पत्र की परिभाषा, प्रकार, पत्र के फायदे और उदाहरण

आज ईमेल और आधुनिक तकनीक का जमाना है। पत्र लिखने की प्रक्रिया अब प्रचलन में नहीं रही लेकिन ईमेल भेजने में पत्र लेखन की शैली का उपयोग किया जाता है। 

यह संचार का एक औपचारिक और अनौपचारिक साधन है।

आज इस लेख में हम आपको पत्र लेखन के बारे में जानकारी देंगे की पत्र कैसे लिखा जाता है, यह कितने प्रकार के होते हैं इत्यादि।

पत्र क्या हैं

एक पत्र को एक संदेश अथवा मैसेज के रूप में जाना जाता है जिसे कागज पर हाथ के द्वारा लिखकर दूसरे व्यक्तियों को भेजा जाता है। यह आम तौर पर एक लिफाफे में, ईमेल पते या डाक के माध्यम से भेजा जाता है।

दूसरे शब्दों में, हम कह सकते हैं कि कोई भी संदेश जो डाक के माध्यम से एक जगह से दूसरी जगह तक भेजा जाता है उसे हम पत्र कहते है।

पत्र के प्रकार

पत्र लेखन को मोटे तौर पर तीन भागों में बांट जा सकता हैं।

  • औपचारिक पत्र
  • औपचारिक पत्र

1. औपचारिक पत्र

इन पत्रों का उपयोग औपचारिक संचार के लिए किया जाता है। एक निश्चित औपचारिकता और निर्धारित पैटर्न का पालन करने वाले पत्र को औपचारिक पत्र कहते हैं।

इस प्रकार के पत्र में हमेशा कार्यालय के दिशा-निर्देशों और औपचारिकताओं का कड़ाई से पालन करना पड़ता है। औपचारिक पत्रों की श्रेणी में आने वाले विभिन्न प्रकार के पत्र हैं –

  • व्यावसायिक पत्र
  • आधिकारिक पत्र
  • सामाजिक पत्र
  • रोजगार पत्र 

2. अनौपचारिक पत्र

अनौपचारिक पत्र एक ऐसे पत्र को कहते है जो औपचारिक नियम का पालन नहीं करता है और इसमें व्यक्तिगत जानकारी शामिल होती है। इसे व्यक्तिगत पत्र के रूप में भी जाना जाता है। इस प्रकार का पत्र आम तौर पर दोस्तों या परिवारों को भावनाओं, समाचारों आदि को साझा करने के लिए लिखा जाता है। इन पत्रों के लिखने का कोई ठोस कारण हो भी सकता है और नहीं भी। 

औपचारिक पत्र लिखने का तरीका

एक औपचारिक पत्र में कई नियमों का पालन करना चाहिए। जो इस प्रकार है।

1. भेजने वाले का पता : यह सबसे आवश्यक चीजों में से एक, जिसे वापसी पता (Return Address) भी कहा जाता है। 

2. दिनांक : पते के तुरंत बाद वह दिनांक आता है जिस दिन पत्र लिखा जाता है। पत्र लिखते समय दिनांक लिखने के लिए किसी भी नियम का पालन किया जा सकता हैं। DD/MM/YY या MM/DD/YY.

3. पत्र प्राप्त करने वाले का पता : औपचारिक पत्र में पत्र प्राप्त करने वाले व्यक्ति के नाम के साथ कंपनी का नाम और पूरा पता, पिनकोड और देश का नाम भी लिखना चाहिए।

4. विषय : यह पत्र लिखने भेजने के उद्देश्य के बारे में संक्षिप्त जानकारी देता है। औपचारिक पत्र का विषय बहुत छोटा (6 से 8 शब्द) होना चाहिए क्योंकि पत्र पढ़ने वाला विषय के माध्यम से पत्र भेजने के उद्देश्य को समझता है।

5. अभिवादन : यदि पत्र प्राप्त करने वाले का नाम पता हो तो श्रीमान/श्रीमती/मिस इत्यादि के साथ शुरू होता है जबकि यदि व्यक्ति के बारे में नहीं पता है या लिंग भी पता नहीं है तो प्राप्त करने वाले को प्रिय महोदय या प्रिय महोदया लिखकर संबोधित किया जा सकता है।

6. संदेश : किसी भी पत्र का सबसे महत्वपूर्ण भाग उसमे भेजा गया संदेश होता है। यह पत्र लिखने के पीछे का कारण बताता है। इस भाग में व्यक्ति अपने सभी बातों को लिखता है।

7. विनम्रतपूर्वक समापन : यह सम्मान के साथ पत्र को ‘आपका विश्वासयोग्य’, ‘आपका ईमानदारी से’, आदि जैसे विनम्र तरीके से समाप्त करना है।

8. सिग्नेचर लाइन : यह आखिरी भाग होता है जहां पत्र भेजने वाला अपने पहले या अंतिम नाम के साथ हस्ताक्षर करता है। 

अनौपचारिक पत्र लिखने का तरीका

अनौपचारिक पत्र लिखते समय नीचे दिए गए नियमों का पालन करना चाहिए :

1. पता :- अनौपचारिक पत्रों में भेजने वाले का पता महत्वपूर्ण होता है। चूंकि अनौपचारिक पत्र व्यक्तिगत पत्र होते हैं और परिचितों या जाने-माने लोगों को भेजे जाते हैं, इसलिए पत्र को ले जाने वाले लिफाफे पर पत्र प्राप्त करने वाले का पता ही लिखा होता है।

2. दिनांक :- पत्र के अनुसार दिनांक लिखना चाहिए।

3. अभिवादन :- अनौपचारिक पत्रों में अभिवादन प्रिय या नमस्ते द्वारा हो सकता है और उसके बाद प्राप्तकर्ता का पहला नाम या उपनाम हो सकता है।

4. मुख्य भाग :- मुख्य भाग में संदेश को लिखा जाता है। अनौपचारिक पत्रों में मुख्य भाग बड़ा हो सकता है जिसमें भावनाएं, अनुभव, सलाह, समाचार आदि शामिल होते हैं। 

भेजने वाले का नाम और हस्ताक्षर औपचारिक पत्रों की तरह ही होते हैं।

औपचारिक पत्र का उदाहरण

मोहल्ले की गंदगी का उल्लेख करते हुए नगर पालिका के अध्यक्ष को लिखा गया एक औपचारिक पत्र

सेवा में
श्रीमान अध्यक्ष,
नगर पालिका, गया।
महाशय,

गया भारत की प्रसिद्ध तीर्थ नगरी है। यहां लोग दूर-दूर से तीर्थ यात्रा पर आते हैं किंतु शहर इतना गंदा है, गलियां इतनी तंग है और सड़के इतनी खराब है कि बाहर से आने वाले यात्री गया कि गंदगी से उबकर कह बैठते हैं कि गया के निवासी बहुत गंदे हैं। यह बहुत पिछड़ा शहर है। सड़कों पर बिजली के खंभे तो हैं पर उनमें बल्ब नहीं लगाए जाते। इसलिए यहां की सड़कें और गलियां अंधेरे में पड़ी रहती है।

नालियों का भी कोई अच्छा इंतजाम नहीं है। वर्षा होने पर जहां-तहां सड़कों पर पानी जम जाता है। गाड़ियों का आना जाना बंद हो जाता है।

हम आपसे आग्रह निवेदन करते हैं कि नगर की अनेक कठिनाइयां सुलझाते हुए आप उन्हें दूर करने की शीघ्र कोशिश करें, ताकि गया की पुरानी प्रसिद्धि पर कलंक न लगने पाए और लोग स्वस्थ जीवन बिता सकें।

धन्यवाद!

हम हैं, गया नागरिक संघ के सदस्य,
गया
10-10-2021

अनौपचारिक पत्र का उदाहरण

आज की महंगाई पर मित्र को लिखा गया पत्र

चिरगांव,
झांसी
10-10-2021
प्रिय राहुल,
नमस्ते।

तुम्हारा पत्र मिला। पढ़कर दुख हुआ। तुम बीमार हो और गरीबी तथा महंगाई के कारण तुम्हारा इलाज ठीक से नहीं हो रहा है, यह जानकर और भी दुख हुआ। क्या कहा जाए! आज सारा देश महंगाई का शिकार है। देश की गरीबी तो पहले से चली आ रही है अब महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ डाली।

हमारे 80 वर्ष के दादा जी का कहना है कि ऐसी भयंकर महंगाई इस देश में कभी नहीं हुई। यह दिनों दिन बढ़ती जा रही है जिसके कारण अब बहुत लोगों को दोनों समय का खाना भी नसीब नहीं हो पा रहा है। लगता है जैसे देश में कोई शासन ही ना रहा।

खाने पीने की चीजें जो मिलती है उनका दाम साधारण लोगों तक पहुंच के बाहर है। महंगाई के कारण घर का कोई भी आदमी खुश नहीं रहता। अपना समाचार लिखते रहना। ईश्वर करे तुम जल्द से जल्द ठीक हो जाओ!

तुम्हारा प्यारा मित्र
सुभाष
पता – पुरंदरपुर, दानापुर (पटना)

पत्र लेखन के फायदे

भले ही आज पत्र लिखने का चलन कम हो गया है लेकिन पत्र लेखन के कुछ फायदे नीचे दिए गए हैं जिन्हे पढ़कर आप भी पत्र लिखना चाहेंगे।

1. यह उन लोगों को जोड़ने में मदद कर सकता है जिनसे आप अलग-थलग महसूस करते हैं।

हम सभी कुछ समय तक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे थे। लेकिन जिन लोगों को कोरोना वायरस का खतरा था उनके लिए घर पर रहना जरूरी था। हालांकि यह उनके वायरस होने के जोखिम को कम करता है लेकिन यह उनके अकेलेपन और डिप्रेशन का अनुभव करने के जोखिम को बढ़ाता है। 

ऐसे समय में लोगों द्वारा लिखे गए पत्र को पढ़ने से हमे सुकून और खुशी मिलती है। पत्र की सहायता से हम दूर बैठे व्यक्ति से भी अपनी भावनाओं को साझा कर सकते हैं।

2. यह आपके दिमाग को तेज रखता है।

आपकी मांसपेशियों की तरह आपके मस्तिष्क को भी व्यायाम की आवश्यकता होती है और जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है अपने दिमाग को चुनौती देना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है । लिखने से आपकी याददाश्त की क्षमता में सुधार होता है। जैसे-जैसे आप शब्द जानते और लिखते हैं, अपने विचारों को समझाने के लिए वाक्यों का निर्माण करते हैं तब आपका दिमाग सक्रिय होता है और मजबूत होता जाता है।

3. यादें

एक पत्र आपको उस पल में कैद कर लेता है जिस तरह से कोई ईमेल या फेसबुक स्टेटस नहीं कर सकता। क्या आपने कभी लोगों को अपने बिस्तर के नीचे एक बॉक्स में प्रेम पत्र रखने के बारे में सुना है? उसका एक कारण है!

पत्र लिखने का लाभ यह है कि यह आपको उन विचारों और भावनाओं को दिखा सकता है जो आपके पास थे, जो चीजें आपको पसंद और नापसंद थीं।

4. राइटिंग को सुधारने का मौका

यह आपकी लिखावट को सुधारने का मौका देता है। पत्र लिखने से न ही सिर्फ हमारे लेखन में सुधार होता है बल्कि हमारे शब्द भी सही होते जाते है और हम लिखने की आदत भी लग जाती हैं।

औपचारिक और अनौपचारिक पत्र में अंतर

औपचारिक और अनौपचारिक पत्रों के बीच मुख्य अंतर यह है कि औपचारिक पत्र किसी को professionally संबोधित करते हैं और अनौपचारिक पत्र किसी को व्यक्तिगत रूप से संबोधित करते हैं। अन्य अंतर नीचे दिए गए हैं:

  • औपचारिक पत्र को आधिकारिक या व्यावसायिक संचार के लिए लिखा जाता हैं जबकि अनौपचारिक पत्रों को व्यक्तिगत संचार के लिए लिखा जाता है।
  • औपचारिक पत्र को लिखने के लिए एक औपचारिक उद्देश्य का होना आवश्यक है जबकि अनौपचारिक पत्रों को हम बिना किसी औपचारिक उद्देश्य के भी लिख सकते है।
  • औपचारिक पत्र में किसी भी प्रकार की गलती नहीं होनी चाहिए जबकि अनौपचारिक पत्र में गलती हो सकती हैं।
  • औपचारिक पत्र का उपयोग व्यापार, ग्राहक, कॉलेज आदि के लिए किया जाता है जबकि अनौपचारिक पत्रों का उपयोग हम दोस्तों, रिश्तेदारों तथा परिचितों को भेजने के लिए उपयोग करते हैं।
  • औपचारिक पत्र एक विशेष नियम का पालन करते हैं, जबकि अनौपचारिक पत्र किसी भी नियम का पालन कर सकते हैं।
  • औपचारिक पत्र आमतौर पर टाइप किए जाते हैं, जबकि अनौपचारिक पत्र भी हाथ के द्वारा लिखे हो सकते हैं।
  • ज्यादातर औपचारिक पत्र एक पेज से अधिक लंबे नहीं होते हैं, जबकि अनौपचारिक पत्र कितने भी लम्बाई के हो सकते हैं।

अच्छे पत्र लेखन के लिए महत्वपूर्ण टिप्स

एक अच्छा पत्र लिखने के लिए नीचे दिए गए सुझावों का पालन किया जाता है।

  • आपको यह पता होना चाहिए की आप किस प्रकार के पत्र लिखेंगे। उदाहरण के लिए: प्रधानाध्यापक को पत्र लिखकर कुछ दिनों के लिए छुट्टी माँगना एक औपचारिक पत्र है, लेकिन लंबे समय के बाद प्रधानाध्यापक को पत्र लिखना एक अनौपचारिक पत्र होगा। इसीलिए आपको यह पहले ही तय कर लेना चाहिए।
  • औपचारिक पत्र में उचित तरीके से बात को शुरू और खत्म करना चाहिए जबकि अनौपचारिक पत्र सीधे अभिवादन वाले व्यक्ति को संबोधित किए जा सकते हैं। औपचारिक पत्र हमेशा सम्मानपूर्वक रूप से समाप्त होते हैं, जबकि अनौपचारिक पत्र भावनाओं के साथ समाप्त हो सकते हैं।
  • औपचारिक पत्रों में, पत्र के उद्देश्य को तुरंत स्पष्ट करना महत्वपूर्ण होता है। औपचारिक पत्र लिखने वाले व्यक्ति को जल्द से जल्द सीधे मुद्दे पर पहुंचना चाहिए। औपचारिक पत्र को ज्यादा बड़ा नहीं लिखना चाहिए।
  • औपचारिक या अनौपचारिक सभी प्रकार के पत्रों में विनम्र शब्दों का प्रयोग आवश्यक है। भले ही पत्र किसी शिकायत के बारे में हो लेकिन शिकायत को भी सावधानीपूर्वक और विनम्र तरीके से बताया जाना चाहिए।

FAQ

प्रश्न 1. पत्र से आप क्या समझते हो?


उत्तर :- पत्र, चिट्ठी या खत किसी कागज या अन्य माध्यम पर लिखे सन्देश को कहते हैं। 

प्रश्न 2. पत्र किसे कहते हैं?


उत्तर :- पत्र एक व्यक्ति (या लोगों के समूह) से दूसरे व्यक्ति को किसी माध्यम से भेजा गया लिखित संदेश है। कुछ पत्र-पत्रिका का अर्थ है कि यह पत्र लेखन का एक रूप है।

प्रश्न 3. पत्र की पुरानी परिभाषा क्या है?


उत्तर :- पत्र पुराने फ्रांसीसी लेटर से आया है, ” चरित्र, पत्र, या नोट “, लैटिन लिटरा से, “वर्णमाला का अक्षर,” और “एक लेखन या दस्तावेज़” भी। 

प्रश्न 4. पत्र किसने और कब लिखा था?


उत्तर :- यह पत्र 26 दिसंबर, 1914 को जिम द्वारा पत्नी कोनी मैकफर्सन को लिखा गया था, जो जर्मनों के खिलाफ युद्ध लड़ने गए थे।

प्रश्न 5. पत्र के प्रमुख अंग क्या है?


उत्तर :- पत्र लेखन के अनेक महत्वपूर्ण अंग होते है , जिसमें उचित संबोधन और अभिवादन, पत्र भेजने वाले का नाम एवं पता, पत्र पाने वाले का नाम एवं पता, विषय-वस्तु का शीर्षक, पत्र के अंत में शिष्टा चार पूर्ण समापन आदि होते है।

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