास्ता बड़ा ही संकरा है। |
हादसा (पुं) | दुर्घटना | आज एक बहुत बड़ा हादसा टल गया। |
हष्ट पुष्ट (वि०) | ताकतवर | भीम बड़े ही हष्ट पुष्ट थे। |
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