Site icon Easy Hindi Vyakaran

अन्योक्ति अलंकार की परिभाषा और उदाहरण

anyokti alankaar

इस पेज पर आप अन्योक्ति अलंकार की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए।

पिछले पेज पर हमने उभयालंकार की जानकारी शेयर की हैं तो उस पोस्ट को भी पढ़े।

चलिए आज हम अन्योक्ति अलंकार की परिभाषा और उदाहरण की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं।

अन्योक्ति अलंकार किसे कहते हैं

जहाँ पर किसी उक्ति के माध्यम से किसी दूसरे की कोई बात कही जाती हैं वहाँ पर अन्योक्ति अलंकार होता है।

जैसे :

फूलों के आस-पास रहते हैं 
फिर भी काँटे उदास रहते हैं।

 “देख लो साकेत नगरी है यही,
स्वर्ग से मिलने गगन में जा रही है।”

उपर दिए गए वाक्य में फूलों के माध्यम से कांटो की बात कही जा रही हैं। अतः यहाँ पर अन्योक्ति अलंकार है।

जैसे :–

नहिं पराग नहिं मधुर मधु, नहिं विकास इहिकाल।
अली कली ही सौं बंध्यो, आगे कौन हवाल।।
“नहिं पराग नहिं मधुर मधु, नहिं विकास एहि काल।
अली कली ही सो बिंध्यौ, आगे कौन हवाल।।”

अन्योक्ति अलंकार कुछ अन्य उदाहरण :

(1). जिन दिन देखे वे कुसुम, गई सुबीति बहार।
अब अलि रही गुलाब में, अपत कँटीली डार।।

(2). इहिं आस अटक्यो रहत,
अली गुलाब के मूल अइहैं फेरि बसंत रितु,
इन डारन के मूल।

(3). भयो सरित पति सलिल पति, अरु रतनन की खानि।
कहा बड़ाई समुद्र की, जु पै न पीवत पानि।

जरूर पढ़िए :

उम्मीद हैं आपको अन्योक्ति अलंकार की जानकारी पसंद आयी होगी।

यदि आपको यह पोस्ट पसंद आयी हो तो दोस्तों के साथ शेयर कीजिए।

Exit mobile version