भाववाचक संज्ञा की परिभाषा और उदाहरण

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चलिए आज हम भाववाचक संज्ञा की परिभाषा और उदाहरण की समस्त जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।

भाववाचक संज्ञा की परिभाषा

जो शब्द किसी चीज़ या पदार्थ की अवस्था, दशा या भाव का बोध कराते हैं, उन शब्दों को भाव वाचक संज्ञा कहते हैं।

जैसे :- बचपन, बुढ़ापा, मोटापा, मिठास, उमंग, चढाई, थकावट, मानवता, चतुराई, जवानी, लम्बाई, मित्रता, मुस्कुराहट, अपनापन, परायापन, भूख, प्यास, चोरी, क्रोध, सुन्दरता आदि।

उपर्युक्त उदाहरणों में बचपन, बुढ़ापा आदि किसी को आप छू नहीं सकते हैं केवल अनुभव कर सकते हैं।

उदाहरण :-

  • ईमानदारी व्यक्ति का आभूषण हैं।
  • सैनिकों के हृदय में देशभक्ति कूट-कूट कर भरी होती हैं।
  • व्यक्ति का बुढ़ापा उसे लाचार बना देता हैं।
  • सावन में चारों ओर हरियाली छा जाती हैं।
  • मां के मातृत्व की तुलना किसी और से नहीं की जा सकती।
  • देश के नागरिकों में राष्ट्रीयता का भाव होना ही चाहिए।
  • किसी से भी मित्रता करो तो उसे निभाओ भी।

भाववाचक संज्ञा के कुछ अन्य उदाहरण :-

  • भारत में बेरोजगारी बढ़ रही हैं।

बेरोजगारी शब्द से बेरोजगार होने के भाव का बोध हो रहा हैं। अतः बेरोजगारी एक भाव वाचक संज्ञा शब्द हैं।

  • मेरा बचपन खेलकूद में बीता।

बचपन शब्द से बच्चा होने के भाव का बोध हो रहा है। अतः बचपन एक भाव वाचक संज्ञा हैं।

  • मेरे दोस्त की लम्बाई मेरे से अधिक हैं।

लम्बाई शब्द से लम्बा होने के भाव का बोध हो रहा है। अतः लम्बाई एक भाव वाचक संज्ञा हैं।

  • रमेश और सुरेश की आपस में दोस्ती हैं।

दोस्ती शब्द से दोस्त होने के भाव का बोध हो रहा है। अतः दोस्ती एक भाव वाचक संज्ञा हैं।

  • विकास की आवाज़ में बहुत मिठास हैं।

मिठास शब्द से आवाज़ मीठी होने का बोध हो रहा है। अतः मिठास एक भाव वाचक संज्ञा हैं।

  • तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा।

आज़ादी शब्द से आज़ाद होने के भाव का बोध हो रहा है। अतः आज़ादी एक भाव वाचक संज्ञा हैं।

  • मुझे तुम पर काफी गुस्सा आ रहा हैं।

इस वाक्य में गुस्सा आना एक भाव को प्रदर्शित करता है, इस कारण यह भाव वाचक संज्ञा का उदाहरण हैं।

  • मैं तुम से प्रेम करता हूँ।

इस वाक्य में ‘प्रेम’ एक भाव यानी अनुभव को जताता है, जिसकी वजह से यह भाववाचक हैं।

  • इंसानियत के नाते तुम्हें उसकी मदद करनी चाहिए।

उपरोक्त वाक्य भाव वाचक संज्ञा का उदाहरण वाक्य है, जिसमें में ‘इंसानियत’ एक भाव हैं।

  • तुमसे मिलके मेरी बचपन की यादें ताज़ा हो गयी।

ऊपर दिए वाक्य में ‘बचपन’ एवं ‘यादें’ हमें भावों के बोध करा रहें हैं अतः यह वाक्य भाव वाचक संज्ञा का उदाहरण हैं।

  • तुम्हारे बाग़ में फूलो की सुंदरता देखते ही बनती हैं।

दिए गए वाक्य में सुंदरता एक भाव है अतः यह वाक्य भाव वाचक संज्ञा के उदाहरण हैं।

  • हमें छोटे बच्चों पर गुस्सा नहीं करना चाहिए।

ऊपर दिया वाक्य भाव वाचक संज्ञा का उदाहरण है क्योंकि इसमें ‘गुस्सा’ शब्द हमें एक भाव का बोध कराता हैं।

  • दौड़ने से मुझे थकान का अनुभव होता हैं।

थकान शब्द हमें एक थकने के भाव का बोध होता है अतः यह एक भाव वाचक संज्ञा का उदाहरण हैं।

  • आज भी लोग जय और वीरू की दोस्ती का उदाहरण देते हैं।

ऊपर दिये गए वाक्य में ‘दोस्ती’ शब्द हमें एक भाव का बोध कराता है अतः यह एक भाव वाचक संज्ञा हैं।

जातिवाचक संज्ञा से भाव वाचक संज्ञा बनाना

जातिवाचक संज्ञाभाववाचक संज्ञा
मनुष्यमनुष्यता
मित्रमित्रता
प्रभुप्रभुता
बच्चाबचपन
शैतानशैतानी
शत्रुशत्रुता
समाजसामाजिकता
मूर्खमूर्खता
डाकूडकैती
मातामातृत्व
युवकयोवन
भ्राताभ्रातृत्व
आदमीआदमियता
सेवकसेवा
अध्यापकअध्यापन
भाईभाईचारा
वकीलवकालत
साधूसाधुता
इंसानइंसानियत
पात्रपात्रता

सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा बनाना

सर्वनामभाववाचक संज्ञा
सर्वसर्वस्व
माँममता, ममत्व
परायापरायापन
अपनाअपनापन
निजनिजत्व

विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाना

विशेषणभाववाचक संज्ञा
अच्छाअच्छाई
सुन्दरसुन्दरता, सौंदर्य
शीतलशीतलता
सफलसफलता
कायरकायरता
चतुरचातुर्य, चतुराई
निर्बलनिर्बलता
बड़ाबड़प्पन
कातरकातरता
मधुरमधुरता, माधुर्य
छोटाछुटपन
भलाभलाई
तीखातीखापन
मीठामिठास
सरलसरलता
निपुणनिपुणता
नीचनीचता
तीक्ष्णतीक्ष्णता
ऊँचाऊंचाई
बूढाबुढ़ापा
कालाकालापन
नीलानीलापन
लाललाली
वीरवीरता
लालचीलालच
डरावनाडर
क्रोधीक्रोध
भिन्नभिन्नता
शांतशांति
दुष्टदुष्टता
संपन्नसंपन्नता
प्रयुक्तप्रयाग
अंधअधिकार , अँधेरा
सुखदसुखदायी
विपन्नविपन्नता
साहित्यिकसाहित्य
एकएकता
शूरशूरता , शौर्य
समसमता , समानता
पथरीलीपथरीलापन
क्षुब्धक्षोभ
बहुतबहुतायत
शीघ्रशीघ्रता
अमीरअमीरी
रोगीरोग

क्रिया से भाववाचक क्रिया बनाना

क्रिया भाववाचक क्रिया
पढनापढाई
खोजनाखोज
सीनासिलाई
जितनाजीत
रोनारुलाई
लड़नालड़ाई
पढनापढाई
चलनाचाल , चलन
खेलनाखेल
थकनाथकावट
लिखनालेख
हँसनाहँसी
दौड़नादौड़
लूटनालुट
जोड़नाजोड़
घटनाघटाव
नाचनानाच
बोलनाबोल
पूजनापूजन

संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना

संज्ञा भाववाचक संज्ञा
मनुष्यमनुष्यता
पशुपशुत्व
भारभारीपन
मित्रमित्रता
किशोरकिशोरपन
दासदासता
मानवमानवता
प्रभुप्रभुता
पंडितपांडित्य
शत्रुशत्रुता
बालबालपन
देवदेवत्व
बालकबालकपन
नारीनारीत्व
बच्चाबचपन
स्त्रीस्त्रीत्व
लड़कालडकपन
पुरुषपुरुषत्व
नुष्यमनुष्यता
दानवदानवता
बूढ़ाबुढ़ापा
शत्रुशत्रुता
मित्रमैत्री
शिष्यशिष्यत्व
मातामातृत्व
भ्राताभ्रातृत्व

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